आपकी थाली ही आपको बना देती है डायबिटीज का शिकार, न्यूट्रिशनिस्ट से जानें खान-पान का सही तरीका

क्या आप जानते हैं कि आप अपनी प्लेट में जिस चीज को रख रहे हैं वह डायबिटीज होने के खतरे को बढ़ा सकती है। 

Jitendra Gupta
Written by: Jitendra GuptaUpdated at: Aug 06, 2020 11:42 IST
आपकी थाली ही आपको बना देती है डायबिटीज का शिकार, न्यूट्रिशनिस्ट से जानें खान-पान का सही तरीका

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Know all about Diabetes: डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व एशिया में डायबिटीज जन स्वास्थ्य के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। दुनिया के इस पूरे क्षेत्र में 9.1 करोड़ लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं। हैरानी वाली बात ये है कि इनमें से करीब 4.9 करोड़ लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि वह इस बीमारी से पीड़ित हैं। टाइप-1 और 2 डायबिटीज का सही उपचार न होना या खराब तरीके से इसकी देखभाल आपको हार्ट, किडनी, नर्व और देखने की क्षमता के नुकसान की ओर ले जा सकती है। डायबिटीज समय से पहले मृत्यु का भी कारण बन सकती है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में गैर-संचारी रोगों (noncommunicable diseases) से 50 फीसदी लोगों की मृत्यु हो जाती है। यही कारण है डायबीटिज जैसे रोग की रोकथाम बहुत जरूरी हो गई है। डायबिटीज के सही उपचार के लिए जरूरी है कि आप अपनी थाली पर नजर रखें और अस्वस्थकर खाद्य पदार्थों से दूर रहें।

क्या आप जानते हैं कि आप अपनी प्लेट में जिस चीज को रख रहे हैं वह डायबिटीज होने के खतरे को बढ़ा सकती है। जी हां, ये बिल्कुल सच है। मुंबई के रिबर्थ फिटनेस स्कूल के न्यूट्रिशनिस्ट और डॉक्टर ईसाक अब्बास दुनिया भर में बिना किसी दवा के पुरानी से पुरानी बीमारी को ठीक करने का काम कर रहे हैं और मरीजों को बचा रहे हैं। 

खान-पान की आदतें बनाती हैं डायबिटीज का शिकार

सही खान-पान स्वस्थ जीवन के लिए एक फिटनेस रूटीन के रूप में बहुत जरूरी है। यह हमारे शरीर की कोशिकाओं को शक्ति प्रदान कर हमें ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है। अगर हम अपने जीवन में खान-पान की अच्छी आदतों को शामिल करते हैं तो हम बेहतर जीवन हासिल कर सकते हैं लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो हमें डायबिटीज और अन्य क्रोनिक डीजिज का शिकार होना पड़ सकता है। हालांकि, हमारे आस-पास सूचनाओं का भंडार है लेकिन कभी-कभार यह समझना बहुत मुश्किल हो जाता है कि कौन से खाद्य पदार्थ हमारे लिए सही हैं और कौन से नहीं। कई ऐसे मिथक भी हैं, जो हमारी खान-पान की आदतों को बिगाड़ सकते हैं।

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कैसी होती है डायबिटीज

इससे पहले कि हम ऐसे कुछ खाद्य मिथकों के बारे में बात करें उससे पहले डायबिटीज के बारे में मूल बातों को समझना बहुत जरूरी हैं। स्वस्थ शरीर के लिए हमें ऊर्जा की बहुत जरूरत होती है। यह ऊर्जा खाद्य पदार्थों से मिलने वालेृ ग्लूकोज से आती है, विशेषकर तब, जब यह हमारे पैनक्रियाज से इंसुलिन के रूप में टूटती है। जब शरीर इंसुलिन का प्रतिरोधी हो जाता है और हमारी दैनिक जरूरतों के अनुसार ग्लूकोज को नहीं तोड़ पाता है, तब वह स्थिति डायबिटीज का रूप ले लेती है।

हर सेकेंड में होती है मौत

इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक, हर एक सेकेंड में डायबिटीज से होने वाली परेशानी के कारण एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। भारत विश्व में डायबिटीज का केंद्र है, जहां रोजाना इस मर्ज के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

