बच्चों में एकाग्रता बढ़ाता है ऊँ का उच्चारण, जानें ऐसे ही 5 माइंडफुल मेडिटेशन जो हैं बच्चों के लिए फायदेमंद

बच्चों को माइंडफुल मेडिटेशनस एक बोरिंग काम लग सकता है। लेकिन उन्हें बताएं कि ये क्यों जरूरी है और कैसे ये उनके पढ़ाई-लिखाई में मदद कर सकता है।   
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बच्चों में एकाग्रता बढ़ाता है ऊँ का उच्चारण, जानें ऐसे ही 5 माइंडफुल मेडिटेशन जो हैं बच्चों के लिए फायदेमंद

बच्चों में आज कल मानसिक बीमारियां बढ़ती जा रही है। इसके अलावा शुरुआत से ही लाइफस्टाइल खराब होने के कारण होर्मोनल डिसबैलेंस और पीयर प्रेशर भी बच्चों को मन से परेशान रखता है। ऐसे में बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि, बच्चों के लिए भी माइंडफुल मेडिटेशन बेहद जरूरी है। लेकिन बच्चों को माइंडफुल मेडिटेशन सिखाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है और माइंडफुल मेडिटेशन को सिखाने के लिए माता-पिता को थोड़ी मेहनत करनी होगी। दरअसल, जब हम बच्चों को माइंडफुलनेस सिखाते हैं, तो हम उन्हें आत्मविश्वास पैदा करने, तनाव से निपटने और असहज या चुनौतीपूर्ण क्षणों से खुद को संभालने के लिए मानसिक मजबूती देते हैं। जितनी जल्दी हम उन्हें इस हेल्दी आदत में ढाल पाते हैं, उतनी ही जल्दी उनमें मानसिक और भावनात्मक तौर पर एक लचीलापन पैदा होती है। इस तरह ये उन्हें बचपन से ही एक बेहतर इंसान के रूप में तैयार करता है। तो, आइए हम आपको बच्चों के लिए कुछ माइंडफुल मेडिटेशन बताते हैं। 

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बच्चों के लिए माइंडफुल मेडिटेशन-Mindfulness meditation for kids

1.  ऊँ का उच्चारण करना

ऊं का उच्चारण अपने आप एक पूरा योग है। इससे ना सिर्फ दिमाग शांत होता है बल्कि धीमे-धीमे आपकी एकाग्रता बढ़ती जाती है। साथ ही थोड़े ही दिनों में बच्चों में आप बदलाव देख सकते हैं। तो, इन तमाम फायदे के लिए आपको अपने बच्चों को  ऊँ का उच्चारण करना सिखाना चाहिए। इसके लिए 

  • -उन्हें रोज सुबह थोड़ी देर योग मुद्रा में बैठने को कहें। 
  • -कोशिश करें कि ये उगते हुए सूरज कि ओर मुंह करके करें।
  • - फिर उनसे ऊँ का उच्चारण करवाएं।
  • -ध्यान धीमी आवाज से करें और तेज आवाज तक जाएं।
  • -इस तरह ये उनके अंदर एक पॉजिटिव वाइब्रेशन लाएगा और तन और मन दोनों को शांत रखेगा। 

2. मन लगाकर सांस लेना

मन को शांत करके सांस लेने से शरीर और दिमाग दोनों शांत पड़ने लगते हैं। दरअसल, ये बच्चों के लिए आसान सी ब्रीदिंग एक्सरसाइज है जिसे करने तन और मन दोनों ही एकाग्र होने लगते हैं। इससे तेजी से चले रहे विचारों और परेशान मन को रोकने में मदद मिलती है। बच्चों में खास कर कि 12 साल से ऊपर से बच्चों में ये स्थिति काफी नजर आती है। ऐसे में बच्चों को बताएं उन्हें ये कैसे करना है। जैसे कि

  • -सुबह या शाम में से किसी एक वक्त को चुनें और दोनों पैरों को मोड़ कर बैठ जाएं।
  • -अब एक लंबी सांस लेते हुए आंख बंद कर लें।
  • थोड़ी देर सांस को रोक दें और उसी पर खास ध्यान दें।
  • -अब फिर दिमाग को शांत करने की कोशिश करें और फिर वापिस आ जाएं।
  • -इससे मन शांत हो जाएगा।

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3. माइंडफुल वॉकिंग

अगर आपको बच्चे में हार्मोनल डिसबैलेंस बहुत होता है तो उन्हें माइंडफुल वॉकिंग करना सिखाएं। इसके लिए उन्हें बताएं कि कैसे ये एक मजेदार काम है जिसे करने से वे पढ़ाई में भी तेज हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें बताएं कि उन्हें ये कैसे करना हैं। जैसे कि

  • -पहले तो बच्चों को कहें कि वे सुबह या शाम में से किसी एक समय को चुनें।
  • -फिर किसी हरियाली वाली जगह पर जैसे कि पार्क या घर की छत पर चुपचाप 10 मिनट तक ताजी हवा में वॉक करें।
  • -इस दौरान किसी को ना देंखे ना बात करें। 
  • -बस आर पास की चीजों का आनंद लेते हुए वॉक करें। 
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4. सर्कुलर वॉकिंग 

सर्कुलर वॉकिंग बच्चों को एक गेम जैसा लग सकता है। इसमें बच्चों को ज्यादा कुछ नहीं करना है बस 10 मिनट एक चुनी हुए जगह पर धीमे-धीमे सर्कुलर मोशन में वॉक करना है। इस दौरान खुद को आगे-पीछे करना और उसी काम पर पूरा ध्यान देना है। इससे बच्चों की मेमोरी और तेजी से चीजों को समझने की क्षमता बढ़ जाएगी।

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5. एक बिंदु पर ही कंस्ट्रेट करना

बच्चों को बताएं कि एक ही बिंदु पर कंस्ट्रेट करके वे अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं। इसके लिए बच्चों को पहले एक

  • -आरामदायक स्थिति में बैठाएं या फिर क्रॉस लेग करके बैठा सकते हैं।
  • -उन्हें अपने पेट को ऊपर और नीचे देखने के लिए कहें और फिर एक गहरी सांस अंदर और बाहर लेने को कहें। 
  • -अब किसी एक प्वांट को तय करें या किसी एक चीज को और उसे लगभग 5 मिनट तक देखने को कहें।
  • -इस अभ्यास के समय को धीमे-धीमे बढ़ाएं। 

इस तरह इन 5 माइंडफुल मेडिटेशन को करके आप अपने बच्चों के  ध्यान, आत्म-नियंत्रण और कक्षा में भागीदारी को बढ़ा सकते हैं। इससे उनका अकादमिक प्रदर्शन बेहतर होगा और वे तनाव, अवसाद और चिंता आदि से लड़ना सिख जाएंगे। 

all images credit: freepik

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