हैजा में खाने पीने का विशेष ध्यान रखना होता है। खान पान में सावधानियां नहीं बरतने पर यह बिमारी दोबारा अटैक कर सकती है।। दूषित पानी व खाने से फैलने वाला यह रोग आपकी आंतों में होता है। महामारी के दौरान इस रोग के फैलने की ज्यादा संभावना होती है। इस रोग के जीवाणु आंत की आन्तरिक लाइनिंग पर आक्रमण करता है जिससे आपके अंदर हैजा के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। आईए जानें हैजा में कैसा हो आपका खान पान।
उबला पानी पीएं
हैजा के इलाज के दौरान उबला हुआ पानी ही पिएं या फिर क्लोरीन या आयोडीन युक्त पानी भी पी सकते हैं। पानी में बर्फ का इस्तेमाल नहीं करें क्योंकि हैजा के बैक्टैरिया ठंडी जगहों पर ही होते हैं।
ताजा खाना खाएं
हैजा में ताजा बना हुआ खाना ही खाएं। कच्ची सब्जियां खाने से बचें। खासकर सलाद खाने से पहले उसे अच्छे से धो लें। फलों को भी खाने से पहले अच्छी तरह से धो लें और छिलका उतार कर काट कर खाएं।
नमक-चीनी का घोल लें
हैजा के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है इसलिए रोगी को थोड़ी-थोड़ी दर में नमक-शकर-पानी का घोल देना चाहिए या बना बनाया इलेक्ट्रोलाइट पिलाकर रोगी को लवणों की पूर्ति की जाती है।
शिकंजी पिएं
हैजा अगर शुरुआती अवस्था में है तो एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर इसमें एक चम्मच पिसी मिश्री मिलाकर शिकंजी बना लें और रोज पिएं। इससे हैजा के बैक्टेरिया खत्म हो जाते हैं।
बाहर का खाना नहीं खाएं
बाहर के खाने में मक्खियां बार-बार बैठती है जिससे उनके पैरों पर लगे जीवाणु खाने वाली चीजों पर लग जाते हैं इसलिए हैजा के दौरान बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए।
सावधानियां
- अधिक शारीरिक या मानसिक थकान और तापमान में जल्दी-जल्दी बदलाव से बचें।
- कोई भी तरल पदार्थ बिना उबाले हुए न पियें। शौचालय से आने के बाद हाथ को साबुन से अच्छे से धोएं।
- घर के सभी बर्तनों को अच्छे से गर्म पानी से साफ करें।
- भोजन करने से पहले हाथ धोना कभी नहीं भूले। पानी में कार्बोलिक एसिड मिला कर हाथ धोएं।
- जहां तक संभव हो, हर बार साफ तौलिये का इस्तेमाल करें। महामारी वाली जगहों पर जाने से बचें। अगर जाना जरुरी हो तो मुंह पर मास्क लगाकर जाएं।
- घर के आसपास साफ सफाई रखें।। नालियों व गड्ढों को ढ़क दें।
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