जो लोग मोटापे का शिकार होते हैं उनमें से कुछ को ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या होती है जिसके कारण उनका वजन बढ़ जाता है। आज की कहानी भी बुलीमिया नाम के ईटिंग डिसऑर्डर पर आधारित है। ओनलीमायहेल्थ की खास सीरीज 'फैट टू फिट' में आज हम जानेंगे मावराह की कहानी जिन्होंने 61 किलो वजन घटाया है। मावराह का बचपन मोटापे और बुलीमिया ने छीन लिया। कम उम्र में उन्हें दोस्त और रिश्तेदारों से ताने सुनने को मिले। ये कोई नई बात नहीं है, हम सब हर कहानी में इसका जिक्र पाते हैं। हमारा समाज मोटापे से पीड़ित लोगों का मजाक बनाने में कभी पीछे नहीं रहता। मावराह के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। इन सब समस्याओं से जूझते हुए मावराह ने 115 Kgs से 54 Kgs का सफर तय किया है। आज वो खुद एक फिटनेस कोच और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं। जानते हैं मावराह की कहानी उन्हीं की जुबानी।
15 साल बुलीमिया का शिकार रही हूं
मावराह ने बताया, ''बुलीमिया एक ईटिंग डिसऑर्डर है और मैं करीब 15 साल इसका शिकार रही हूं। मैं ढेर सारा खाना खाती थी और फिर उसे बाहर निकालने के लिए उल्टी करती थी। सालों तक यही मेरी दिनचर्या थी। ये डिसऑर्डर किसी भी उम्र में हो सकता है और मैं भी इसकी गिरफ्त में थी। आप समझ सकते हैं कि कम उम्र में इतना सब कुछ झेलना कितना मुश्किल होता है। इसका असर पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ मैं खामोश रहने लगी थी।''
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7 साल की उम्र में मेरा वजन 62 किलो हो गया था
मावराह ने बताया, ''मेरे लिए वो दिन भूलना मुश्किल है जब मैंने अचानक एक दिन अपना वजन चेक किया था। उस समय मेरी उम्र केवल 7 साल थी और मेरा वजन 62 किलो हो गया था। इतना वजन देखकर मैं खुद हैरान थी। कम उम्र में मुझे वजन घटाने की सही जानकारी नहीं थी लेकिन फिर भी मैंने जिम जाना शुरू किया। लेकिन मैं 5 किलो घटाकर 8 किलो बढ़ा लेती थी। डाइट और कसरत का सही तालमेल नहीं बैठ पा रहा था। ये बहुत से लोगों के साथ होता है। वे सोचते हैं कि वजन घटाने के लिए केवल जिम जाना काफी है लेकिन ऐसा नहीं है, आपको सही डाइट की जानकारी होना भी जरूरी है।''
जन्मदिन पर खुद को बदलने की ठानी
मावराह ने बताया, ''अपने वजन से परेशान होकर आखिर वो दिन भी मेरी जिंदगी में आया, जब मैंने अपनी वेट लॉस जर्नी की शुरुआत की। मुझे याद है उस दिन मेरा जन्मदिन था और मेरे कोई दोस्त घर पर नहीं थे क्योंकि मैंने किसी को न्यौता नहीं दिया। मैं उस दिन खूब रोई और मैंने तय किया कि अब मुझे खुद को बदलना होगा। मैंने दुआ मांगी कि आज रात मुझे हिम्मत मिले ताकि कल से मैं अपनी वेट लॉस जर्नी का आगाज कर सकूं। सच में ऐसा ही हुआ। अगले दिन से मैंने कसरत करने की ठानी।''
डाइट और कसरत का साथ नहीं छोड़ा
मावराह ने बताया, ''मैंने वजन कम करने के लिए थेरेपी की मदद ली। हालांकि जिम जाने से मुझे शुरुआत में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा क्योंकि मुझे सही डाइट और न्यूट्रिशन की जानकारी नहीं थी। धीरे-धीरे मैंने डाइट और कसरत के बारे में जानकारी हासिल करना शुरू किया। मैंने 6 सालों तक इन विषयों पर गहरा अध्यनन किया। कसरत के साथ मैंने वेट लिफ्टिंग भी की। पहले दिन मैं केवल 7 मिनट वेट लिफ्टिंग ही कर पाई फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाया। तब से लेकर अभी तक हर दिन मैं डाइट और कसरत का नियम से पालन करती हूं।''
कॉर्डियो और वेट लिफ्टिंग करती हूं
मावराह ने बताया, ''मैं सुबह उठकर कॉर्डियो वर्कआउट करती हूं और शाम में वेट लिफ्टिंग को समय देती हूं। मैं दिनभर में कुल 6 मील्स लेती हूं। मेरी डाइट बहुत सरल है। मैं उबले हुए अंडे या ऑमलेट का सेवन करती हूं। चिकन, ओट्स मेरे खाने में शामिल होते हैं। इसके अलावा स्वीट पोटैटो, चावल और ब्लूबेरीज खाती हूं।''
क्या है बुलीमिया नर्वोसा?- Bulimia Nervosa
अपने ऊपर पढ़ा कि कैसे मावराह बुलीमिया का शिकार हुईं। लेकिन ये बीमारी होती क्या है? चलिए आपको इस बीमारी के बारे में बताते हैं। बुलीमिया नर्वोसा या बुलीमिया एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर है। इस डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति जरूरत से ज्यादा खाने लगता है। उसे हर थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाने का मन करता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति उल्टी करके खाने को जानबूझकर शरीर से बाहर निकालने की कोशिश भी करते हैं। बुलीमिया की बीमारी आनुवांशिक हो सकती है। अगर व्यक्ति तनाव में है या उसे किसी मानसिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो भी वो ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार हो सकता है।
बुलीमिया के लक्षण- Bulimia Symptoms
- इस बीमारी का पहला लक्षण है जरूरत से ज्यादा भूख लगना।
- खाने के बाद जानबूझकर उल्टी करना।
- बार-बार खाने की इच्छा होना।
- खाने से पहले भी उल्टी की इच्छा होना।
- खाने के तुरंत बाद शौच के लिए जाना।
- ऐसे व्यक्तियों का वजन अचानक घटने या बढ़ने लगता है।
बुलीमिया का इलाज- Bulimia Treatment
बुलीमिया जैसी गंभीर बीमारी को हल्के में न लें। इसके लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। बुलीमिया जैसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को आहार विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक या काउंसलर के पास लेकर जाएं। काउंसलिंग, दवा, थेरेपी, सही डाइट प्लान और कसरत के सहारे बुलीमिया से छुटकारा पाया जा सकता है।
ऊपर हमने देखा कि कैसे मावराह ने समझदारी के साथ खुद को बदलने की ठानी। उन्होंने न सिर्फ वजन कम किया बल्कि ईटिंग डिअऑर्डर से भी छुटकारा पाया। बुलीमिया जैसी बीमारी, आपकी जीवनशैली को प्रभावित कर सकती है इसलिए लक्षण नजर आने पर तुरंत इलाज करवाएं।