हम सभी अपने मोबाइल फोन या कंप्यूटर को अक्सर रिफ्रेश करते हैं, ताकि हमारा सिस्टम एक बार फिर नए की तरह काम करने लगे और उसमें होने वाली समस्याएं ठीक हो सके। लेकिन, क्या आपने कभी ये सोचा है कि हमारे शरीर को भी इस रिफ्रेश की जरूरत होती है? दरअसल कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हमारे ब्लड में कुछ ऐसे तत्व जमा हो जाते हैं, जो हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में प्लास्मफेरेसिस, एक ऐसी प्रक्रिया है जो ब्लड में मौजूद नुकसानदेह तत्वों को अलग कर उन्हें शरीर से बाहर निकाल देती है। तो आइए एशियन अस्पताल के पैथोलॉजी की डायरेक्टर डॉ. उमा रानी से जानते हैं कि प्लास्मफेरेसिस क्या है और ये कैसे काम करता है?
प्लास्मफेरेसिस क्या है? - What is Plasmapheresis in Hindi?
प्लास्मफेरेसिस (Plasmapheresis) एक मेडिकल प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल ब्लड से प्लाज्मा (Plasma) को अलग करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में, ब्लड से प्लाज्मा को अलग किया जाता है और उसमें से हानिकारक तत्व, जैसे कि टॉक्सिक पदार्थ या असामान्य एंटीबॉडी, निकालकर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को हटाया जाता है। फिर साफ किए हुए प्लाज्मा को शरीर में वापस डाला जाता है। प्लाज्मा, ब्लड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसमें पानी, प्रोटीन और अन्य केमिकल मौजूद होते हैं। यह शरीर के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि इसमें शरीर के अलग-अलग कामों के लिए जरूरी तत्व होते हैं। ऐसे में कुछ परिस्थितियों में, जब शरीर में गलत प्रोटीन या टॉक्सिक तत्व बढ़ जाते हैं, तो यह प्रक्रिया फायदेमंद साबित होती है।
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प्लाज्माफेरेसिस कैसे काम करती है? - How Does Plasmapheresis Work in Hindi?
प्लास्मफेरेसिस की प्रक्रिया के कई स्टेप्स होते हैं, जिन्हें सही तरह से करना बेहद जरूरी है-
- ब्लड निकाला जाता है: सबसे पहले, मरीज का ब्लड एक खास मशीन की मदद से लिया जाता है।
- ब्लड सेल्स और प्लाज्मा को अलग करना: मशीन की मदद से ब्लड सेल्स और प्लाज्मा को अलग कर दिया जाता है। इस दौरान, ब्लड वेसल्स को शरीर से बाहर नहीं निकाला जाता है, सिर्फ प्लाज्मा को अलग किया जाता है।
- साफ प्लाज्मा जोड़ा जाता है: इस प्रक्रिया में साफ किए हुए प्लाज्मा (जैसे सलाइन, एल्ब्यूमिन या डोनर प्लाज्मा) को शरीर में वापस डाला जाता है। यह शरीर के लिए जरूरी तत्वों की कमी को पूरा करता है।
- रक्त वापस शरीर में पहुंचाना: आखिर में, ब्लड वेसल्स को शरीर में वापस डाल दिया जाता है, जिससे शरीर का ब्लड प्रेशर सही रहता है और अन्य कई फायदे मिलते हैं।
प्लास्मफेरेसिस कब किया जाता है? - When is Plasmapheresis Done in Hindi?
प्लास्मफेरेसिस की प्रक्रिया का उपयोग अलग-अलग मेडिकल कंडिशन में किया जाता है, जिसमें कई स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं जैसे-
- ऑटोइम्यून बीमारियां: ऐसी बीमारियां जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही सेल्स पर हमला करता है, जैसे कि गिल्लियन-बारे सिंड्रोम, ल्यूपस, या माइलोमा।
- ब्लड डिसऑर्डर: जैसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा, हेमोलिटिक यूरेमिक सिंड्रोम आदि स्वास्थ्य समस्याएं।
- नर्व सिस्टम डिसऑर्डर: कुछ न्यूरोलॉजिकल समस्याओं में, जैसे कि माइलिटिस और न्यूरोमायेलाइटिस में भी इसका उपयोग किया जाता है।
- किडनी की समस्या: कुछ स्थितियों में, जब किडनी के काम करने के तरीकों में गड़बड़ी हो और टॉक्सिक तत्व शरीर से बाहर न निकल पाएं, तब भी यह प्रक्रिया मददगार होती है।
निष्कर्ष
प्लास्मफेरेसिस एक प्रभावी मेडिकल प्रक्रिया है, जो ब्लड में हानिकारक तत्वों को निकालकर शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है। इसलिए, अगर आपको कोई गंभीर ऑटोइम्यून या ब्लड से जुड़ी समस्या है, तो डॉक्टर से सही सलाह लेकर इस प्रक्रिया का करवाया जा सकता है।
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