गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन में नए रिश्ते की शुरूआत का सबसे अद्भुत सुखद लेकिन नाजुक समय होता है। एक दिल की धड़कन के भीतर एक दिल की धड़कन, एक जीवन के भीतर एक जीवन है, एक नया रिश्ता बनता और जीवन भर के लिए साथ चलता है।
हर महिला चाहती है कि उसका शिशु स्वस्थ हो, लेकिन इस समय महिला का शरीर अतिसंवेदनशील और कमजोर रहने के कारण उसे बहुत ज्यादा देखरेख और आराम की जरूरत होती है। ऐसे में वास्तु टिप्स आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। क्योंकि वास्तु प्रकृति के विभिन्न तत्वों में भागीदारी दिखाकर हमारे जीवनशैली में मौजूद पांच तत्वों के संतुलन और संचालन में मदद करते हैं। इस प्रकार पांच तत्व हमारे कर्म, भाग्य, व्यवहार और जीवन के अन्य प्राथमिकताओं को प्रभावित करते हैं। गर्भावस्था जीवन के बदलाव का अनुभव है और एक महिला के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चरणों में से एक है। सकारात्मक ऊर्जा की उपस्थिति गर्भावस्था या गोदभराई के दौरान महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होती है।
हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए वास्तु टिप्स
वास्तु एक्सपर्ट के अनुसार, घर में कुछ परिवर्तन करने से न केवल आपके गर्भधारण करने के चांस बढ़ते हैं बल्कि गर्भावस्था भी बिना किसी परेशानी से गुजर सकती है। आइए इस लेख के माध्यम से गर्भावस्था के दौरान वास्तु के महत्व के बारे में जानते हैं। गर्भवती वास्तु के कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांतों को अपनाकर बच्चे के जन्म के समय होने वाली और अनावश्यक समस्याओं से बच सकती है।
- प्रेग्नेंसी बिना किसी परेशानी के आसानी से गुजर जाए इसके लिए प्रेग्नेंट महिला को हमेशा दक्षिण-पश्चिम कमरे में ही सोना चाहिए। अगर ऐसा संभव ना हो तो उत्तर-पूर्व दिशा का कमरा भी बेहतर रहेगा। लेकिन गर्भावस्था के अंत में गर्भवती महिला को उत्तर-पश्चिम दिशा के कमरे का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
- नीला रंग बेहद आरामदेह माना जाता है, इसलिए गर्भवती के कमरे में हल्की नीली या वायलेट रंग की लाइटें लगाना बेहतर रहता है।
- गर्भवती महिला को हमेशा कमरे की दक्षिण दिशा की ओर ही सिर करके सोना चाहिए।
- गर्भवती को लाल, काले और नारंगी जैसे गहरे रंगों के इस्तेमाल से बचना चाहिए फिर चाहे वह कमरे का रंग हो या कपड़ों का। क्योंकि गहरे रंगों के इस्तेमाल से गर्भवती महिला डिप्रेशन का शिकार हो सकती है जिसका मां और बच्चे दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- गहरे रंगों की बजाय हल्के रंग जैसे- हल्का नीला, पीला, सफेद और हल्के गुलाबी रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए।
- पढ़ना एक अच्छी आदत है और गर्भावस्था के दौरान सकारात्मक और प्रेरणादायक किताबें पढ़ना और भी अच्छा होता है।
- बेडरूम में बच्चों की तस्वीरें भी लगाएं। इससे गर्भवती महिला हमेशा पॉजिटिव रहती है और होने वाला बच्चा भी स्वस्थ रहता है।
- गर्भवती महिला को अंधेरे या बेरंग कमरे में नहीं बैठना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें डिप्रेशन हो सकता है।
- गर्भवती को नकारात्मक वाइब्स से बचने के लिए सीढ़ियों के नीचे बने टॉयलेट में जाने से बचना चाहिए।
- घर के ठीक मध्य में सीढ़ी गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती है।
इन सब वास्तु टिप्स को ध्यान में रखकर गर्भवती गर्भावस्था में आने वाली अनावश्यक समस्याओं से बच सकती है।
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