फेफड़ों के लिए खतरनाक है Secondhand Smoke, जानें क्या है ये और अपने फेफड़ों का कैसे करें इससे बचाव

हमारे फेफड़े ज्यादातर अपनी सफाई खुद ही कर लेते हैं, लेकिन कुछ चीजें हैं जिसकी मदद से आप सेकंड हैंड स्मोक को अपने फेफड़ों से दूर रख सकते हैं। 
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फेफड़ों के लिए खतरनाक है Secondhand Smoke, जानें क्या है ये और अपने फेफड़ों का कैसे करें इससे बचाव

फेफड़े हमारे शरीर के मुख्य अंगों में से एक है। भले ही हम में से अधिकांश लोग फेफड़े के बारे में तब तक नहीं सोचते जब तक कि हम में से अधिकांश लोगों को इससे जुड़ी कोई परेशानी न हो। सेकंड हैंड स्मोक (Secondhand Smoke) कुछ ऐसा ही है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते और ये उनकी फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा होता है। सेकंड हैंड धुएं से शिशुओं और बच्चों में कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, जिनमें अधिक गंभीर अस्थमा अटैक, श्वसन संक्रमण, कान में संक्रमण और अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (एसआईडीएस) शामिल हैं। तो आइए जानते कि कैसे सेकंड हैंड स्मोक हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है (Health Risks of Secondhand Smoke)।

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क्या है सेकंड हैंड स्मोक (Secondhand Smoke)

हम जिस हवा में सांस लेते हैं, वह कई तरह के प्रदूषकों से दूषित हो सकती है। पराग से लेकर रसायन तक जो कुछ हमारे आसपास के हवा में मिला हुआ है, ये सब हमारे फेफड़ो में प्रवेश कर सकता है और जानलेवा हो सकता है। वहीं सेकंड हैंड का शरीर पर कई तरह से प्रभाव पड़ता है (Health Effects of Secondhand Smoke)। जैसे कि 

  • -सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में हृदय प्रणाली पर तत्काल प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और इससे कोरोनरी हृदय रोग और स्ट्रोक हो सकता है।
  • -संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल दिल की बीमारी से लगभग 34,000 लोगों की मौत का कारण सेकेंड हैंड धुआं है।
  • -नॉनस्मोकर्स जो घर पर या काम पर सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में हैं, उनमें हृदय रोग विकसित होने का खतरा 25-30% तक बढ़ जाता है।
  • -सेकंड हैंड स्मोक से स्ट्रोक का खतरा 20−30% बढ़ जाता है।
  • -सेकेंड हैंड स्मोक एक्सपोजर से सालाना स्ट्रोक से 8,000 से ज्यादा मौतें होती हैं।
  • -ब्रीदिंग सेकंड स्मोक आपके रक्त और रक्त वाहिकाओं पर तत्काल प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है ।
  • - सेकेंड हैंड धुएं हृदय, रक्त और संवहनी प्रणालियों के सामान्य कामकाज में हस्तक्षेप करते हैं जो दिल का दौरा पड़ने के जोखिम को बढ़ाते हैं।
  • -यहां तक कि सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने से रक्त वाहिकाओं (Blood vessles) के अस्तर को नुकसान पहुंच सकता है और आपके ब्लड प्लेटलेट्स चिपचिपे हो सकते हैं। इन बदलावों से जानलेवा दिल का दौरा पड़ सकता है।
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घर में सेकंड हैंड स्मोक के सोर्स कौन से हैं?

  • -सिगरेट और सिगार जैसे तंबाकू उत्पादों को जलाने से सेकंड हैंड धुंआ निकलता है।
  • -अगरबत्ती और सेंटेड कैंडल से निकलने वाला धुंआ।
  • -किचन से निकलने वाला धुंआ।
  • -किसी पास्टिक की चीज के जलने का धुआं और बाहरी गंदगी।

घर में एक एयर प्यूरीफायर लगा लें

अपने घर में हवा की गुणवत्ता में सुधार करके अपने फेफड़ों को साफ करना शुरू करें। इसके लिए आप एक एयर प्यूरीफायर खरीद सकते हैं, जिसे अलग-अलग कमरों में रखा जा सकता है। इस तरह घर के अंदर की हवा के सेकंड हैंड स्मोक को ये साफ कर देंगे।

अपने घर के फिल्टर बदलें

एयर प्यूरीफायर लगवाने के साथ-साथ आपको अपने घर के सभी फिल्टर को बदलना चाहिए और सभी वेंट को साफ करना चाहिए, जैसे कि बाथरूम या अपने एयर कंडीशनिंग या हीटिंग वेंट्स में।हर छह महीने में अपने एयर फिल्टर को भी बदलना सुनिश्चित करें। ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ये घर में संक्रमण फैला सकते हैं।

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घर में आर्टिफिशियल सेंट्स का इस्तेमाल न करें

आप सोच सकते हैं कि आप एयर फ्रेशनर, मोमबत्तियों और लोकप्रिय वैक्स वार्मर्स के सुगंध से अपने घर में हवा को अच्छा बना रहे हैं पर ऐसा है नहीं। दरअसल ये सुगंध अक्सर हानिकारक रसायनों से भरी होती हैं, जो आपके फेफड़ों को परेशान कर सकती हैं। यहां तक कि घरेलू क्लीनर भी एलर्जी पैदा कर सकते हैं। इसलिए घर में ऐसी चीजों का इस्तेमाल न करें।

सुबह-शाम बाहर की हवा लें

ताजी हवा से आपके फेफड़ों में ऊतकों का विस्तार करने और उन्हें ठीक से काम करने में मदद मिल सकती है। अपने क्षेत्र में प्रदूषण के पूर्वानुमान की जांच करें। प्रदूषण की संख्या अधिक होने पर बाहर व्यायाम करने से बचें और कचरा, जलती हुई लकड़ी, या अन्य प्रकार के धुएं से दूर रहें। वहीं अगर आप एक हरियाली वाली जगह में रहते हैं तो शाम-सुबह बाहर की हवा लें। साथ ही इन चीजों का ध्यान रखें जैसे कि

  • -प्राणायाम करें
  • - एंटी इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ का सेवन करें।
  • -हेल्दी फैट्स का इस्तेमाल करें।
  • -एरोबिक एक्सरसाइज करें।

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