
पिगमेंटेशन (pigmentation) किसी को भी हो सकता है। इसकी शुरुआत खराब स्किन केयर रूटीन और सूरज से आने वाली हानिकारक किरणों के कारण होती है।पिगमेंटेशन कई प्रकार के होते हैं जैसे कि मेलास्मा (Malasma), जो कि हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है और प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ जाता है। तो, दूसरा लीवर स्पॉट या सोलर लेंटिगिन (solar lentigines)जो कि सनस्पॉट की वजह से होता है और तीसरा हमारी स्किन केयर से जुड़ी चीजों के कारण होने वाले हाइपरपिगमेंटेशन (hyperpigmentation) , जो कि ज्यादातर लोगों को होता है। पर हमारी कुछ आदतें पिगमेंटेशन को और खराब कर सकती हैं और इसे बदतर बना सकती है। ऐसे में हमें इन आदतों के बारे में जानना चाहिए और इनमें सुधार की कोशिश करनी चाहिए। तो, आइए आज जानते हैं पिगमेंटेशन बढ़ाने वाले कुछ ऐसी ही आदतें के बारे में विस्तार से।
पिगमेंटेशन बढ़ाने वाली आदतें
1. बिना सन पोटेक्शन के धूप में घूमना
सूरज की हानिकारक किरणेंपिगमेंटेशन को बढ़ाने का काम करती है। दरअसल, सूरज की हानिकारक किरणें त्वचा में मेलेनिन (melanin) को बढ़ाता है। ये मेलेनिन (melanin) पिगमेंटेशन बढ़ाने का काम करती है। इसलिए कोशिश करें कि जब भी घर से बाहर निकलें या फिर धूप में निकलें, चेहरा ढक कर निकलें। इसके अलावा आप सन प्रोटेक्शन क्रीम का इस्तेमाल जरूर करें ताकि इसे लगाने से आपकी त्वचा धूप से निकलने वाली हानिकारक किरणों से बची रहे।
2. किसी भी प्रकार का सनस्क्रीन लगाना
ध्यान रहे कि थोड़ी मात्रा में सनस्क्रीन लगाना लगभग कुछ भी न लगाने के समान है। साथ ही किसी भी प्रकार का सनस्क्रीन इस्तेमाल करना भी त्वचा के लिए फायदेमंद नहीं है। याद रखें कि एसपीएफ (SPF) तभी सक्रिय हो सकता है जब आप सही मात्रा में उपयोग करें। तो, आपकी त्वचा पर काले धब्बों से बचाने के लिए सही और अच्छी मात्रा में सनस्क्रीन का उपयोग करें। इसके अलावा एक बात जो बेहद जरूरी है वो ये है कि गलत सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से आप त्वचा में पिगमेंटेशन से बच नहीं सकते हैं। इसलिए वैसे सनस्क्रीन का चुनाव करें जो कि आपकी स्किन के अनुसार सही हो। जैसे कि आप एसपीएफ 50, एसपीएफ 45 और एसपीएफ 30 वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप सनबर्न (Sunburn) को रोकने के लिए जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम ऑक्साइड से भरपूर सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए जहां भी जाएं सनस्क्रीन जरूर लगा कर जाएं।
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3. हाइड्रोक्विनोन क्रीम (hydroquinone cream) का ज्यादा इस्तेमाल
पिगमेंटेशन को कम करने के लिए ज्यादातर लोग हाइड्रोक्विनोन क्रीम (hydroquinone cream) का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इससे भले ही एक हद तक पिगमेंटेशन कम हो जाता है पर ये त्वचा में ड्राक पैचेस को और गहरा कर देता है। इसके अलावा हाइड्रोक्विनोन से भरपूर किसी भी स्किन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से बचें क्योंकि ये त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं।
4. चेहरे पर एक्ने और ब्लैक हेड्स निकालने की आदत
ये आदत हम सभी में होती है। जैसे कि एक्ने और ब्लैक हेड्स लगभर हर किसी को होती है और हम में से ज्यादातर लोग उसे उसी समय फोड़ने या फिर निकालने की कोशिश करते हैं। ऐसे में जब आप एक्ने को फोड़ने की कोशिश करते हैं या फिर ब्लैक हेड्स निकालने की कोशिश करते हैं, तो आस पास की त्वचा चोटिल हो जाती है और वहां पिगमेंटेशन हो जाता है। साथ ही थोड़े दिनों बाद आप अपने एक्ने और ब्लैक हेड्स पर भी पिगमेंटेशन देखेंगे, जो कि इसके दाग के साथ और गहरा जाता है। इसलिए ब्लैक हेड्स निकालने का सही तरीका जानें और एक्ने होने पर उसे खुद ही ठीक होने दें।
