आजकल के बदलते मौसम में टाइफाइड एक संक्रमित रोग हो गया है। ये ना सिर्फ बड़ों को बल्कि बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। बच्चों में टाइफाइड को एक खतरनाक बुखार के रूप में जाना जाता है। यह रोग दूषित पानी, खाना और आसपास गंदनी फैलने की वजह से होता है। टाइफायड दो साल के बच्चों से लेकर बड़ों तक बहुत आसानी से फैलने वाला रोग है। आइए जानते हैं बच्चों में टाइफाइड के लक्षण।
गंंदगी है बड़ा कारण
टाइफाइड होने के सबसे बड़े कारण में गंदगी भी है। इस बीमारी से ग्रस्त बच्चा जब मल त्याग करता है, तो ये बैक्टीरिया वहं से पानी में मिल जाते हैं, और फिर मक्खियों के द्वारा खाने तक फैलते हैं। जिसे हम बड़े ही चाव से खाते हैं। अगर इस रोग से बचना है तो अपने आसापास खासकर सफाई रखें।
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बैक्टिरिया भी है कारण
साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया केवल मानव में छोटी आंत में पाए जाते हैं। ये मल के साथ निकल जाते हैं। जब मक्खियं मल पर बैठती हैं तो बैक्टीरिया इनके पांव में चिपक जाते हैं। ऐसे में ये मक्खियां खाने पर बैठती हैं और वहां वह बैक्टिरिया रह जाते हैं।
इंफेक्शन है वजह
बच्चों में टाइफाइड इंफेक्शन के माध्यम से भी तेजी से फैलता है। जब बच्चों को टाइफाइड होता है तो शुरुआत में कमजोरी, सिर दर्द, बेचैनी, तेज बुखार व तेज खांसी जैसे लक्षण देखे जाते हैं। कपकंपी के साथ ठंड लगना, पेट में दर्द, पेट फूलना, भूख कम लगना, कब्ज, छाती व पेट में दर्द भी इस रोग के लक्षण हैं।
बर्तनों की गंदगी
जल्दी के चक्कर कभी कभी हम अपने किचन के बर्तनों को अच्छी तरह साफ करना भूल जाते हैं। जिसका खामियाजा हमारे बच्चों को भुगतना पड़ता है। इसलिए आज से रसोईघर और खाने के बर्तनों को अच्छी तरह से साफ करें। स्कूल के लिए लंच पैक करते समय ध्यान रखें कि बच्चों का टिफिन साफ हो। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका बच्चा इस गंभीर रोग की गिरफ्त में आने से बच जाएगा।
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