जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes) एक ऐसे प्रकार की डायबिटीज है जो प्रेग्नेंसी के दौरान होती है और इस स्थिति के दौरान आपके शरीर की सेल्स किस प्रकार ग्लूकोज़ का प्रयोग करती हैं, इस पर निर्भर करता है। अगर इस डायबीज के दौरान आपका ब्लड शुगर अधिक बढ़ जाता है और आप इसका इलाज नहीं करवाती हैं तो इससे आपको और होने वाले बच्चे दोनों को ही खतरा हो सकता है। कुछ केस में वजन नियंत्रित करने से, हेल्दी चीजें खाने से और एक्सरसाइज करने से इस तरह की डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। एक्टिव रहने से भी नॉर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं।
जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes) के दो प्रकार होते हैं जिसे ए 1 और ए 2 कहा जाता है। ए 1 जेस्टेशनल डायबिटीज (A1 Gestational Diabetes) के अंतर्गत आप लाइफस्टाइल बदलावों के कारण ही डायबिटीज नियंत्रित कर सकती हैं। जबकि ए 2 जेस्टेशनल डायबिटीज (A2 Gestational Diabetes) में मेडिकल उपचार की आवश्यकता होती है। तो आइए जान लेते हैं कि किस इस प्रकार की डायबिटीज में आप कैसे लक्षण देखती हैं।
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जेस्टेशनल डायबिटीज लक्षण (Symptoms)
- बार बार पेशाब करना
- बार बार प्यास लगना
- भूख अधिक लगना
- जी मिचलाना
क्यों होता है जेस्टेशनल डायबिटीज (Causes For Gestational Diabetes)
डॉक्टर शर्मिला सोलंकी, सीनियर कंसलटेंट आब्सट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजिस्ट, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल के अनुसार जब आप कुछ खाती हैं तो इससे आपकी पैंक्रियाज की सेल्स इंसुलिन नामक हार्मोन रिलीज करने लगती हैं। यह ग्लूकोज को आपके ब्लड से आपकी ब्लड सेल्स की ओर चलने में मदद करती है। यह सेल्स एनर्जी के लिए ग्लूकोज का प्रयोग करती हैं। जब आप प्रेगनेंट हो जाती हैं तो आपकी प्लेसेंटा, वह हार्मोन्स सीक्रेट करती है। जिसके कारण आपके ब्लड में ग्लूकोज का जमाव हो जाता है। पैंक्रियाज इंसुलिन रिलीज करता है और ग्लूकोज बनाने के लिए कंट्रोल करता है। लेकिन अगर आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पता है तो आपकी ब्लड शुगर बढ़ने लगती है जिससे आपको जेस्टेशनल डायबिटीज हो जाता है।
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किन्हें होता है जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा (Risk Factors OF Gestational Diabetes)
- पीसीओडी या पाली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
- फिजिकल एक्टिविटी न करना
- मोटापा
- अगर आपके परिवार में पहले ही किसी को डायबिटीज है तो हो सकता है आपका रिस्क भी बढ़ जाए
- अधिक ब्लड प्रेशर लेवल
- पहले बच्चे की डिलीवरी होना जिसका वजन 4 किलो से अधिक होता है।

कितना खतरनाक हो सकता है जेस्टेशनल डायबिटीज (Risks of Gestational Diabetes)
सर्जिकल डिलीवरी के चांस
अगर आपको गैस्टेशनल डायबिटीज हो जाती है तो इससे आपके नॉर्मल डिलीवरी के चांस बहुत कम हो जाते हैं और सी सेक्शन के चांस बढ़ जाते हैं।
भविष्य में डायबिटीज होने के रिस्क
अगर यह आपकी पहली डिलीवरी है तो हो सकता है कि आपकी दूसरी डिलीवरी के समय भी यह डायबिटीज हो जाए और भविष्य में भी आपको टाइप 2 डायबिटीज होने के चांस बढ़ सकते हैं।
समय से पहले बच्चे का जन्म होना
जेस्टेशनल डायबिटीज होने के कारण बच्चे का समय से पहले जन्म होने का रिस्क भी बढ़ जाता है।
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बच्चे की मृत्यु हो जाना
अगर आप इस डायबिटीज को ट्रीट नहीं करवाती हैं तो आपके बच्चे का डिलीवरी से पहले या बाद में मृत्यु हो जाने के चांस भी बढ़ जाते हैं।
सांस लेने में दिक्कत होना
जो बच्चे गैस्टेशनल डायबिटीज के कारण अपने समय से पहले पैदा हो जाते हैं तो उन्हें रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है। जोकि एक ब्रीदिंग समस्या है।
कैसे बचाव कर सकती हैं (Prevention Tips For Gestational Diabetes)
- आपको इस डायबिटीज से बचने के लिए अधिक से अधिक हेल्दी खाना खाना होगा जिसमें अधिक पोषण शामिल हो।
- आपको प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक एक्टिव रहना होगा ताकि आप फिट रह सकें।
- प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक वजन न बढ़ाने की कोशिश करें।
इस प्रकार की जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes) को डॉक्टर ही डायग्नोज कर सकते हैं। इसलिए आपको डॉक्टर से नियमित रूप से चेक अप करवाते रहना चाहिए। अगर आपको इस प्रकार की गंभीर मुश्किलों का रिस्क है तो आपको इसका उपचार भी तुरंत शुरू करवा देना चाहिए। ताकि भविष्य में भी आपको टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क अधिक न हो और अपने लाइफस्टाइल को भी हेल्दी रखने की कोशिश करें।
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