Causes Of Muscle Weakness In The Morning In Hindi: मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होने का मतलब है कि मांसपेशियों की क्षमता का कमजोर होना, जिससे मूवमेंट करने में दिक्कत आती है। मांसपेशियों में कमजोरी होने की मुख्य वजह मांसपेशियों में चोट लगना माना जाता है। वैसे मांसपेशियों में कमजोरी (Muscles Kamjor Hona) अचानक हो सकती है या धीरे-धीरे यह समस्या बढ़ सकती है। विशेषज्ञों की मानें, तो मांसपेशियों में कमजोरी का कारण बढ़ती उम्र हो सकती है और कोई गंभीर बीमारी भी इसकी वजह हो सकती है। बहरहाल, कई बार आपने महसूस किया होगा कि सुबह के समय मांसपेशियों में कमजोरी (Muscles Kamjor Hone Ke Karan) महसूस होती है। क्या ऐसा होना सामान्य होता है? आखिर सुबह के समय मांसपेशियों में कमजोरी आने के क्या कारण हो सकते हैं? आइए, जानते हैं इस बारे में इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल और नई दिल्ली स्थित हीलिंग टच क्लिनिक में ऑर्थोपेडिक सर्जन का क्या कहना है।
सुबह के समय मांसपेशियों में कमजोरी आने के कारण- What Causes Muscle Weakness In The Morning In Hindi
मूवमेंट की कमी
रात को सोते समय अक्सर लोगों में शारीरिक गतिविधियां न के बराबर हो जाती हैं। सोते हुए लोग सिर्फ करवटें बदलते हैं। अगर पहले से ही किसी की मांसपेशियों में कमजोर (Muscles Kamjor Hone Par) हैं, तो ऐसी स्थिति में सुबह के उन्हें और ज्यादा कमजोरी का अहसास हो सकता है। असल में, रात को मूवमेंट न होने के कारण मांसपेशियां अकड़ जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है। नतीजतन, सुबह नींद से उठने के बाद मांसपशियों में कमजोरी का अहसास होने लगता है।
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डिहाइड्रेशन
बहुत कम ऐसे लोग होते हैं, जो रात को नींद में उठकर पानी पीते हैं। ऐसे में बॉडी का डिहाइड्रेट होना स्वाभाविक हो जाता है। आपको बता दें कि अगर बॉडी को पर्याप्त मात्रा में पानी न मिले, तो इसका मांसपेशियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसा ही रात के समय नींद में भी होता है। नींद में बॉडी के डिहाइड्रेट होने के कारण मांसपेशियों थकान से भर जाती है। यही कारण है कि सुबह के समय अक्सर मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होने लगती है।
खराब पोस्चर
कई बार व्यक्ति एक ओर करवट लेकर सो जाता है। पूरी रात एक ही पोजिशन में सोने के कारण शरीर के एक दबाव में दबाव पड़ता है, जिससे प्रभावित हिस्से में दर्द होने लगता है। ऐसे में जब व्यक्ति सुबह नींद से उठता है कि मांसपेशियों में अकड़न हो जाती है। ब्लड फ्लो भी कम हो जाता है, जिससे मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी महसूस होने लगती है। हालांकि, सुबह उठने के बाद यह स्थिति अपने आप कुछ देर में सामान्य भी हो जाती है। इसलिए, यह चिंता का विषय नहीं है।
क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम
जब कोई व्यक्ति क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम का शिकार होते हैं, तो उन्हें अपनी मांसपेशियों में कमजोरी का अहसास बना रहता है। असल में, ये लोग पर्याप्त रेस्ट करने के बावजूद हमेशा थकान से भरे रहते हैं। इस तरह के लोगों को हर समय नींद आती रहती है। नींद से उठने के बाद भी इनकी कमजोरी कम नहीं होती है। इसका असर इनकी मांसपेशियों पर भी पड़ता है।
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अर्थराइटिस
अर्थराइटिस, हड्डियों से जुड़ी बीमारी है। अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में दर्द और ऐंठन बन जाती है। इसका असर मांसपेशियों पर भी पड़ता है। अर्थराइटिस के कारण हर समय जोड़ों में दर्द रहता है। जब व्यक्ति सुबह नींद से उठता है, तो मूवमेंट की कमी के कारण मांसपेशियां में कमजोरी अकड़न हो जाती है। अर्थराइटिस के मरीजों को एक्सपर्ट से कंसल्ट कर अपनी समस्या के बारे में बताना चाहिए। संभवतः फिजियोथेरेपी की मदद से उन्हें अपनी समस्या का समाधान मिल सके।
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