गर्भावस्था के दौरान जब सामान्य प्रसव नहीं होता है तो सीजेरियन सेक्सन सर्जरी की मदद ली जाती है। आजकल तो ये बेहद आम भी हो गई है। इस सर्जरी के द्वारा गर्भ से भ्रूण को आपरेशन कर निकाला जाता है। इस सर्जरी के बाद स्थिति सामान्य होने में सामान्य प्रसव से थोड़ा ज्यादा समय लगता है। लेकिन सी-सेक्शन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें भी हैं जो शायद आपका डॉक्टर आपको न बताए। चलिये जानें क्या हैं सी-सेक्शन से जुड़ी वो चीज़ें जो शायद डॉक्टर आपको न बताए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट
दुनिया भर में ऑपरेशन के जरिए प्रसव के चलन पर चिंता जताते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सलाह दी है कि यह प्रक्रिया तभी इस्तेमाल की जानी चाहिये जब मेडिकल तौर पर बेहद जरूरी हो। डब्ल्यूएचओ ने साफ किया कि ऑपरेशन के जरिए होने वाली डिलीवरी का मां और बच्चे पर हानिकारक प्रभाव होता है।
डब्ल्यूएचओ में रिप्रोडक्टिव हेल्थ एंड रिसर्च की डायरेक्टर मेर्लिन टिमरमैन ने कहा, ‘कई विकासशील एवं विकसित देशों में ऑपरेशन के जरिए प्रसव की महामारी देखी जा रही है और हम देखते हैं कि ऐसे मामलों में भी तुरंत ऑपरेशन कर दिए जाते हैं जहां ऑपरेशन की जरूरत भी नहीं होती है। यह प्रसव का एक सुरक्षित तरीका तो है लेकिन फिर भी यह ऑपरेशन ही है जिसका नकारात्मक और नुकसानदेह असर मां और बच्चे पर हो सकता है।’ गौरतलब है कि ब्राजील, साइप्रस और जॉर्जिया जैसे कुछ मध्यम आय वाले देशों में ऑपरेशन के जरिए होने वाले प्रसव 50 प्रतिशत से अधिक हैं।
सी-सेक्शन के खतरे
सी-सेक्शन कराने वाली महिलाओं को सामान्य डिलिवरी करवाने वाली महिलाओं के बनिस्पद इंफेक्शन होने की आशंका अधिक होती है। उन्हें अधिक रक्त बहने, रक्त के थक्के जमने, पोस्टपार्टम दर्द, अधिक समय तक अस्पताल में रहना और डिलिवरी के बाद उबरने में अधिक समय लगना, जैसी परेशानियां हो सकती है। वहीं इन्हें ब्लैडर में चोट आदि जैसी दुर्लभ समस्याएं भी हो सकती है।
शोध इस बात को प्रमाणित कर चुके हैं कि सी-सेक्शन के जरिये 39 हफ्तों से पैदा हुए बच्चों को श्वसन संबंधी तकलीफ होने की आशंका सामान्य रूप से जन्म लेने वाले बच्चों की तुलना में अधिक होती है। साथ ही इससे अधिक बच्चों के जन्म जटिलताएं बढ़ जाती हैं। हालांकि, यह बात भी सही है कुछ परिस्थितियों में सी-सेक्शन जरूरी हो जाता है। इसके बिना मां तथा शिशु दोनों के जीवन को खतरा भी पैदा हो सकता है। लेकिन अपने डॉक्टर से इस बात की जानकारी जरूर ले लें कि आखिर आपको सी-सेक्शन करवाने की जरूरत क्यों है। इसके साथ ही उससे सी-सेक्शन के संभावित लाभ एवं खतरों के बारे में भी पूरी जानकारी लें।
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