प्री-डायबिटीज: जानें कहां हैं आप

प्री-डायबिटीज का मतलब है कि व्यक्ति को डायबिटीज तो है, लेकिन उसके ब्‍लड में ब्लड शुगर का स्तर इतना भी ज्यादा नहीं है कि टेस्‍ट के दौरान उसका पता लगाया जा सके, आइए जानें डायबिटीज की कतार में कहां है आप।
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प्री-डायबिटीज: जानें कहां हैं आप


प्री-डायबिटीज ऐसी डायबिटीज को कहा जाता है, जो टाइप-2 डायबिटीज से पहले होती है। लेकिन प्री-डायबिटीज के मरीजों में इसके लक्षण नजर नहीँ आते। इस तरह की डायबिटीज का मतलब है कि व्यक्ति को डायबिटीज तो है, लेकिन उसके ब्‍लड में ब्लड शुगर का स्तर इतना भी ज्यादा नहीं है कि टेस्‍ट के दौरान उसका पता लगाया जा सके।

 

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देखिये आप कहां हैं

अगर आपको डायबिटीज हे तो आपकी फास्टिंग शुगर- 126 मि.ग्रा. से ज्यादा है और पी.पी. शुगर (खाने के 2 घन्टे बाद) 200 मि.ग्रा.से ज्यादा होती है। और अगर आपको डायबिटीज नहीं हैं लेकिन आप सामान्य भी नहीं हैं तो आपकी फास्टिंग शुगर-100 -126 मि.ग्रा. और पी.पी. शुगर (खाने के 2 घन्टे बाद) 140-200 मि.ग्रा. है तो यह प्री-डायबिटीज की अवस्था है। दूसरे शब्‍दों में, यदि ब्‍लड की जांच की जाए एवं खाली पेट ग्लूकोज का स्तर 100 से अधिक एवं भोजन या 75 ग्राम ग्लूकोज लेने के बाद 140 से अधिक होने लगे तो इसे प्री-डायबिटीज कहा जाता है। यानी अब आप डायबिटीज की कतार में हैं।


क्‍या आपको नहीं हैं डायबिटीज

लेकिन अगर फास्टिंग शुगर-100 मि.ग्रा.से कम है और पी.पी. शुगर (खाने के 2 घन्टे बाद)-140 मि.ग्रा. से कम है तो समझ लीजिये कि आपको डायबिटीज नहीं हैं।


प्री-डायबिटीज की अवस्था क्‍यों खतरनाक है?

यह भविष्य में डायबिटीज होने की सूचना देता है। प्री-डायबिटीज वालों को भी डायबिटीज के दुष्परिणामों के होने का खतरा उतना ही रहता है।


इस अवस्था से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

यह एक गोल्डन अवसर है। यदि इस समय बचाव के रास्तों को अपनाया जाये तो बीमारी को आगे रोका जा सकता है।


प्री-डायबिटीज के लक्षण

हालांकि प्री-डायबिटीज के ज्यादातर मरीजों में, लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन कुछ लक्षणों से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जैसे

बहुत ज्यादा प्यास लगना
यूरिन आना
धुंधला दिखाई देना
बेहोशी होना

 

प्री-डायबिटीज से बचाव के उपाय

  • अगर आप स्‍मोकिंग करते हैं, तो इसे पूरी तरह से बंद कर दें। सिगरेट पीने से किसी भी व्यक्ति का शुगर लेवल एकाएक बढ़ जाता है और अगर डायबिटीज का कोई मरीज स्‍मोकिंग करता है, तो उसके शुगर लेवल में तुरंत ऐसा उछाल आता है जो उस मरीज को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
  • वजन नियंत्रित होना चाहिए। यदि आप अपना वजन पांच से 10 प्रतिशत तक भी घटा लेते हैँ, तो इससे आपके स्वास्थ्य पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • आपका खानपान स्वस्थ होना चाहिए। शरीर में ज्यादा सोडियम होने से पानी का जमाव होता है जिससे रक्त का आयतन बढ़ जाता है जिसके कारण रक्तचाप बढ़ जाता है। भोजन में सोडियम की मात्रा कम करें, सामान्यतः 10 ग्राम नमक लोग एक दिन में खाते हैं। इसे कम करके 3 ग्राम तक कर देना चाहिए है। नमकीन चीजें जैसे नमकीन, आचार, पापड़ से पूरी तरह से परहेज करें।
  • यदि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल या हाई ब्लड प्रेशर है, तो उसे भी नियंत्रण में रखें।
  • भोजन में पौटेशियम युक्त चीजें बढ़ा दें। डिब्बा बंद सामाग्री का इस्तेमाल न करें। साथ ही सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम करें। इसके अलावा भोजन में कैल्शियम और मैगनिशियम की मात्रा भी संतुलित करें। फाइबर युक्‍त चीजों को सेवन बढ़ा दें जैसे फलों के छिलके, साग/चोकर युक्त आटा/इसबगोल आदि।
  • प्री-डायबिटीज को मात देने के लिए एक्‍सरसाइज भी बहुत जरुरी है, हफ्ते के पांच दिन कम से कम 30 मिनट तक एक्‍सरसाइज करने का नियम जरुर बनाएं इसकी शुरुआत आप 10 या 15 मिनट से भी कर सकते हैँ। खूब तेज लगातार 30 मिनट पैदल चलना सर्वोंत्तम एक्‍सरसाइज है। या योग/ध्यान/प्राणायाम को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल करें। लेकिन साथ ही ऐसा करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरुर ले।


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Image Source : Getty

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