अगर बॉडी पार्ट्स के बारे में बात की जाती है, तो लोग आमतौर पर हार्ट, ब्रेन, किडनी, लिवर आदि के बारे में ही ज्यादा जानते हैं। मगर शरीर में कई ऐसे अंग भी होते हैं, जो बॉडी की फंक्शनिंग में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। इसके बाद भी आम लोग इन अंगों के बारे में कुछ खास नहीं जानते हैं। ऐसा ही एक जरूरी अंग स्प्लीन है। अगर आप स्प्लीन के बारे में नहीं जानते हैं, तो स्प्लीन पेट के ऊपरी बाएं हिस्से में स्थित होता है। यह खून को फिल्टर करता है और शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले व्हाइट ब्लड सेल्स को बनाने का काम करता है। ये सेल्स इम्यून सिस्टम को मजबूती देते हैं और शरीर को कई तरह की छोटी-बड़ी समस्याओं से बचाने का काम करते हैं। कुल मिलाकर अगर आप निरोगी जीवन जीना चाहते हैं, तो स्प्लीन का स्वस्थ होना बहुत जरूरी हो जाता है। हालांकि, जिस तरह लोग स्प्लीन के बारे में ज्यादा जागरूक नहीं हैं, ठीक उसी तरह स्प्लीन से जुड़ी समस्याओं के बारे में भी कुछ खास नहीं जानते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम स्प्लेनिक एब्सेस यानी स्प्लीन में पस भरने की समस्या के बारे में अच्छी तरह से जानेंगे। ये जानकारी हमें दिल्ली के सरदार वल्लभ भाई पटेल हॉस्पिटल के सर्जरी स्पेशलिस्ट डॉ. नबल कुमार मिश्रा से प्राप्त हुई है।
स्प्लेनिक एब्सेस क्या है?
स्प्लेनिक एब्सेस एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें स्प्लीन के अंदर जहरीले पस से भरा हुआ फोड़ा बन जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो फोड़े के कारण फैल रहा संक्रमण स्प्लीन से आगे बढ़कर शरीर के दूसरे हिस्सों तक भी पहुंच सकता है। ऐसे में व्यक्ति सेप्सिस का शिकार हो जाता है। सेप्सिस एक ऐसी जानलेवा स्थिति है, जिसमें बॉडी किसी भी संक्रमण की तरफ ज्यादा प्रतिक्रिया दिखाती है। बता दें कि स्प्लीन में बने इस फोड़े की जगह क्या होगी और आकार कैसा होगा ये पूरी तरह से इसके आसपास के अंगों पर निर्भर करता है। इस फोड़े की वजह से शरीर के अन्य अंगों के साथ सेल्स पर भी बुरा असर होता है। कुल मिलाकर स्प्लीन में पस भरने की इस बीमारी का सही समय पर उपचार न किया जाए, तो ये जानलेवा रूप भी ले सकती है।
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स्प्लेनिक एब्सेस की बीमारी किन कारणों से हो सकती है?
स्प्लेनिक एब्सेस की समस्या कई कारणों से हो सकती है। इसकी सबसे आम वजह कमजोर इम्यूनिटी, बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल और गलत खानपान की आदते हैं। इसके अलावा, ये बीमारी बैक्टीरियल इंफेक्शन, ब्लड कैंसर, लिवर से जुड़ी समस्याएं, मलेरिया, स्प्लीन या इसके आसपास चोट लगने जैसी स्थितियों में हो सकती है।
स्प्लेनिक एब्सेस के लक्षण क्या है?
स्प्लेनिक एब्सेस से ग्रस्त व्यक्ति में कई लक्षण नजर आते हैं। जैसे कि तेज बुखार रहना, उल्टी और मतली की समस्या, ऊपरी पेट में दर्द, शरीर के बाएं हिस्से में असहनीय दर्द होना आदि। अगर बाएं हिस्से में होने वाले इस दर्द को अच्छी तरह से समझें, तो ये दर्द पेट के ऊपरी बाएं हिस्से तक सीमित नहीं रहता है। ये दर्द बढ़ते हुए छाती और बाएं कंधे तक जा सकता है। कई मामलों में शरीर का ऊपरी बायां हिस्सा ठीक से काम नहीं करता है।
स्प्लेनिक एब्सेस का इलाज कैसे होता है?
स्प्लीन में हुए इस फोड़े का अगर शुरुआत में ही पता चल जाता है, तो इसका इलाज दवाओं की मदद से किया जा सकता है। स्प्लेनिक एब्सेस का पता लगाने और इस बीमारी की विस्तृत जानकारी के लिए अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की मदद ली जाती है। इस बीमारी का इलाज कई बातों पर निर्भर करता है। जैसे कि शरीर में एक या एक से ज्यादा एब्सेस है, एब्सेस के अंदर कितना पस भरा है। इन सभी बातों का पता लगाने के बाद डॉक्टर एंटीबायोटिक्स के सेवन की सलाह देते हैं। कई मामलों में इंजेक्शन की मदद से पस निकाला जाता है। वहीं, जब स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है, तो सर्जरी कर स्प्लीन को ही बाहर निकाल दिया जाता है।
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स्प्लेनिक एब्सेस की समस्या से बचाव के लिए आपको लाइफस्टाइल और डाइट में सुधार करना चाहिए। इसके साथ ही, आप इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने की कोशिश कर सकते हैं। इम्यूनिटी बूस्ट होने से शरीर को कई तरह के संक्रमणों और मौसमी बीमारियों से बचाया जा सकता है। अगर आप अपने डेली रूटीन में जरूरी बदलाव करते हैं, तो स्प्लेनिक एब्सेस ही नहीं, बल्कि शरीर को कई छोटी-बड़ी समस्याओं से बचाया जा सकता है।