प्लेक एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो दांतों की सतह पर कई दिनों तक जमते रहने की वजह से कठोर रूप में पाया जाता है। प्लेक दन्त क्षय के साथ-साथ मसूड़ों को भी रोगग्रस्त कर देता है। ऐसे में अगर मसूड़ों का उचित ईलाज नहीं किया गया तो ये दांतों को सहारा देने वाले टिश्यूज़ को भी ख़राब करने लगते हैं, जो दांतों के लिए बहुत हीं नुकसानदेह है एवं इससे दांत झड़ने की नौबत भी आ सकती है।
- फलास: रोजाना फ्लास किया करें। ऐसा करने से आपके दांतों एवं मसूड़ों के उन भागों से भी बैक्टीरिया, खाद्य कणों एवं प्लेक की सफाई हो जाती है जहाँ तक आपका टूथब्रश नहीं पहुँचता। इसके पश्चात ठीक से कुल्ला करें।
- दांतों को ब्रश से साफ करना: अपने दांतों को रोजाना 2 बार ( सुबह सोकर उठने के बाद एवं रात को सोने से पूर्व) बंशसे साफ़ किया करें. आपका ब्रश ऐसा होना चाहिए जिसके बिस्टल्स मुलायम हों वरना कठोर बिस्टल्स वाले ब्रश आपके मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बेहतर होगा कि आप उसी टूथब्रश का इस्तेमाल करें जिसे इंडीयन डेंटल एसोसियेशन ने मंजूरी दी हो। बार-बार पानी से कुल्ला किया करें। उसी टूथपेस्ट का उपयोग करें जिसमें फ्लोराइड हो। फ्लोराइड आपके दांतों के enamel को मजबूत बनता है एवं दांत सड़ने या दन्त क्षय के खतरे से भी मुक्त रखता है।
- जीभ साफ रखें: ब्रश करते समय ब्रश को अपने जीभ पर आगे-पीछे चलाते हुए जीभ की भी अच्छी तरह सफाई किया करें। जीभ साफ करने के दूसरे भी यन्त्र मिलते हैं, उनसे भी जीभ को साफ़ करें। जीभ साफ़ करने से ज्यादा से ज्यादा बैक्टीरिया का सफाया हो जाता है। जीभ साफ़ करने के बाद फिर से कुल्ला करें।
रोजाना 2 बार ब्रश एवं फ्लास किया करें। अगर आप दिन में सिर्फ एक बार ब्रश और फ्लास करते हैं तो रात को सोने से पहले किया करें। अपने डेंटिस्ट से मिलकर इस बात की पुष्टि करें कि प्लेक हटाने का जो तरीका आप अपना रहे हैं वो किस हद तक सही है।
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