Parenting Tips: बच्चे की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है पेरेंट्स को उसकी पढ़ाई, संस्कार और आसपास के वातावरण की बहुत ज्यादा चिंता होती है। पहले सिर्फ डैड ही वर्किंग हुआ करते थे, जिसकी वजह से मॉम बच्चों पर पूरा फोकस रख पाती थी, लेकिन अब दोनों पेरेंट्स वर्किंग होते है। माता-पिता दोनों के वर्किंग होने के कारण पेरेंट्स बच्चों के लिए बोर्डिंग स्कूल पर ज्यादा जोर देते हैं। पेरेंट्स को ऐसा लगता है कि बच्चे को बोर्डिंग स्कूल भेजने से न सिर्फ उसका करियर अच्छा बनेगा बल्कि उन्हें ज्यादा चीजों को मैनेज नहीं करना पड़ेगा। अगर आप भी अपने बच्चे को बोर्डिंग स्कूल भेज रहे हैं या भेजने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ खास बातें जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।
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बच्चों को बोर्डिंग स्कूल भेजते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए- Parents Need To Know Before Sending Their Child Boarding School
बच्चे की उम्र की सीमा
बोर्डिंग स्कूल में हर उम्र के बच्चों को एडमिशन नहीं मिल जाता है। बोर्डिंग स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों के लिए उम्र की एक सीमा की गई है। 12 से 14 साल की उम्र के बच्चों को ही बोर्डिंग स्कूल में दाखिला मिल पाता है। ये वो उम्र होती है जब बच्चों को उनके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा ये समझ में आने लगता है। इसलिए उन्हें बोर्डिंग स्कूल में भेजने से पहले बात करना बहुत जरूरी होता है। बोर्डिंग स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाने से पहले उसे मानसिक तौर पर तैयार जरूर करें।
दिक्कतों के बारे में पहले से बता दें
ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए भी बोर्डिंग स्कूल पर फोकस करते हैं। ऐसा होता भी है, लेकिन की बार बच्चे की परवरिश बहुत लाड़-प्यार में होती है उन्हें बोर्डिंग स्कूल में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बोर्डिंग स्कूल के नियम बहुत ज्यादा हार्ड होते हैं। वहां खाने-पीने, टीवी देखने, स्कूल जाने, खेलने यहां तक की सोने का वक्त भी तय होता है। इसलिए बच्चों को बोर्डिंग स्कूल भेजने से पहले वहां होने वाली दिक्कतों के बारे में जरूरत बता दें।
करियर पर ध्यान देना है जरूरी
अगर पेरेंट्स बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में दाखिला दिलाना चाहते हैं, तो उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि भविष्य में उनका बच्चा किस तरह के करियर का चुनाव करना चाहता है। अगर बोर्डिंग स्कूल बच्चे को उनके मनपसंद करियर में मदद करेगा, तो ही उसे बोर्डिंग स्कूल भेजें।
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खाने-पीने की आदतें
आजकल कई पेरेंट्स बच्चों की खाने पीने की आदतों में जंक फूड्स को शुमार कर देते हैं। सुबह का नाश्ता, लंच और डिनर में भी पेरेंट्स बच्चों को ब्रेड, चिप्स और कोल्ड ड्रिंक दे देते हैं। लेकिन बोर्डिंग स्कूल में बच्चों को ये सभी चीजें हमेशा नहीं मिल सकती हैं। खाने पीने के मामले में अगर आपका बच्चा जिद्दी है तो बोर्डिंग स्कूल भेजने से पहले उसकी आदतों में सुधार कर लें। कई बार बोर्डिंग स्कूल में बच्चों को मनचाहा खाना न मिलने की वजह से वो परेशान हो जाते हैं और बीमार पड़ सकते हैं।
बच्चा आपके फैसले से सहमत है या नहीं
बच्चे का बोर्डिंग स्कूल भेजने के फैसले से वो खुद सहमत है या नहीं ये चीज जानना बहुत जरूरी होता है। कई बार पेरेंट्स से दूर रहना बच्चों के मानसिक तौर पर चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए उससे बात करें। अगर आपका बच्चा बोर्डिंग स्कूल जाने से खुश नहीं है तो उसे न भेजा जाए, उसे मनाने की कोशिश करें।
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