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बच्चों की बोलने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है हाइपरलेक्सिया, जानें इसके प्रकार

अगर आपको बच्चे को भी बोलने में परेशानी हो रह ही है तो यह हाइपलेक्सिया की समस्या हो सकती है। आगे जानते हैं इस समस्या के लक्षण और प्रकार क्या होते हैं?
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बच्चों की बोलने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है हाइपरलेक्सिया, जानें इसके प्रकार

What Are The Types Of Hyperlexia In Hindi: बच्चे को सेहतमंद और हंसता खेलता देखना हर माता-पिता की पहली ख्वाहिश होती है। लेकिन, कई बार कुछ समस्याओं के चलते बच्चे को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ बच्चों को बोलने में परेशानी होती है, यह समस्या हाइपरलेक्सिया की ओर संकेत करती है। यह इस समस्या का एक लक्षण हैं। हालांकि इसके कुछ अन्य लक्षण भी होते हैं, इसके अन्य लक्षणों में बच्चा अपनी ही उम्र के अन्य बच्चों की तुलना में शब्दों को बोलने और पढ़ने लगता है। माता-पिता इसको बच्चे की प्रतिभा मानकर उस पर गर्व कर सकते हैं। लेकिन सही मायने में यह हाइपरलेक्सिया का ही एक अन्य लक्षण होता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल की पीडियाट्रिक्स सीनियर कंसल्टेंट डॉ. दीपिका रुस्तगी से आगे जानते हैं कि बच्चे को हाइपरलेक्सिया होने पर क्या लक्षण महसूस होते हैं। साथ ही, बच्चों में हाइपरलेक्सिया के कितने प्रकार (Types Of Hyperlexia In Hindi) होते हैं?

हाइपरलेक्सिया क्या है? - Hyperlexia In Kids In Hindi

हाइपरलेक्सिया एक न्यूरोडेवलपमेंटल स्थिति है, जिसमें बच्चा अत्यधिक पढ़ने की क्षमता प्रदर्शित करता है। यह क्षमता उनके सामान्य भाषा कौशल, संचार, और सामाजिक विकास से कहीं अधिक तेज होती है। बच्चा शब्दों और संख्याओं को पहचानने और पढ़ने में सक्षम होता है, लेकिन वह जो पढ़ रहा है उसे समझ नहीं पाता। यह स्थिति अक्सर ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) से जुड़ी होती है, लेकिन यह अन्य बच्चों में भी हो सकती है।

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हाइपरलेक्सिया के लक्षण

  • आंखों से संपर्क न कर पाना, घर में सदस्यो से बातचीत में रुचि न लेना।
  • बच्चे 2-3 साल की उम्र में ही जटिल शब्दों और वाक्यों को पढ़ सकते हैं।
  • वे जो पढ़ते हैं, उसे समझने में बहुत संघर्ष करते हैं।
  • बोलने में देरी या अन्य लोगों के साथ कुछ बोलने में मुश्किल होना।

हाइपरलेक्सिया कितने प्रकार के होते हैं?

हाइपरलेक्सिया टाइप I

यह बच्चे के नॉर्मल डेवलपमेंट का हिस्सा होता है। इस प्रकार के बच्चे असाधारण रूप से जल्दी पढ़ना सीखते हैं, लेकिन उनका सामाजिक और भाषाई विकास सामान्य रहता है। इसे किसी विकार से नहीं जोड़ा जाता।

हाइपरलेक्सिया टाइप II

यह अक्सर ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) के साथ होता है। बच्चे पढ़ने में असाधारण रूप से सक्षम होते हैं, लेकिन वे सामाज के अन्य लोगों के साथ बोलने में गंभीर चुनौतियों का सामना करते हैं। इन बच्चों को विशेष शिक्षा और थेरेपी की जरूरत होती है।

हाइपरलेक्सिया टाइप III

इस प्रकार के बच्चों में पढ़ने की असाधारण क्षमता होती है, लेकिन वे ऑटिज़्म से प्रभावित नहीं होते। उनका सामाजिक और कम्यूनिकेशन समय के साथ सुधर सकता है। इन्हें कभी-कभी "अस्थायी हाइपरलेक्सिया" कहा जाता है।

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What Are The Types Of Hyperlexia In Hindi: हाइपरलेक्सिया एक अनोखी अवस्था है, जो बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ावा देती है, लेकिन यह सामाजिक और भाषाई विकास में चुनौतिया भी पेश कर सकती है। हाइपरलेक्सिया वाले बच्चों को सही समय पर पहचानकर उनके लिए उपयुक्त शिक्षा और थेरेपी उपलब्ध कराई जाए, तो वे अपनी क्षमता को बेहतर तरीके से विकसित कर सकते हैं।

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