कोविड-19 के मामले जैसे-जैसे बढ़ते जा रहे हैं। लोगों के मन में डर बढ़ता जा रहा है। एक्सपर्ट के अनुसार, ओमिक्रॉन का खतरा बच्चों पर भी हो सकता है। दरअसल पहली और दूसरी लहर के दौरान बच्चों में कोरोना के मामले अधिक देखने को नहीं मिले थे लेकिन इस बार बच्चों को भी ओमिक्रॉन से खतरा बताया जा रहा है। दरअसल अमेरिका में बहुत सारे बच्चों को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके अलावा भारत में भी महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन से पहली मौत हो गई है। हालांकि इस खबर की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि उसकी मौत का कारण ओमिक्रॉन ही था। ऐसी स्थिति में माता-पिता बच्चों को लेकर काफी चिंतित है क्योंकि अभी 15 साल कम उम्र बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन नहीं आई है। न ही इस तरह की कोई दवा आई है, जिससे इसके खतरे को कम किया जा सके। हालांकि 3 जनवरी से 15 साल से अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। ऐसे में 15 साल से कम उम्र के बच्चों को इस बार कोरोना से खतरा ज्यादा है लेकिन हमें बच्चों को इस स्थिति के लिए मानसिक रूप से तैयार करने की जरूरत है ताकि वह इस महामारी में जागरूक हो सकें। बच्चों को मानसिक रूप से कोरोना के लिए तैयार करने के लिए माता-पिता को भी ये समझना जरूरी है कि ओमिक्रॉन बच्चों को कैसे प्रभावित कर सकता है और बच्चों में इसके क्या लक्षण हैं। ताकि वह अपने बच्चे को कोविड के बारे में पूरी बात समझा सकें।
ओमिक्रॉन कैसे बच्चों को प्रभावित कर सकता है
ओमिक्रॉन के बारे में विशेषज्ञ को कहना है कि छोटे बच्चों के लिए ये ज्यादा खतरनाक हो सकता है क्योंकि बच्चों को अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगी है। साथ ही लोग महामारी को लेकर थोड़े लापरवाह भी हो गए हैं। लोगों ने मास्क लगाना और हाथ धोना छोड़ दिया है। इससे बच्चों को नुकसान हो सकता है। साथ ही बच्चे को स्कूल भी खोल दिए गए थे। इस वजह से ऐसा माना जा रहा है कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इस बार खतरा ज्यादा हो सकता है। इसलिए बच्चों को कोविड से सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है।
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टॉप स्टोरीज़
बच्चों में कोविड के लक्षण
1. बुखार का आना
2. त्वचा पर चकत्ते
3. आंखे लाल होना
4. शरीर या घुटनों में दर्द
5. उल्टी, पेट दर्द और सिरदर्द
6. चिड़चिड़पन, थकान और सुस्ती
7. अधिक नींद आना या कम नींद आना
बच्चों को मानसिक रूप से कैसे बनाएं मजबूत
1. बच्चों को कोविड के बारे में बताएं
बच्चों को इस महामारी के बारे में सबकुछ बताएं। ताकि उन्हें इसके बारे में जानकारी हो। साथ ही उन्हें इसके लक्षण और वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बारे में भी बताएं। अगर बच्चों को कोरोना लक्षणों के बारे में पता होगा, तो बीमार होने पर वह आपको बता सकेंगे कि उन्हें कैसा महसूस हो रहा है। उन्हें कुछ भी तकलीफ होने पर इसे हल्के में न लें, तुरतं डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा आप बच्चे को महामारी और वैक्सीन के इतिहास से जुड़े तथ्य और कहानियां भी बता सकते हैं ताकि उनका मनोबल बढ़े।
2. बच्चों को बताएं बचाव के तरीके
बच्चों को कोरोना से बचने के लिए बचाव के तरीके बताएं । उन्हें समझाएं कि मास्क लगाना क्यों जरूरी है ताकि वह उस बात का अनुसरण हमेशा करें क्योंकि अगर आप सिर्फ बच्चे को मास्क लगाने के लिए डांटते हैं,तो शायद वह उस बात को उतने अच्छे से नहीं समझता लेकिन जब आप उन्हें बताते हैं कि कोरोना वायरस नाक और मुंह के जरिए शरीर में आसानी से फैल सकता है, तो शायद वह आपकी बातों को ज्यादा समझें। उसी तरह हाथ धोने और साफ-सफाई को लेकर भी बच्चे को बातें समझाएं। अगर उन्हें जानकारी होगी, तभी वह अपनी सुरक्षा खुद कर सकेंगे।
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3. भावनात्मक रूप से बनाएं मजबूत
बच्चे को भानवात्मक रूप से मजबूत बनाएं। पूरे परिवार के साथ मिलकर बातचीत करें। ऐसी परिस्थिति में मिल-जुलकर बच्चे को रहना सिखाएं। उन्हें समझाएं कि ये कोरोना से निपटा जा सकता है। लोगों को कोरोना होने के बाद भी वे ठीक होकर घर आएं और उन्हें कुछ नहीं हुआ है ताकि उन्हें अंदर से इस बात को लेकर हिम्मत मिले कि कोविड से लड़ा जा सकता है। उन्हें आप कुछ लोगों की कोरोना जंग की कहानियां भी बता सकते हैं। इससे उनके मन में कोरोना का डर थोड़ा कम होगा।
4. सामाजिक दूरी को समझाना जरूरी
बच्चों को दोस्तों से दूर घर पर रखना सबसे मुश्किल है। उसके लिए पैरेंट्स को लाख जतन करना पड़ता है क्योंकि बच्चों को खेल और दोस्तों से दूर रखना बहुत मुश्किल है लेकिन आप उन्हें समझा सकते हैं कि ये वायरस एक-दूसरे को छूने या पास आने से भी फैल सकता है। ये वायरस इतना छोटा है कि आपको दिखाई भी नहीं देता है। इसलिए इससे बचने के लिए घर में रहना बहुत जरूरी है। साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है।
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5. अपने आपका ख्याल रखना सिखाएं
बच्चों को अपने इम्यूनिटी सिस्टम और सही खानपान के बारे में समझाने की कोशिश करें। उन्होंने बताएं कि समय पर खाना और सोना जरूरी है। साथ में उन्हें हरी सब्जियां-फल खाने को लेकर भी जागरूक करें। यह आदत केवल कोरोना में ही नहीं बल्कि भविष्य में भी उनको बहुत फायदा पहुंचाएगी। साथ ही बच्चे एक हेल्दी रूटीन भी फॉलो करना सीख सकते हैं। इसके अलावा उन्हें घर पर ही योग और एक्सरसाइज करने के लिए उत्साहित करें। हो सके तो घर के गार्डन में आप भी उनके साथ एक्सरसाइज कर सकते हैं।
6. घर के माहौल को खुशनुमा बनाएं
कोरोना के डर को बच्चे को डरने न दें। घर के माहौल को अपने परिवार के साथ खुशनुमा बनाए रखें। ताकि बच्चा इस डर के दौर में भी अपने आपको खुश और तंदुरुस्त रख सकें। समय मिलने पर आप बच्चों को ड्राइंग करने, कहानी पढ़ने और घर में अलग-अलग खेल खेलें, जिससे उनका मन घर पर लगा रहे। उन्हें घर के छोटे-मोटे काम भी करने को कहें ताकि वह घर में हाथ बटांना भी सीखें।