धूम्रपान करना सेहत के लिए खतरनाक है क्योंकि इससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धूम्रपान करने की आदत आपको कोरोना वायरस का भी शिकार बना सकती है? जी हां, जिन लोगों को स्मोकिंग की लत है, उनके लिए एक बुरी खबर है। हाल में हुई एक स्टडी में बताया गया है कि स्मोकिंग करने वाले लोगों के फेफड़ों में एक खास प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे ACE2 प्रोटीन कहते हैं। ये वही प्रोटीन है, जो कोरोना वायरस के लिए रिसेप्टर का काम करता है। यही कारण है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा शिकार वो लोग हैं, जिन्हें धूम्रपान करने की लत है। इस स्टडी को Developmental Cell नाम की मैग्जीन में छापा गया है।
स्मोकिंग करने वालों को कोरोना वायरस का ज्यादा खतरा
स्टडी के मुताबिक जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उन्हें कोरोना वायरस की चपेट में आने का और सीरियस कंडीशन का खतरा अन्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा होता है। इसका कारण वो ACE2 प्रोटीन है, जो SARS-CoV-2, यानी कोरोना वायरस को सेल्स के साथ बॉन्डिंग बनाने में मदद करता है। स्टडी के अनुसार लगातार धूम्रपान करने वाले लोगों के फेफड़ों में ये प्रोटीन ज्यादा पाया गया है। इसलिए ऐसे लोगों के गंभीर स्थिति में जाने और मरने का खतरा ज्यादा है।
इसे भी पढ़ें: कोरोना वायरस वैक्सीन के पहले ह्यूमन ट्रायल में मिले बेहतर परिणाम, साल के अंत तक वैक्सीन आने की उम्मीद जगी
टॉप स्टोरीज़
फेफड़ों में ही होता है प्रोटीन का उत्पादन
फिलहाल ये रिसर्च चूहों पर की गई है और जल्द ही इंसानों पर इसके ट्रायल की तैयारी चल रही है। लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार ACE2 प्रोटीन का निर्माण इंसानों में फेफड़ों में ही होता है। इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने स्मोकिंग करने वाले और स्मोकिंग न करने वाले लोगों के फेफड़ों के टिशूज का अध्ययन किया। अध्ययन में पाया गया कि जो लोग धूम्रपान करते थे, उनके फेफड़ों में ACE2 प्रोटीन का निर्माण, धूम्रपान न करने वालों की अपेक्षा 30% से लेकर 55% तक ज्यादा पाया गया।
कैसे प्रभावित करता है कोरोना वायरस?
अभी तक की जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस इंसान के शरीर में 3 द्वार से प्रवेश कर सकता है- आंख, नाक और मुंह। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद जब ये वायरस सामने वाले के शरीर में प्रवेश करता है, तो अपने लिए ऐसे सेल रिसेप्टर्स को ढूंढता है, जिससे चिपककर ये सेल के मेटाबॉलिज्म को हाईजैक कर सके। ACE2 वही रिसेप्टर है, जो व्यक्ति के श्वसनतंत्र में पाया जाता है। एक तरफ जहां वायरस रिसेप्टर ढूंढकर अपनी संख्या बढ़ाने में लग जाता है, वहीं इंसान का प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) उसे रोकने का प्रयास करता है, जिसके परिणाम स्वरूप बुखार, खांसी जैसे लक्षण दिखना शुरू होते हैं।
इसे भी पढ़ें: क्या हर दिन खतरनाक होता जा रहा है कोरोना वायरस? वैज्ञानिकों ने खोजा- लगातार बदल रहा है वायरस का स्वरूप
फिर धूम्रपान करने वालों को ही क्यों है ज्यादा खतरा?
कोरोना वायरस के बहुत सारे शिकार लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम इस वायरस को रोक कर रखने में सफलता प्राप्त कर लेता है और इसके खिलाफ एंटीबॉडी बना लेता है। लेकिन जो लोग स्मोक करते हैं, उनके फेफड़ों में ACE2 प्रोटीन ज्यादा मात्रा में होता है, इसलिए प्रवेश करने के साथ ही वायरस तेजी से अपनी संख्या बढ़ाने में सफल हो जाता है और इस अचानक हुए अटैक से व्यक्ति का इम्यून सिस्टम भी नहीं लड़ पाता है। वैसे भी धूम्रपान करने वाले लोगों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है।
Read More Articles on Miscellaneous in Hindi