महिलाओं के शरीर में पीरियड के दौरान कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसके अलावा, उनके शरीर के अन्य अंगों में कई तरह के बदलावों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं के स्तनों में गांठ और अन्य समस्याओं का जोखिम रहता है। इस तरह डेंस ब्रेस्ट टिश्यू (Dense Breast Tissue) की समस्या स्तनों से जुड़ी होती है। इस स्थिति में ब्रेस्ट में फैट टिश्यू के मुकाबले ग्रंथि ऊतक (glandular tissue) और फाइब्रस टिश्यू अधिक होते हैं। डेंस ब्रेस्ट टिश्यू का पता लगाने के लिए डॉक्टर, महिलाओं को मैमोग्राफी (Mammography) की सलाह देते हैं। लेकिन, इस स्थिति में कैंसर का पता लगना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि डेंस ब्रेस्ट टिश्यू मैमोग्राफी में स्फेद दिखाई देते हैं। इस लेख में साईं पॉलीक्लिनिक की सीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट विभा बंसल से जानते हैं कि डेंस ब्रेस्ट टिश्यू की समस्या क्यों होती है और इस दौरान क्या लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
डेंस ब्रेस्ट टिश्यू के कारण - Causes Of Dense Breast Tissue In Hindi
डेंस ब्रेस्ट टिश्यू के कई कारण हो सकते हैं। इन कारकों को आगे विस्तार से बताया गया है।
- हार्मोनल बदलाव होना- मेंस्ट्रुअल साइकिल, गर्भावस्था और मेनोपॉज (Menopause) के समय हार्मोनल परिवर्तन भी डेंस ब्रेस्ट टिश्यू का कारण बन सकते हैं।
- उम्र- कम उम्र में स्तन टिश्यू डेंस होते हैं और उम्र बढ़ने के साथ यह डेंसिटी कम हो सकती है।
- गर्भनिरोधक और हार्मोनल थेरेपी- जिन महिलाओं ने लंबे समय तक हार्मोनल थेरेपी ली हो, उनमें डेंस ब्रेस्ट टिश्यू विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
- जेनेटिक कारक- आनुवांशिक कारण भी डेंस ब्रेस्ट टिश्यू की ग्रोथ में भूमिका निभा सकते हैं।
- शारीरिक स्थिति- कम बॉडी फैट वाली महिलाओं में भी डेंस ब्रेस्ट टिश्यू होने की संभावना अधिक होती है।
डेंस ब्रेस्ट टिश्यू के लक्षण - Symptoms Of Dense Breast Tissue In Hindi
- डेंस ब्रेस्ट टिश्यू की स्थिति में महिलाओं में सामान्य रूप से कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन, कुछ महिलाएं ब्रेस्ट में संवेदनशीलता महसूस कर सकती हैं।
- स्तनों में किसी तरह की गांठ महसूस होने पर, यह अन्य समस्या का कारण बन सकती है।
- कुछ महिलाओं को इस स्थिति में स्तनों के आकार में बदलाव महसूस हो सकता है।
- इस स्थिति में संवेदनशीलता के चलते ब्रेस्ट में दर्द महसूस हो सकता है।
डेंस ब्रेस्ट टिश्यू की स्थिति में किन बातों का ध्यान रखें? - Precaution Tips Of Dense Breast Tissue In Hindi
- इस स्थिति में महिलाओं को हर 12 महीने में मैमोग्राम करवाना चाहिए।
- स्तन की स्वयं जांच करें और अपने डॉक्टर को किसी भी बदलाव के बारे में पूरी जानकारी दें।
- ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में सुधार करने की सलाह दी जाती है।
इसे भी पढ़ें : Recurrent Breast Cancer: आखिर बार-बार क्यों होता है ब्रेस्ट कैंसर? जानें इसके लक्षण और कारण
Dense Breast Tissue: डॉक्टर इस स्थिति में मैमोग्राफी करने की सलाह देते हैं। इससे डेंस ब्रेस्ट टिश्यू का पता चलता है। इसके अलावा, स्थिति की पुष्टि के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड और एमआरआई की सलाद भी देते हैं। इस समस्या में यदि महिला को किसी तरह की परेशानी नहीं है तो किसी तरह के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन, कैंसर का जोखिम हो सकता है, ऐसे में नियमित रूप से जांच की सलाह दी जाती है। ब्रेस्ट में होने वाले किसी भी बदलाव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और ऐसे में महिलाओं को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।