बचपन में अगर आप भी किसी सदमे का शिकार हुए हैं जिसका इलाज अब तक नहीं करवाया है तो ये आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को समय के साथ खराब कर सकता है। जरूरी नहीं है कि समय बीत जाने के साथ आपके मन से हादसे से जुड़ी बातें निकल गई हों बल्कि कई लोगों को तो इस बात का अहसास भी नहीं होता कि उनकी समस्या का कारण क्या है। अगर आप जल्दी रो देते हैं या ज्यादा गुस्सा आता है तो ये भी अनहील्ड चाइल्डहुड ट्रॉमा के लक्षण हो सकते हैं, अन्य 5 लक्षणों के बारे में आगे जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
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बचपन के सदमे का इलाज न करवाने के नुकसान (Side effects of unhealed childhood trauma)
- जो लोग बचपन में किसी हादसे या सदमे का शिकार होते हैं वो ओवर इमोशनल भी हो सकते हैं।
- अगर बचपन में हादसे या सदमे से आप भी नहीं उबर पाए हैं तो आपको पुरानी यादें परेशान कर सकती हैं और आपको लोगों के साथ सहज महसूस नहीं होगा।
- गंभीर केस में लोगों को सोसाइड करने का भी मन करता है इसलिए इस समस्या का इलाज होना जरूरी है।
- जिन लोगों को अनहील्ड चाइल्डहुड ट्रॉमा की शिकायत होतीे है वो खुद को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
बचपन के सदमे का इलाज न करवाने के लक्षण (Symptoms of unhealed childhood trauma)
बचपन के सदमे का इलाज न करवाने के कई लक्षण हो सकते हैं जैसे-
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1. अनिद्रा की समस्या (Insomnia symptoms)
अगर आप बचपन में किसी हादसे के कारण अब तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं तो आपको सोने में परेशानी हो सकती है, रात को डरावने सपने आना, नींद अचानक से टूट जाना, रात के समय डर लगना सदमे के लक्षण हो सकते हैं जिसका इलाज न किया गया हो। जिन लोगों को बचपन में ट्रॉमा की समस्या होती है उनकी नींद भी बहुत कच्ची होती है।
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2. बहुत गुस्सा आना (Extreme anger symptoms)
अगर आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तो हो सकता है आप बचपन में किसी सदमे का शिकार हुए हों, अगर आप गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं तो आपको साइकोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए, ऐसे लोग अपने और दूसरों के लिए मुसीबत का कारण बन सकते हैं।
3. छोटी-छोटी बातों पर रो देना (Crying frequently)
अगर आप आसानी से रो देते हैं तो हो सकता है आप बचपन में किसी ट्रॉमा या हादसे का शिकार हुए हों, जिन लोगों में ट्रॉमा के लक्षण होते हैं वो बेहद सेंसिटिव होते हैं और आसानी से इमोशनल हो जाते हैं। ऐसे लोगों को डर भी ज्यादा लगता है और ये खुद को लेकर हमेशा इनसिक्योर महसूस करते हैं।
4. हर समय स्ट्रेस होना (Feeling stressed)
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अगर आपको एंग्जाइटी या हर समय स्ट्रेस महसूस होता है तो ये भी बचपन में सदमे के लक्षण हो सकते हैं जिसका इलाज न किया हो, ऐसे लोग अक्सर शर्मिंदगी भी महसूस करते हैं और खुद को लेकर उनका आत्मविश्वास कम होता है।
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5. ईटिंंग डिसऑर्डर (Eating disorder)
अगर आप बहुत ज्यादा या बहुत कम खाते हैं तो ये ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या है जिसका कारण बचपन में सदमे से गुजरना भी हो सकता है। अगर बचपन में आप किसी परेशानी से गुजरे हैं जिसका इलाज आज तक नहीं हुआ है तो आप ईटिंंग डिसऑर्डर का शिकार हो सकते हैं। ऐसे लोगों को साइकोलॉजोसिस्ट से जल्द से जल्द मिलना चाहिए।
अगर आप भी बचपन में किसी हादसे का शिकार हुए हैं और ऊपर बताए लक्षण आपके अंदर नजर आते हैं तो आप डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और इलाज करवाएं। आपको मनोरोग विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए।
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