
अच्छे प्रबंधन के बाद भी अधिकांश लोगों को समय बीतने के साथ सीजोफ्रेनिया का दोबारा अनुभव (सीजोफ्रेनिया पुनरावृत्ति) होता है। हालांकि समय पर पहचान और लक्षणों के सही निदान की मदद से रोगी को अस्पताल में भर्ती होने की नोबत से बचा जा सकता है। तो चलिये जानें क्या और क्यों और कैसे दोबारा होता है सीजोफ्रेनिया और इससे बचाव व उपचार के क्या तरीके हैं।
सीजोफ्रेनिया एक प्रकार की मानसिक रोग की स्थिति है, जिसमें पीड़ित इंसान को हमेशा तरह-तरह की आवाजें सुनाई देती हैं। उसे लगता है कि दूसरे लोग उसके खिलाफ कोई षड्यंत्र रच रहे हैं और वह हमेशा लोगों पर शक करने लगता है। कुछ मामलों में इस तरह के रोगी खुद को ही बहुत शक्तिशाली मानने लगते हैं। दरअसल यह एक ऐसी अवस्था है, जिसमें दिमाग अपना काम ठीक से नहीं कर पाता। जिस वजह से मरीज की सोचने-समझने की शक्ति कमजोर होने लगती है या कहिये की खत्म हो जाती है और वह कोई भी फैसला ठीक से नहीं ले पाता। सीजोफ्रेनिया कई प्रकार जैसे सिम्पल सीजोफ्रेनिया, पैरानॉएड सीजोफ्रेनिया, हेबेफ्रेनिक सीजोफ्रेनिया या केटाटॉनिक सीजोफ्रेनिया का होता है।
सीजोफ्रेनिया एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें सतर्कता की बेहद जरूरत होती है। यहां तक कि प्रारंभिक उपचार की अच्छी सुविधा के बाद भी अक्सर इसके लक्षण लौटकर आ सकते हैं। इसके लक्षण जितनी जल्दी लौटकर आते हैं, इसके नियंत्रण की संभावना भी अधिक होती है।
2013 में बीएमसी के साइकेट्री जर्नल में प्रकाशित एक समीक्षा के अनुसार सीजोफ्रेनिया का उपचार किये गये रोगियों में से केवल 10 से 20 प्रतिशत ही ऐसे होते हैं, जिन्हें इस समस्या का दोबार अनुभव नहीं होता है। सीजोफ्रेनिया से पीड़ित इंसान को कई बार दोबारा इस रोग का अनुभव होता है।
न्यूयॉर्क शहर के माउंट सिनाई अस्पताल में मेडिसिन के आइकान स्कूल में एक मनोरोग की प्रोफेसर सोफिया फ्रांगौ के अनुसार सीजोफ्रेनिया का पूर्ण निदान विरले ही होता है। उनके अनुसार ज्यादातर लोगों के लक्षणों में एक क्रमिक पुनरावृत्ति का अनुभव होता है।
सीजोफ्रेनिया पुनरावृत्ति के लक्षण
कुछ सीजोफ्रेनिया पुनरावृत्ति बिना किसी चेतावनी के होती हैं, लेकिन जब प्रारंभिक लक्षण दिखाई देते हैं तो वे पुराने लक्षणों की समान ही होते हैं। सीजोफ्रेनिया पुनरावृत्ति के सामान्य लक्षमों में सामाजिक कटाव, इन्सेमेनिया, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, चिड़चिड़ापन, रुची में कमी, और मतिभ्रम शामिल होते हैं। इन लक्षणों को जानना महत्वपूर्ण होता है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए विशिष्ट तौर पर इन्हें जानना सीजोफ्रेनिया पुनरावृत्ति लक्षण कहलाता है, जो कि ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इसलिए पहले के लक्षणों को जानना और उनके प्रति सचेत रहना जरूरी होता है।
सीजोफ्रेनिया पुनरावृत्ति की पुनरावृत्ति के पीछे कई कारण जैसे, दवाई लेना बंद कर देना, नशा करना व ज्यादा तनाव में रहना प्रमुख होते हैं। लेकिन इसके लक्षणों की पुनरावृत्ति भी तनाव का कारण बन सकती है।
सीजोफ्रेनिया पुनरावृत्ति, होने पर सबसे पहला कदम
डॉ कौम्टन के अनुसार, "हो सकता है कि आप सीजोफ्रेनिया पुनरावृत्ति को रोक न पाएं, लेकिन जल्दी पहचान और इलाज रोगी को हॉस्पिटलाइज्ड होने से रोक सकता है।" ऐसे में सबसे पहला कदम होता है कि उस व्यक्ति के डॉक्टर को जल्द ही बुलाया जाए और उसे जरूरी मेडिकेशन दिया जाए। इसके अलावा निम्न चीजें भी की जानी चाहिएं-
- उचित दवाएं देते रहना
- तनाव से बचाव
- नशे से बचाव
- पौष्टिक भोजन और पर्याप्त नींद
- समाज के साथ मेल-जोल बनाए रखना
- शोशल सपोर्ट
- मनोसामाजिक (साइकसोशल) उपचार
डॉ कौम्टन के अनुसार, मनोसामाजिक उपचार रोगी और उसके परिवार को इस समस्या के साथ रहना सिखाता है। इसके अंतर्गत व्यक्ति, समूह, या परिवार की शिक्षा के साथ काउंसलिंग शामिल होती है। सही प्रकार से मनोसामाजिक उपचार देने से सीजोफ्रेनिया पुनरावृत्ति से बचने में बहुत मदद होती है।
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