​बड़ा खुलासा, पश्चिमी खानपान से बढ़ रहा है अलजाइमर का खतरा

अलजाइमर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसमें व्यक्ति धीरे धीरे अपनी याद्दाश्‍त खाने लगता है। 
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​बड़ा खुलासा, पश्चिमी खानपान से बढ़ रहा है अलजाइमर का खतरा


अलजाइमर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसमें व्यक्ति धीरे धीरे अपनी याद्दाश्‍त खाने लगता है। इस बीमारी के बारे में मरीज से पहले उसके परिवार और आसपास के लोगों को पता चलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अलजाइमर दिमाग की बिमारी है, और इसकी गिरफ्त में आते ही संबंधित व्यक्ति दीर्घकालीन के साथ साथ अपने रोजमर्रा के कामों से भी बेखबर होने लगता है। मौजूदा वक्त में हमारे देश में 21 लाख लोग अलजाइमर के रोगी हैं। हाल ही में जारी हुई एक स्टडी में इस बात का दावा किया गया है कि पश्चिमी खानपान के चलते अजलाइमर का खतरा लगातार बढ़ रहा है। दक्षिणी केलिफोर्निया के शोधकर्ताओं का कहना है कि क्योंकि पश्चिमी खाना कोलेस्ट्राल, फैट और शुगर से भरपूर होता है। इसलिए यह अलजाइमर का खतरा बढ़ता है।

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स्टडी में कहा गया है कि पश्चिमी डाइट यानि सीधे तौर पर फास्ट फूड खाने से अल्जाइमर यानी भूलने की बीमारी का जोखिम बढ़ता है। पश्चिमी खाने में कॉलेस्ट्रॉल और अल्जाइमर पैदा करने वाले तत्व मौजूद होते हैं, जो मस्तिष्क में ब्लॉकेज पैदा करते हैं। जिसके चलते व्यक्ति धीरे धीरे चीजों को भूलने लगता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अल्जाइमर और उसके कारणों के संबंध में अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों की पड़ताल कर उसकी व्यापक समीक्षा की गयी है। इसमें पाया गया है कि पश्चिमी खानपान शैली और खासकर मीट से बनी चीजें ज्यादा मात्रा में खाने से इस बीमारी का जोखिम बढ़ता है।

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अलजाइमर के लक्षण

  • खुद ही चीजों को रखकर भूलना
  • एक ही बात को बार बार दोहराना
  • खुद से बात करना
  • जानी पहचानी जगहों या अपने ही घर में खो जाना
  • रोजाना के आसान कामों को करने में भी दिक्कत महसूस होना
  • देर रात को निकल कर घूमना
  • बात करते वक्त सामने वाले व्यक्ति को घूरना
  • काम ना करने पर भी ऐसा लगना कि वह काम हमने कर दिया है
  • छोटी छोटी बातों पर चौंक जाना, आदि


क्यों होता है अलजाइमर

अलजाइमर होने का एक सबसे बड़ा कारण अपना दूषित और अनियमित खानपान होने के साथ ही शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ होना भी है। जो लोग कम उम्र में ही शारीरिक रूप से पीड़ित रहते हैं उनमें अलजाइमर होने के चांस ज्यादा होते हैं। क्योंकि ऐसे लोगों के मस्तिष्क तंतु वक्त से पहले ही सिकुड़ने लगते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 60 साल की उम्र के बाद अक्सर लोगों में अलजाइमर के लक्षण देखें जाते हैं। लेकिन अगर इंसान अपना लाइफस्टाइल सही रखें तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।

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