Warning Signs Of Gestational Diabetes In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं। इसकी वजह से प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होना एक आम समस्या बन जाती है, जिसमें महिला के ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इसे जेस्टेशनल डायबिटीज या गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes Me Kya Hota Hai) कहा जाता है। ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाने से इसका सीधा असर बच्चे और मां और गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। इसलिए समय पर इसके लक्षण को पहचानना और उसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम जानेंगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले डायबिटीज के शुरुआती लक्षण क्या हैं ताकि सही समय पर डॉक्टरी सहायता ली जा सके। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
जेस्टेशनल डायबिटीज के संकेत- Warning Signs Of Gestational Diabetes In Hindi
समान्य से ज्यादा प्यास लगना
प्रेग्नेंसी में खाने पीने की आदत समय-समय पर बदलती रहती है, क्योंकि शरीर कई तरह के बदलाव से गुजर रहा होता है। अगर अचानक आपको लगे कि बार-बार प्यास लग रही है और पानी पीने के बाद भी प्यास नहीं बुझ रही है, साथ ही भूख को लेकर भी यही लक्षण महसूस हो, तो तुरंत अपने ब्लड शुगर चेक करवाएं। ब्लड शुगर बढ़ने का पहला लक्षण यही है।
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बहुत ज्यादा थकान महसूस होना
चूंकि प्रेग्नेंसी में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं तो थकान होना या लेजी फील होना आम है लेकिन अगर आपको समान्य से अधिक थकान महसूस होने लगे और दिन भर कमजोरी महसूस हो, तो यह गेस्टेशनल डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेने में देरी न करें।
बार-बार यूरिन पास होना
गर्भावस्था में बार बार यूरिन होना सामान्य है लेकिन जब यूरिन सामान्य से ज्यादा होने लगे और साथ ही यूरिन पास करने में जलन महसूस हो तो ये शुगर के बढे होने के लक्षण हो सकते हैं।
धुंधला दिखाई देना
प्रेग्नेंसी से पहले अगर आपको आंखों या आई विजन को लेकर कोई समस्या नहीं है, लेकिन प्रेग्नेंसी में लगे कि विजन में फर्क आ रहा है या धुंधला दिखने लगा है, तो सबसे पहले ब्लड शुगर चेक करवाना चाहिए। कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर बढ़ जाने से आई विजन की प्रॉब्लम हो सकती है।
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घाव का जल्दी न भरना
शुगर बढ़ने का ये सामान्य लक्षण है कि आपको किसी भी तरह की कट लगी हो या घाव हो गया हो और वो जल्दी हील नहीं होता। अगर आपको ऐसा लगे कि आपके भी घाव या कट जल्दी हील नहीं हो रहे, तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श करें।
ब्लड प्रेशर का बढ़ना
अगर गर्भावस्था में शुगर बढे तो इसका असर आपके ब्लड प्रेशर पर भी पड़ता है। अगर नियमित जांच में ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो, तो शुगर की भी जांच करवाएं। ब्लड प्रेशर बढ़ने से मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है।
प्रेग्नेंसी में जेस्टेशनल डायबिटीज को कैसे मैनेज करें
गर्भावस्था में इस तरह के लक्षणों को बिलकुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।अगर इस तरह की कोई भी समस्या हो, तो डॉक्टर से परामर्श लें। साथ ही यहां दिए गए उपाय भी अपने डेली रूटीन में शामिल करें-
- डाइट को लेकर पहले की तुलना में ज्यादा एलर्ट रहें। हेल्दी और बैलेंस्ड खाना खाएं, ताकि ब्लड शुगर को बढ़ने से रोका जा सके। हरी सब्जियां और फ्रूट्स को अपनी बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा बनाएं।
- जितना हो सके खुद को हाइड्रेट रखें। पानी के साथ साथ नारियल पानी और जूसी फ्रूट्स जैसे संतरा, मौसमी आदि खाएं, ताकि बॉडी डीहाइड्रेट होने से बचे। इससे बॉडी में शुगर लेवल कंट्रोल रखने में मदद होती है।
- प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस मैनेज करना बहुत जरूरी है कई बार बिना किसी रीजन के भी स्ट्रेस होता है तो ऐसे में ब्लड शुगर भी बढ़ने की भी सम्भावना बढ़ जाती है इसलिए रेगुलर एक्सरसाइज करें। ब्रीदिंग एक्सरसाइज और योग भी स्ट्रेस मैनेज करने में आपकी हेल्प करेगा। साथ ही ब्लड शुगर की भी नियमित जांच करवाती रहें।