विटामिन 'ए' और विटामिन 'सी' अडल्ट सेल्स के स्टेम सेल्स में परिवर्तन की दर को बढ़ा सकते हैं, इस खोज से बायोमेडिकल ट्रीटमेंट और अडवांस होगी। न्यूजीलैंड में हुई एक रिसर्च में ये बात सामने आई है।
रिसर्च टीम के मुताबिक विटामिन 'ए' और विटामिन 'सी' डीएनए से जुड़ी मेमोरी को खत्म करने में एक-दूसरे के पूरक हैं। यानी ये दोनों विटामिन एडल्ट सेल को स्टेम सेल में परिवर्तित कर सकते हैं। इस विटामिन ट्रीटमेंट से कई गंभीर बीमारियों के इलाज की राहें खुल जाएंगी और इससे स्टेम सेल थेरेपी को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
क्या है स्टेम सेल थेरेपी
स्टेम सेल ट्रीटमेंट में मरीज के ही बोन मैरो से सेल लिए जाते हैं और क्षतिग्रस्त जगहों पर इन्हें लगाया जाता है, जिससे दुर्घटना या क्षतिग्रस्त अंग में ये नई कोशिकाएं बनाने लगती हैं और चोट या बीमारी ठीक होने लगती है। लेकिन ये काफी मुश्किल और महंगी होती है। ऐसे में डॉक्टर पिछले कई सालों से विटामिनों के ऊपर शोध कर रहे थे जो विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ एडल्ट सेल को स्टेम सेल्स में बदल सकते हैं।
न्यूजीलैंड में हुई एक रिसर्च के अनुसार विटामिन 'ए' और विटामिन 'सी' सेल्स में मौजूद डीएनए से जुड़ी मेमोरी को खत्म करने में एक-दूसरे के पूरक हैं। एक तरह से देखा जाए तो विटामिन का यह प्रभाव रिजेनरेटिव मेडिसिन और स्टेम सेल थेरेपी की तकनीक को बढ़ावा देने में काफी कारगर होने वाला है।
ओटागो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता टिम होर ने बताया कि यह सच है कि एडल्ट सेल्स अपनी आइडेंटिटी में बदलाव करने के प्रतिरोधी होते हैं लेकिन रसायनों के द्वारा डीएनए में रासायनिक परिवर्तन कराना संभव है। इस बदलाव को डीएनए मिथाइलेशन कहा जाता है जो विकास के दौरान होता है। यह कोशिकीय मेमोरी को एक पहचान देता है, ताकि एक विशेष प्रक्रिया द्वारा कोशिकाओं की मरम्मत उचित तरीके से की जा सके।
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