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यूरिक एसिड कम करने में फायदेमंंद होती है Low Purine Diet, जानें क्या है ये और इसके फायदे

बॉडी में यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर लो प्यूरिन डाइट लेने की सलाह देते हैं। जानें क्या है यह डाइट और कैसे फायदेमंद है?
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यूरिक एसिड कम करने में फायदेमंंद होती है Low Purine Diet, जानें क्या है ये और इसके फायदे


Low Purine Diet: डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों का हमारी हेल्थ से सीधा कनेक्शन होता है। जिस तरह की हम डाइट लेते हैं और लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं, उसका असर हमारी हेल्थ पर भी नजर आने लगता है। फिटनेस और हेल्थ के लिए लोग तरह-तरह की डाइट लेते हैं, जैसे कि इंटरमिटेंट फास्टिंग या लो कार्ब्स डाइट। इसी तरह कई लोग लो प्यूरिन डाइट भी फॉलो करते हैं। इसे किसी स्वास्थ्य समस्या में ही फॉलो करने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं लो प्यूरिन डाइट क्या है? साथ ही, किन लोगों को यह डाइट लेने की सलाह दी जाती है? इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि मणिपाल हॉस्पिटल (ढाकुरिया) की चीफ डायटिशियन विजया अग्रवाल से बात की।

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लो प्यूरिन डाइट क्या है? What Is Low Purine Diet

लो प्यूरिन डाइट ऐसी डाइट है जिसमें हाई प्यूरिन वाली चीजों को अवॉइड किया जाता है। प्यूरिन एक साथ तरह का कंपाउंड है, जो कुछ खास फूड्स में पाया जाता है। ऐसे में ताजे फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन ज्यादा किया जाता है। लो प्यूरिन डाइट में शराब, मांस और समुंद्री आहार से दूर रहने की सलाह दी जाती है। ऐसे में डाइट में राजमा, मसूर दाल या नॉन वेज फूड, पालक, टमाटर और मटर अवॉइड करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि, इन चीजों के सेवन से ब्लड में हाई यूरिक एसिड लेवल तेजी से बढ़ सकता है।

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किन लोगों को लो प्यूरिन डाइट लेने की सलाह दी जाती है? Who Should Take Low Purine Diet

लो प्यूरिन डाइट की सलाह उन लोगों को दी जाती है, जिनके ब्लड में हाई यूरिक एसिड होता है। इसके अलावा, गाउट जो लाइफस्टाइल से जुड़ी एक समस्या है। इसमें भी लो प्यूरिन डाइट लेने की सलाह दी जाती है। बच्चों में हाई यूरिक एसिड की समस्या नहीं होती है। यह समस्या ज्यादातर 40 की उम्र के बाद लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है।

लो प्यूरिन डाइट लेने की सलाह मेडिकल चेकअप होने के बाद ही दी जाती है। इसके लिए हाई यूरिक एसिड लेवल के साथ-साथ शरीर में दूसरी चीजों पर भी ध्यान दिया जाता है। ऐसे में फूड हैबिट्स, बीएमआई (BMI) और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों पर ध्यान देना भी जरूरी होता है। अगर किसी व्यक्ति का वजन ज्यादा है, तो उसे वजन घटाने और डाइटरी हैबिट्स बदलने की सलाह दी जाती है। जिन लोगों को जेनेटिक्ली हाई यूरिक एसिड है, उन्हें दवाओं के जरिए इसे कंट्रोल करने की सलाह दी जाती है।

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लो प्यूरिन डाइट लेने के फायदे- Benefits of Low Purine Diet

यह डाइट लेने से हाइपरयूरिसीमिया की समस्या कंट्रोल होने लगती है और इससे ब्लड में यूरिक एसिड कम होने लगता है। अगर समय रहते यूरिक एसिड को कंट्रोल न किया जाए, तो इससे किडनी फंक्शन पर भी असर नजर आ सकता है। किडनी फंक्शन स्लो होने से किडनी में स्टोन भी बन सकते हैं। जिन लोगों का वजन ज्यादा होता है, उनके ब्लड में हाई यूरिक एसिड होने की संभावना उतनी ज्यादा रहती है। जो लोग हाई प्रोटीन डाइट लेते हैं या ज्यादा मीट खाते हैं, उन्हें भी हाई यूरिक लेवल होने का खतरा हो सकता है। जो लोग नॉनवेज ज्यादा खाते हैं उनके शरीर में भी यूरिक एसिड लेवल अधिक होता है। कई लोगों को फैमिली हिस्ट्री यानी जेनेटिक कारणों की वजह से यह समस्या हो जाती है।

निष्कर्ष

जिन लोगों के ब्लड में यूरिक एसिड लेवल हाई होता है, उन्हें लो प्यूरिन डाइट लेने की सलाह दी जाती है। इसे एक्सपर्ट की सलाह पर ही फॉलो करना चाहिए। दवा लेने के साथ अगर लो प्यूरिन डाइट फॉलो की जाए, तो यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल रखा जा सकता है।

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