World No Tobacco Day in Hindi : हम सभी जानते हैं कि तंबाकू का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है लेकिन फिर भी हम इसे खाने से बाज नहीं आते। बहुत से लोग सोचते हैं कि तंबाकू का सेवन करने से सिर्फ मुंह या फिर फेफड़ों का ही कैंसर होता है लेकिन ऐसा नहीं है। आप नहीं जानते कि तंबाकू के सेवन (No Tobacco Day) से हमारा शरीर 9 अलग अलग कैंसर का शिकार हो सकता है। एक्शन कैंसर अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के एचओडी डॉक्टर जे. बी. शर्मा ने ONLYMYHEALTH से बातचीत में तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य के नुकसान (No Tobacco Day) से जुड़ी अहम जानकारियां साझा की। आइए आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर जानते हैं तंबाकू के सेवन से कौन-कौन से कैंसर हो सकते हैं-
तंबाकू के सेवन से कौन-कौन से कैंसर हो सकते हैं?
तंबाकू के सेवन से फेफड़ों का ख़राब होना या फेफड़ों के ही कैंसर का अक्सर ख्याल आता है, लेकिन ध्यान रहे तंबाकू का सेवन किसी एक प्रकार का कैंसर नहीं, बल्कि इसकी वजह से कई तरह के कैंसर हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं-
- 1. मुंह का कैंसर
- 2. लिवर का कैंसर
- 3. किडनी का कैंसर
- 4. एसोफेगस का कैंसर
- 5. पेट का कैंसर
- 6. ब्लड कैंसर
- 7. आंतों का कैंसर
- 8. पैन्क्रियाज का कैंसर
- 9. सर्विकल कैंसर
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तंबाकू से होने वाले कैंसर के शुरुआती संकेत क्या हैं ?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि तंबाकू का सेवन किस रूप में किया जा रहा है। यदि तंबाकू चबाते हैं तो मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण के रूप में गाल के अंदर वाले भाग में सफ़ेद पैच नज़र आ सकता है जो गंभीर होते होते लाल हो जाता है और उसके बाद अल्सर बन जाता है।
- एसोफेगल कैंसर की शुरुआती हो चुकी है तो गले से खाना निगलने में दिक्कत हो सकती है, और समस्या बढ़ने पर व्यक्ति पानी भी ठीक प्रकार नहीं निगल सकता।
- यदि धूम्रपान करते हैं तो लगातार खांसी, गाला बैठ जाना, वजन काम होने लगना, सांस फूलना, खांसी में बलगम के साथ खून आना आदि फेफड़े के कैंसर के शुरुआती चरण हो सकते हैं।
तंबाकू के सेवन से शरीर में किस-किस प्रकार की समस्या हो सकती है?
तंबाकू का सेवन शरीर में समस्याओं के अलावा कुछ देता ही नहीं है। तंबाकू का या धूम्रपान का धुंआ मानव शरीर की जिस भी कोशिका के संपर्क में आता है उसे हानि पहुंचाता है जो आगे चलकर गंभीर बीमारियों से लेकर कैंसर तक में तब्दील होती है।
- तंबाकू फेफड़े के कैंसर का कारण तो बन ही सकता है साथ ही तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति को फेफड़े संबंधी अन्य रोग जैसे सीओपीडी, टीबी, निमोनिया आदि का जोखिम अधिक होता है।
- तंबाकू का सेवन टाइप 2 डायबिटीज, एसिडिटी की समस्या, दृष्टिदोष का भी कारण बनता है, और हड्डियों से कैल्शियम कम कर देता है जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
- तंबाकू का सेवन करने वाली महिलाओं में इन तमाम जोखिमों के अलावा प्रीमेच्योर मेनोपोज़, स्पॉन्टेनियस एबॉर्शन, सर्विकल कैंसर का जोखिम होता है।
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- तंबाकू के सेवन से होने वाले कैंसर में क्या निकोटिन से बचाव किया जा सकता है ?
- यहां इसे ऐसे समझा जा सकता है कि तंबाकू में मौजूद निकोटिन होता है जिसकी तलब तंबाकू की लत में बदल जाती है। ऐसे में निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी के निश्चित रूप से कारगर होने की संभावना होती है।
तंबाकू के सेवन से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है?
सबसे पहले तो यह ध्यान दें कि दृढ इच्छाशक्ति से तंबाकू की लत पर काबू पाया जा सकता है, आप इसको छोड़ने के लिए कोई भी तकनीक अपनाएं लेकिन सबसे पहले दृढ निश्चय करें और यही आपको तंबाकू से निजात में सबसे अधिक मदद करेगा।
- तंबाकू के सेवन से छुटकारा पाने के लिए अक्सर निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी की सलाह दी जाती है, अपने संबंधित डॉक्टर से इस विषय पर परामर्श लें।
- धीरे धीरे तंबाकू के सेवन की अवधि का मात्रा घटाएं, तंबाकू के सेवन के लिए साथ देने वाले समूह से दूरी बनायें और उनको भी इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करें।
- यदि तंबाकू की तलब लगे तो मुंह में कुछ अन्य चीज़ चबाने के लिए डाल लें जैसे च्विंग गम, टॉफ़ी आदि।
- खुद को मानसिक रूप से तैयार करें, किसी मनपसंद गतिविधि में मन लगाएं, कसरत आदि करने पर ध्यान दें।
- इन सब के अलावा भी आप किसी मनोचिकिस्त्सक की मदद से इस आदत से निजात पा सकते हैं।
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