इस समय पूरी मानव सभ्यता जिस एक चीज की तरफ आस लगाए अपने-अपने घरों में बैठी है, वो है कोरोना वायरस की वैक्सीन। कोरोना वायरस जिसने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी है, अब तक लगभग 49 लाख लोगों को संक्रमित कर चुका है। दुनियाभर में इस वायरस के कारण 3 लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। बीती शाम तक भारत में इस वायरस के संक्रमितों की संख्या 1 लाख पार कर गई और मरने वालों का आंकड़ा 3 हजार से ज्यादा हो गया। पूरी दुनिया के विकास की गति इस एक वायरस के कारण रुकी हुई है। ऐसे में हर कोई चाहता है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) जल्द से जल्द बने, ताकि इससे पैदा होने वाली बीमारी कोविड-19 से छुटकारा मिल सके।
इसी संदर्भ में सोमवार को यूएस से एक अच्छी खबर आई है, जहां अमेरिका की एक दवा कंपनी ने पहली बार अपनी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल (Coronavris Vaccine Human Trial) किया और इसके रिजल्ट्स अच्छे और संतुष्टिजनक रहे हैं। इसी वजह से एक बार फिर से ये उम्मीद जगी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बात कही थी, कि इस साल के अंत तक कोरोना वायरस की वैक्सीन बन जाएगी, वो सच साबित हो सकती है।
ह्यूमन सेफ्टी टेस्ट पास करने वाली पहली वैक्सीन
'द वाशिंगटन पोस्ट' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यूएस की दवा कंपनी मॉडर्ना ने इस वैक्सीन को बनाया है और फर्स्ट स्टेज ह्यूमन ट्रायल में इस वैक्सीन को 8 लोगों पर टेस्ट किया गया है। इस टेस्ट में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। मॉडर्ना मैसेचुसेट्स की एक बायोटेक्नोलॉजी कंपनी है, जिसने वैक्सीन का पहला ह्यूमन सेफ्टी टेस्ट पास कर लिया है।
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वैक्सीन के ट्रायल में दिखे बेहतर परिणाम
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रायल के लिए 8 प्रतिभागियों को मॉडर्ना कंपनी के द्वारा बनाई गई वैक्सीन की लो (Low) और मीडियम (Medium) डोज दी गई। ट्रायल के बाद पाया कि इस वैक्सीन के प्रयोग से उनके खून में वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडीज का स्तर उन लोगों से कहीं ज्यादा था, जो कोरोना वायरस से ठीक हो रहे हैं। इससे यह कहा जा सकता है कि इस वैक्सीन के जरिए लोगों को कोरोना वायरस के प्रति इम्यून बनाया जा सकता है, लेकिन अभी इस संदर्भ में और टेस्ट किए जाने जरूरी हैं। ये वैक्सीन RNA आधारित है।
जुलाई में किया जाएगा तीसरा बड़ा ट्रायल
वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में सकारात्मक रिजल्ट मिलने के बाद कंपनी अब इसके दूसरे और तीसरे टेस्ट की तैयारी में लग गई है। रिपोर्ट के अनुसार तीसरा ट्रायल बड़े स्तर पर किया जाएगा, जिसे जुलाई तक पूरा कर लेने की उम्मीद है। इसी ट्रायल के बाद रेगुलेटर्स ये फैसला करेंगे कि वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक अगर कंपनी इस वैक्सीन का तीसरा टेस्ट भी पास कर लेती है, तो वो लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकती है।
इस महीने कंपनी को फूंड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से 600 लोगों पर ट्रायल करने की परमिशन भी मिल गई है। इसलिए कंपनी जल्द ही वैक्सीन का फेज़ 2 ट्रायल शुरूी करने की तैयारी कर चुकी है।
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शुरुआती परिणामों में सुरक्षित दिखी वैक्सीन
वैक्सीन के ट्रायल के दौरान ये पूरी तरह सुरक्षित पाई गई है। केवल उन लोगों के इंजेक्शन प्वाइंट पर थोड़े लाल निशान देखे गए, जिन्हें वैक्सीन का हाई डोज दिया गया था। यही कारण है कि कंपनी ने फैसला किया है कि आगे के ट्रायल में वो हाई डोज का प्रयोग नहीं करेगी। हालांकि कंपनी ने अभी भी इसके डोज को तय नहीं किया है। आगे के ट्रायल्स के बाद इसके डोज की सीमा तय की जाएगी।
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