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Diabetes

डायबिटीज का प्रमुख कारण मोटापा

डॉ. ईसाक अब्बास का कहना है कि डायबिटीज एक क्रॉनिक डिजीज है, जिसे दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित हैं। जब यह अपने अधिकतम स्तर पर होती है तो यह हमारे शरीर में किसी को भी हर चीज को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा, ''इसका सबसे प्रमुख कारण है मोटापा या फिर जरूरत से ज्यादा वजन होना। हालांकि ये हमारे शरीर के अंदरूनी या बाहरी फैट दोनों से जुड़ा हुआ है।'' उन्होंने बताया कि डॉगनट्स, मफिन, सीरियल और कैंडी जैसे प्रोसेस्ड फूड आपके पेट पर चर्बी को बढ़ा सकते हैं और आपको डायबिटीज का शिकार बना सकते हैं। इसी तरह स्पोर्ट और एनर्जी ड्रिंक भी आपके लिए नुकसानदेह हैं क्योंकि ये भी मोटापे का कारण बनते हैं। इसलिए हमारे लिए सबसे जरूरी है कि हम प्रोसेस्ड फूड को सीमित करें और प्राकृतिक फूड को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।

हेल्दी फैट का चुनाव करें

डॉ. ईसाक के मुताबिक, दूसरा सबसे बड़ा मिथ यह है कि फैट हमारे दुश्मन नहीं हैं। नट, ऑलिव ऑयल, फिश ऑयल, फ्लैक्स सीड और एवोकेडो से प्राप्त हेल्दी फैट हमारी कोशिकाओं को मजबूत बनाने का काम करते हैं। नट्स और बीज भी हेल्दी फैट का अच्छा स्त्रोत हैं। नट्स और बीज में ग्लाइसेमिक मात्रा कम होती है और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध के विकास को रोकने में मदद कर सकता है। लोगों के बीच यह मिथक है कि अनसैच्यूरेटेड फैट, हेल्दी फैट है जबकि सैच्यूरेटेड फैट, अनहेल्दी फैट।

हालांकि यह सच है कि अनसैच्यूरेटेड फैट, विशेष रूप से मछली (जैसे सैल्मन और टूना) और पौधों से प्राप्त होने वाला फैट हमारे लिए सबसे अच्छा होता है। हमें पूरी तरह से सैच्यूरेटेड फैट से बचने की आवश्यकता नहीं है। अच्छा नियंत्रण और संतुलन एक आदर्श तरीका है, जिससे हम अपनी डायबिटीज कंट्रोल कर सकते हैं और इसलिए हमें अपनी डाइट में डेयरी और रेड मीट शामिल कर सकते हैं।

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नट्स और बीज को अपनी प्लेट का हिस्सा बनाएं

डॉ. ईसाक के मुताबिक, नट्स और बीज के बाद हमें अपनी प्लेट में शामिल करने की जरूरत है फल और सब्जियों की। फल अच्छे एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं और यह हमारी भूख को शांत करने के लिए पोषण से भरे होते हैं। दिन में तीन बार फलों का सेवन वास्तव में 18 फीसदी तक डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकता है।

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फलों के रंगों पर न जाएं

इसके अलावा हमें अक्सर गहरे रंग के फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह भी एक आम खाद्य मिथक है। हमें अपनी डाइट के हिस्से के रूप में हमेशा ताजे फलों का सेवन करना चाहिए लेकिन उनमें रंग की कमी को लेकर किसी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए। प्याज, लहसुन और मिर्च जैसी गैर-हरी सब्जियां डायबिटीज की रोकथाम की आवश्यक घटक हैं। इन खाद्य पदार्थों का ब्लड शुगर और फाइबर और फाइटोकेमिकल्स पर लगभग न के बराबर प्रभाव पड़ता है।

कार्ब पर नजर रखें

इसके साथ ही कार्ब पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। कार्बोहाइड्रेट हमारे फिटनेस के सपने को तोड़ने का काम करता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हमें हमेशा अपने कार्ब स्त्रोतों पर ध्यान देना चाहिए। बीन्स और फलियां कार्ब की आदर्श स्रोत हैं, जिनमें ग्लाइसेमिक की मात्रा कम होती है। यह हमें प्रोटीन और घुलनशील फाइबर भी प्रदान करते हैं, जो हमारा पेट भरा रखने में मदद कर सकते हैं।

प्रोटीन के प्राकृतिक स्त्रोत अपनाएं

सबसे अंतिम मिथक है प्रोटीन पर हमारी निर्भरता। प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है लेकिन इसपर निर्भर होना भी आपके शरीर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। दरअसल आपको प्रोटीन के प्राकृतिक स्त्रोतों पर ध्यान देना चाहिए। मछली, बीन्स, ऑर्गेनिक चिकन या टर्की, अंडे, डेयरी और फीका दही प्रोटीन के सबसे अच्छे स्त्रोत हैं। आप अपनी प्लेट में इन चीजों को शामिल कर डायबिटीज जैसी बीमारी से दूर रह सकते हैं। 

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