
डायबिटीज के मरीजों में अक्सर कई जटिलताएं देखने को मिलती हैं। डायबिटीज के मरीजों में बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को लेकर अक्सर कई भ्रांतियां रहती हैं। कई डायबिटिक मरीजों में धारणा रहती है कि डायबिटीज हमेशा मोटे लोगों को ही प्रभावित करती है। डायबिटीज के मरीज अंधे हो सकते हैं और डायबिटीज के मरीजों को कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। कुछ लोगों में एक और ऐसी ही धारणा रहती है कि पीले नाखून डायबिटीज का संकेत तो नहीं है? क्या आपने इसके बारे में कभी ऐसा सुना है? अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से आज हम जानेंगे कि पीले नाखून डायबिटीज की समस्या का संकेत हैं या नहीं। इसी विषय पर अधिक जानने के लिए हमने उपासना डायबिटीज केयर सेंटर और नर्सिंग होम के डायबिटेलॉजिस्ट मुकेश राइजाडा (Mukesh Raizada, Diabetologist, Upasana Diabetes Care Centre) से बातचीत की। चलिए जानते हैं डायबिटीज में पीले नाखूनों से जुड़ी बातें।
क्या डायबिटीज में पीले होते हैं नाखून
डायबिटेलॉजिस्ट डॉ. मुकेश राइजाड़ा के मुताबिक डायबिटीज और पीले नाखूनों का कोई सीधा संबंध नहीं है। नाखून पीले होना डायबिटीज का कारण होता है ऐसा किसी शोध में नहीं पाया गया है। नाखून पीले पड़ना आपकी शरीर में अन्य किसी समस्या का लक्षण हो सकता है। उन्होंने बताया कि ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के कारण नाखूनों का रंग किसी भी तरह से नहीं बदलता है।
इसे भी पढ़ें - डायबिटीज के मरीजों का घाव सूखने में क्यों लगता है ज्यादा समय? डॉक्टर से जानें कारण और इंफेक्शन से बचाव के टिप
किडनी प्रभावित होने से हो सकते हैं नाखून पीले
डॉ. मुकेश राइजाड़ा के मुताबिक डायबिटीज और नाखून के पीलेपन का कोई सीधा संबंध नहीं होता है, लेकिन डायबिटीज के कारण अगर किसी मरीज की किडनी पर प्रभाव पड़ता है या फिर किन्हीं कारणों से किडनी फेल हो जाती है और उस कारण एनीमिया की समस्या हो जाती है तो नाखूनों के रंग में असमानता आ सकती है यानि नाखूनों का रंग हल्का पीला पड़ सकता है। हालांकि डायबिटीज के कुछ ही मरीजों के साथ ऐसी समस्याएं होती हैं। ऐसा उन मामलों में होता है, जब रक्त में शुगर का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
डायबिटीज में कैसे होता है अनीमिया
डायबिटीज में कई बार एनीमिया होने का भी खतरा रहता है। हालांकि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन इसके मुख्य कारणों में ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना, खून की कमी हो जाना, रक्त वाहिकाओं में सूजन या फिर क्लॉटिंग हो जाने के कारण भी एनीमिया की समस्या हो सकती है। वहीं इसका मुख्य कारण किडनी की रक्त वाहिकाओं में बदलाव आने को माना जाता है। सुचारू रूप से काम कर रही क़िडनी रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन करती है। जो एरिथ्रोपियोटिन नामक हार्मोन रिलीज करते हैं, जो बोन मैरो के लिए भी अच्छा होता है। वहीं अगर आपकी किडनी में समस्या है तो यह प्रक्रिया बाधित हो सकती है और आप एनीमिया के शिकार भी हो सकते हैं।
डायबिटीज में कैसे होती है किडनी की समस्या
डायबिटीज में मरीजों की किडनी में कई बार ब्लड वेसेल्स डैमेज हो जाते हैं, जिस कारण उन्हें डायबिटीज में किडनी से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। जब मरीज का ब्लड शुगर लेवल अधिक बढ़ा जाता है या फिर अनियंत्रित हो जाता है तो किडनी की ब्लड वेसेल्स में बदलाव आने लगते हैं और उनमें खून के थक्के जमने के साथ रक्त वाहिकाओं में सिकुड़न आने लगती है। इस स्थिति में किडनी बल्ड को फिल्टर करने में भी सक्षम नहीं रहती है। इसे अगर ज्यादा समय तक नजरअंदाज किया जाए तो यह किडनी फेलियर का भी कारण बन सकता है।
इसे भी पढ़ें - क्या फैटी लिवर के कारण बढ़ता है डायबिटीज का खतरा? जानें कैसे जुड़ी हैं दोनों बीमारियां
नाखून कब पड़ते हैं पीले
नाखून के प्राकृतिक रंग में बदलाव आना कई समस्याओं का संकेत भी हो सकता है इसलिए इसे नजरअंदाज न करें। आमतौर पर ऐसा विटामिन और मिनिरल्स की कमी के कारण होता है। वहीं कुछ मामलों में यह समस्या थायरॉइड, सोरियासिस और अन्य बीमारियों के कारण भी हो सकती है। हालांकि इन्हें घरेलू नुस्खों और कई दवाओं के जरिए आसानी से ठीक किया जा सकता है।
यह लेख चिकित्सक द्वारा प्रमाणित है। इससे यह साबित होता है कि डायबिटीज और नाखून पीले होने का कोई सीधा संबंध नहीं है।
Read more Articles on Diabetes in Hindi