What is a Healthy Lifestyle for People with Thalassemia: थैलेसीमिया एक खून से जुड़ी बीमारी होती है। थैलेसीमिया एक वंशानुगत खून से जुड़ा विकार (inherited blood disorder) है, जिसमें ऑक्सीजन ले जाने वाले प्रोटीन (हीमोग्लोबिन) और रेड ब्लड सेल्स कम होते हैं। इस स्थिति में थकान, कमजोरी, पीलापन और धीमी रफ्तार से विकास जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए व्यक्ति लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकता है। यही वजह है कि आज के इस आर्टिकल में हम डॉ. अक्षय चुघ, सलाहकार - आंतरिक चिकित्सा, मेट्रो अस्पताल, नोएडा (Dr. Akshay Chugh, Consultant - Internal Medicine, Metro Hospital, Noida) से जानेंगे कि थैलेसीमिया क्या होता है और इससे से बचने के लिए व्यक्ति किस तरह के लाइफस्टाइल को फॉलो कर सकता है?
थैलेसीमिया क्या है?- What is Thalassemia
जैसा हमने आपको बताया कि थैलेसीमिया खून से जुड़ी समस्या है, जो हीमोग्लोबिन के प्रोडक्शन पर असर डालती है। बता दें कि हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है, जो रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता है और यह ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न हिस्सों में ले जाने का काम करता है। थैलेसीमिया में बॉडी पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बना पाती है। ऐसे में रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम हो जाती है और एनीमिया की बीमारी हो सकती है।
थैलेसीमिया के लक्षण- Symptoms of Thalassemia
आमतौर पर थैलेसीमिया के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक अलग-अलग हो सकते हैं। इसमें शामिल हैं:
- थकान
- छाती में दर्द
- दिल की बीमारी
- सांस लेने में कठिनाई
- विलंबित विकास
- सिर दर्द
- पीलिया
- चक्कर आना
- इंफेक्शन के प्रति ज्यादा सेंसिटिव
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थैलेसीमिया से कैसे करें बचाव?- How to Prevent Thalassemia
थैलेसीमिया से बचाव के लिए आप लाइफस्टाइल में ये हेल्दी बदलाव कर सकते हैं:
1. नियमित रक्त आधान और चिकित्सा निगरानी- Regular Blood Transfusions and Medical Monitoring
थैलेसीमिया के ज्यादातर मरीजों को नियमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है, ताकि शरीर में पर्याप्त हीमोग्लोबिन बनाए रखा जा सके। हालांकि, रक्त आधान से शरीर में आयरन जमा हो सकता है, जो हृदय, लिवर और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस आयरन को कंट्रोल करने के लिए, आयरन को हटाने के लिए चेलेशन थेरेपी का उपयोग किया जाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आयरन का स्तर सुरक्षित सीमा में रहे।
2. संतुलित और पोषक आहार- Balanced and Nutritious diet
थैलेसीमिया के रोगियों को सही आहार का सेवन करना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह उनकी स्थिति को प्रभावित कर सकता है। थैलेसीमिया रोगी को आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करते समय सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि ब्लड ट्रांसफ्यूजन के कारण शरीर में आयरन का स्तर पहले ही बढ़ जाता है। ऐसे में आप हाई आयरन खाद्य पदार्थों की जगह पौष्टिक आहार, जिसमें फोलिक एसिड, विटामिन-B12 और एंटीऑक्सीडेंट्स युक्त चीजों का सेवन कर सकते हैं। जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दालें आदि।
3. एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधि- Exercise and physical activity
थैलेसीमिया के रोगियों के लिए व्यायाम बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे संतुलित तरीके से किया जाना चाहिए। शारीरिक गतिविधि से न केवल शरीर की ऊर्जा बढ़ती है, बल्कि यह मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बनाती है। हालांकि, थैलेसीमिया के रोगियों को ज्यादा हाई इंटेंसिटी या थकाने वाली शारीरिक गतिविधियों से बचना चाहिए, क्योंकि एनीमिया के कारण उनकी सहनशीलता कम हो सकती है। ऐसे में आप हल्के व्यायाम, जैसे चलना, तैराकी, और योग कर सकते हैं। इससे शरीर को ताकत और लचीलापन देने में मदद मिलती है।
4. हाइड्रेशन और विश्राम- Hydration and rest
अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त पानी पीना और पर्याप्त आराम करना बहुत जरूरी है। बता दें कि शरीर में हाइड्रेशन की कमी से थकान और कमजोरी हो सकती है, जो थैलेसीमिया के रोगियों में पहले से मौजूद थकान को और बढ़ा सकती है। इसके अलावा, थैलेसीमिया के मरीजों के लिए पर्याप्त नींद भी जरूरी है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए 7-8 घंटे की नींद जरूरी होती है।
5. भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य- Emotional and mental health
थैलेसीमिया एक जीवन भर की स्थिति है। इसके साथ मानसिक चुनौतियां भी जुड़ी हो सकती हैं। जैसे कि तनाव, चिंता, और अवसाद। थैलेसीमिया के रोगियों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है।
6. नियमित चिकित्सा निगरानी और जांच- Regular medical monitoring and checkups
थैलेसीमिया एक जीवन भर की स्थिति है। इसे कंट्रोल करने के लिए निरंतर चिकित्सा निगरानी (Medical Monitoring) की आवश्यकता होती है। ऐसे में नियमित ब्लड टेस्ट, आयरन स्तर की जांच और अंगों की कार्यक्षमता की निगरानी करना जरूरी हो जाता है।
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बता दें कि थैलेसीमिया को मैनेज करने के लिए आपको लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखने की जरूरत है। इसमें चिकित्सा देखभाल, संतुलित आहार, व्यायाम, मानसिक स्वास्थ्य और निरंतर निगरानी शामिल हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए रोगी को न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी मजबूत होना चाहिए।
FAQ
थैलेसीमिया बीमारी से क्या होता है?
थैलेसीमिया से एनीमिया हो सकता है, जिससे आपको थकान हो सकती है। अगर आपको हल्का थैलेसीमिया है, तो आपको उपचार की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ सकती है।क्या थैलेसीमिया ठीक हो सकता है?
थैलेसीमिया एक उपचार योग्य विकार है, जिसे ब्लड ट्रांसफ्यूजन और केलेशन थेरेपी की मदद से अच्छी तरह प्रबंधित किया जा सकता है। यह एक वंशानुगत बीमारी है।थैलेसीमिया में क्या नहीं खाना चाहिए?
थैलेसीमिया में आयरन के लेवल को कंट्रोल रखने के लिए, कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना महत्वपूर्ण है। ऐसे में आपको लाल मांस, आयरन-फोर्टिफाइड अनाज और विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।