What Are The Stages Of Menopause In Hindi: मेनोपॉज वह दौर होता है, जब महिला को पीरियड्स पूरी तरह बंद हो जाते हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। मेनोपॉज को समझने के लिए हम कह सकते हैं कि जब महिला को लगातार 12 महीने तक पीरियड्स नहीं होते हैं, तो इसी अवस्था को हम मेनोपॉज के नाम से जानते हैं। इस दौरान महिला को कभी लाइट ब्लीडिंग हो सकती है, तो कभी हैवी ब्लीडिंग हो सकती है। बहरहाल, मेनोपॉज के कई स्टेजेस भी होते हैं। आज इस लेख में आपको बता रहे हैं कि मेनोपॉज के कितने स्टेजेस होते हैं और उनके लक्षण क्या-क्या हैं। इस संबंध में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की है। जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें।
मेनोपॉज के अलग-अलग स्टेज- Different Stages Of Menopause In Hindi
मेनोपॉज का मतलब है पीरियड्स का पूरी तरह खत्म हो जाता है। हालांकि, कई बार किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से भी ऐसा होता है। सामान्यतः मेनोपॉज के तीन स्टेज होते हैं, जैसे-
पेरिमेनोपॉज
पेरिमेनोपॉज को मेनोपॉज ट्रंजिशन के नाम से भी जाना जाता है। यह चरण 8 से 10 साल पहले भी शुरू हो सकता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का प्रोडक्शन कम होने लगता है और धीरे-धीरे अंडाशय भी कम होने लगते हैं। 40 की उम्र के दौरान महिलाओं को इस अवस्था से गुजरना पड़ता है। इस दौरान कई तरह के लक्षण (perimenopause ke lakshan) नजर आते हैं, जैसे मूड स्विंग होना, सिरदर्द, हॉट फ्लैशेज, वजाइनल ड्राईनेस और सोने में दिक्कत होना।
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मेनोपॉज
मेनोपॉज यह भी एक स्टेज है। इस दौरान पीरियड्स पूरी तरह खत्म हो जाते हैं। इस स्टेज का मतलब है कि अब ओवरीज एग रिलीज नहीं करते हैं और बॉडी एस्ट्रोजन का उत्पादन भी बंद कर चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब 12 महीने तक लगातार पीरियड्स न हो, तभी इसे मेनोपॉज स्टेज माना जाता है। मेनोपॉज में भी आपको पेरिमेनोपॉज जैसे ही लक्षण (menopause ke lakshan) नजर आते हैं। जैसे बहुत ज्यादा ठंड लग सकती है या फिर रात को बहुत ज्यादा पसीना आ सकता है, मूड स्विंग हो सकते हैं और नींद से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं।
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पोस्टमेनोपॉज
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है। पोस्टमेनोपॉज, मेनोपॉज के बाद के फेज को कहा जाता है। मेनोपॉज होने के बाद आजीवन पोस्टमेनोपॉज फेज में रहती हैं। वैसे मेनोपॉज के दौरान नजर आने वाले लक्षण धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं और पोस्टमेनोपॉज के फेस में इनमें से बहुत कम लक्षण नजर आते हैं। मेनोपॉज के बाद के महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर बहुत कम हो जाते हैं। ऐसे में कई बार महिलाओं को पोस्टमेनोपॉज के बाद कई तरह की शारीरिक समस्याएं (post menopause ke lakshan) होने लगती हैं, जैसे ऑस्टियोपोरोसिस और हार्ट डिजीज आदि।
मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए क्या करें- How To Get Rid Of Menopause Symptoms In Hindi
जाहिर है, मेनोपॉज एक नेचुरल प्रक्रिया है और इसके लक्षणों को कम नहीं किया जा सकता है। हां, इनके प्रभाव को माइल्ड किया जा सकता है। इसके लिए आप निम्न तरीके अपनाएं-
- अपना वेट मेंटेन करें। वजन कंट्रोल करने से गर्मी कम लगेगी, जिससे हॉट फ्लैशेज की समस्या कम होगी।
- अपने स्ट्रेस को हमेशा मैनेज करें। ध्यान रखें कि मेनोपॉज का असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। इसे कंट्रोल करने के लिए योगा, मेडिटेशन आदि करें।
- सपोर्ट ग्रुप ज्वाइन करना भी अपके लिए फायेदमंद हो सकता है। सपोर्ट ग्रुप में आपको अपने जैसे लोग मिलेंगे, जिनके साथ आप अपनी प्रॉब्लम शेयर कर सकते हैं।