5. गलत फेस केयर रूटीन
जब हम गलत फेस केयर रूटीन कहते हैं, तो हमारा मतलब है कि अपने चेहरे को साफ करने के लिए सही तकनीक और सामग्री का उपयोग न करना। खासतौर पर हाइपरपिग्मेंटेशन से पीड़ित लोग, जो कि अपने चेहरे को साफ करने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करते हैं। या वो लोग लोग जो नियमित रूप से अपने चेहरे पर भाप भी लेते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि गर्म पानी भाप लेना या फिर फेस स्टीमिंग आपकी त्वचा में मेलानोसाइट कोशिकाओं को सक्रिय करती है, जिससे हाइपरपिग्मेंटेशन पैच या स्पॉट का आकार बढ़ जाता है। मेलानोसाइट कोशिकाएं त्वचा के एपिडर्मिस भाग में स्थित होती हैं और मेलेनिन का उत्पादन करती हैं। इससे त्वचा काली हो जाती है। इस तरह ये हाइपरपिग्मेंटेशन को खराब करता है।
6. गलत फेशियल क्लीन्जर का उपयोग करना
नकली फेशियल क्लीन्जर का उपयोग या फिर गलत नकली फेशियल क्लीन्ज़र का इस्तेमाल हाइपरपिग्मेंटेशन को बढ़ा सकता है। दरअसल, नकली और असली क्लींजर के बीच अंतर सामग्री का है। ऐसे में आपको अपने स्किन केयर एक्सपर्ट से बात करके ही अपनी स्किन के अनुसार सही चीजों का चयन करना चाहिए। क्योंकि गलत क्लींजर के तत्व त्वचा में जलन और मुंहासों का कारण बनते हैं। इसलिए, अगर आप हाइपरपिग्मेंटेशन से बचना चाहते हैं तो आपको नकली फेशियल क्लींजर से बचना चाहिए।
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7. स्ट्रेस और अनहेल्दी डाइट
स्ट्रेस और अनहेल्दी डाइट दो ऐसी चीजें हैं जो कि पिगमेंटेशन को बढ़ाते हैं। जैसे कि कुछ प्रोसेस्ड फूड्स जो कि अनहेल्दी फैट्स से भरपूर होते हैं और सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं।इसके अलावा कुछ डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कि दूध, दही और घी आदि भी स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं, स्ट्रेस आपकी स्किन को खराब करता है और पिगमेंटेंशन को बढ़ाता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होती है और आपको एक्ने आदि की समस्या हो जाती है। इसलिए आपको साफ त्वचा के लिए स्वस्थ आहार का पालन करना चाहिए। एक साफ, लोचदार और जीवंत त्वचा के लिए एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स का सेवन करें। जैसे कि हरी सब्जियां जैसे केल और पालक, मछली जैसे सैल्मन, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली और विटामिन सी से भरपूर खट्टे फल। इसके अलावा आप गाजर, खुबानी और ड्राई फ्रूट्स आदि का भी सेवन कर सकते हैं। साथ ही स्ट्रेस कम करने के लिए आपको योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज करना चाहिए। ये ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और स्किन को हेल्दी रखता है। साथ ही त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए खूब पानी पिएं।
इसके अलावा ग्लोइंग स्किन के लिए गंदे तकिये पर सोने से परहेज करें। क्योंकि यह आपकी त्वचा में धूल और बैक्टीरिया को स्थानांतरित कर सकता है, जिसके कारण ब्रेकआउट हो सकते हैं। साथ ही गलत उत्पादों का उपयोग करने से बतें और त्वचा के लिए सही प्रोडक्ट्स का चयन करें और याद रखें अपना चेहरा पर्याप्त रूप से न धोने से आपके छिद्रों में गंदगी, धूल और प्रदूषक जमा हो सकते हैं जो कि मुंहासे, ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसलिए जितना हो सकते अपने त्वचा की साफ-सफाई और रख रखाव पर खास ध्यान दें।
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