खानपान की अनियमित आदतों का असर आपके स्वास्थ्य के साथ ही आपके दांतों पर भी पड़ता है। ज्यादातर लोग दिन में एक ही बार दांतों को साफ करते हैं। इसके बाद दिनभर तला भूना, चॉकलेट और कोल्ड ड्रिंक्स पीने से आपके दांतों की सुरक्षात्मक परत (इनेमल) को नुकसान पहुंचाता है। शुरुआत में आपको इस समस्या से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन, धीरे-धीरे यह पीलेपन और गंदगी की जमा परत दांतों को खराब करने लगती है। जिसके बाद दांत हिलाना शुरु हो जाते हैं या कुछ लोगों के दांत में कीड़ा लगने की समस्या से परेशान होना पड़ता है। कुछ मांमलों में कैविटी आपके मसूड़ों को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए डॉक्टर बताते हैं कि यदि समय रहते कैविटी का इलाज न कराया जाए, तो यह दांतों और मुंह की बीमारियों में बदल सकती है। इस लेख में नोएडा के न्यूमेड अस्पताल और आईटीएस डेंटल कॉलेज की प्रोफेसर और डायरेक्टर ऑफ मैक्सीलोफेशियल और डेंटल डिपार्टमेंट डॉक्टर सुमन यादव Dr Suman Yadav, Director of Maxillofacial & Dental department at Numed hospital Noida. And Director of Healthy Dentzz, Professor at ITS dental college) से जानते हैं कि अगर आप कैविटी को नजरअंदाज करते हैं, तो इसका आपके दांत, मुंह और सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
कैविटी को अनदेखा करने से क्या समस्याएं हो सकती हैं - What Happens When You Ignore A Cavity In Hindi
जब आप नियमित रूप से शुगर आइटम और स्टार्च युक्त आहार खाते हैं। ऐसे में ब्रश या फ्लॉसिंग न करने पर आपके मुंह में बैक्टीरिया एक तरह एसिड बनाते हैं। यह एसिड दांतो की एनामेल परत को नुकसान करते हैं। इस दौरान आपके दांतों पर भूरे धब्बे दिखाई देते हैं। बाद में यह कैविटी का रूप ले लेते हैं।
दांतों में दर्द और सेंसिटिविटी बढ़ना
एक बार इनेमल (दांतों की सुरक्षात्मक परत) डैमेज हो जाती है, तो ऐसे में बैक्टीरिया तेजी से डेंटिन (dentin) को डैमेज कर देते हैं, डेंटिन दांतों की अंदरूनी नरम और खोल की तरह परत होती है। इस स्थिति में जब आपक ठंडा या मीठा खाना खाते हैं तो आपको सेंसिटिविटी महसूस होती है।
दांतों के मसूड़ों में सूजन
यदि सड़न अनियंत्रित रूप से फैलती है, तो यह पल्प तक पहुंच जाती है। पल्प दांत की सबसे अंदरूनी परत होती है, इसमें सड़न पहुंचने से नसे और रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता हैं। इससे व्यक्ति को खासकर रात के समय अचानक या लगातार दर्द महसूस हो सकता है, इसे पल्पाइटिस कहा जाता है। इस स्थिति में इंफेक्शन को ठीक करना मुश्किल होता है और ऐसे में रूट कैनाल करने की जरूरत हो सकती है।
मुंह खोलने में कठिनाई
यदि कैविटी का इलाज न किया जाए तो इससे पल्प टिश्यू डैमेज हो जाते है। ऐसे में इंफेक्सन दांतों से आगे बढ़कर जबड़े की हड्डियां तक फैलना शुरु हो जाता है। इसमें पेरियापिकल फोड़ा बन जाता है, ऐसे में सूनज, बुखार, मुंह खाेलने में पेरशानी हो सकती है। यह एक इमरजेंसी स्थिति हो सकती है।
हार्ट और पेट से जुड़ी समस्याएं
कुछ मामलों में विशेष रूप में डायबिटीज और हृदय संबंधी रोग के पीड़ित लोगों में इंफेक्शन फैलने की समस्या हो सकती है। इससे स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। दांतों का इंफेक्शन होने से हार्ट रोग, पेट से जुड़ी समस्या और गर्भवती महिलाओं को समय से पहले डिलीवरी होने का जोखिम बढ़ सकता है।
मुंह से दुर्गंध (Bad Breath)
कैविटी वाले दांतों में फंसे हुए भोजन के कण और बैक्टीरिया के कारण सांस से बदबू आने लगती है। यह सामाजिक शर्मिंदगी का कारण बन सकती है और आत्मविश्वास में कमी ला सकता है।
कैविटी से बचाव कैसे करें?
- रोजाना सुबह और रात में सोने से पहले ब्रश करें।
- खाने के बाद कुल्ला अवश्य करें।
- कोल्ड ड्रिंक और मीठी टॉफी का सेवन कम करें।
- बैक्टीरिया को कम करने के लिए माउथवॉश का उपयोग करें।
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कैविटी एक दांतों से जुड़ी समस्या है, लेकिन इसका समय पर इलाज न करना आपके दांतों के साथ-साथ सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। शुरू में मामूली दिखाई देती है। लेकिन, यह गंभीर इंफेक्शन, दर्द और दांतों के नुकसान का कारण बन सकती है। इसलिए कभी भी कैविटी को नजरअंदाज न करें। कैविटी होने पर आप डेंटिस्ट से संपर्क करें।
FAQ
क्या कैविटी अपने आप ठीक हो सकती है?
नहीं, एक बार कैविटी हो जाने के बाद वह खुद से ठीक नहीं होती। इसे डेंटिस्ट द्वारा ही ठीक किया जा सकता है।कैविटी का शुरुआती इलाज क्या होता है?
यदि कैविटी शुरुआती अवस्था में है, तो उसे फ्लोराइड ट्रीटमेंट या फिलिंग द्वारा ठीक किया जा सकता है।क्या हर कैविटी होने से दांतों में दर्द होता है?
नहीं, कई बार कैविटी बिना किसी दर्द के होती है, लेकिन यह धीरे-धीरे गंभीर बन सकती है। इसलिए नियमित जांच जरूरी है।