बोन कैंसर के प्रकारों के बारे में जानें

कैंसर की कोशिकाएं जब हड्डियों में फैल जाती हैं तब तब बोन कैंसर होता है। बोन कैंसर ज्यादातर हाथों और पैरों की हड्डी में होता है लेकिन यह शरीर के किसी भी अंग में फैल सकता है। आइए जानें बोन कैंसर के प्रकारों के बारें में।
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बोन कैंसर के प्रकारों के बारे में जानें


बोन कैंसर होने पर हड्डियों में दर्द होता है और थकान होने लगती है। बोन कैंसर आदमी के लिए घातक हो सकता है हड्डियों में दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए जिससे कि इसका समय रहते इलाज हो सके।बोन कैंसर को कई भागों में विभाजित किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए महत्वपूर्ण हैं कि बोन कैंसर की कोशिकाओं की उत्पत्त्ति किस रूप में हैं। इन कोशिकाओं का शरीर में कितना प्रसार हो चुका है । बोन कैंसर की प्रकृति पर इसके प्रकार निर्भर करते हैं।
Bone cancer in Hindi

प्राइमरी बोन कैंसर

प्राइमरी बोन कैंसर हड्डियों से आरंभ होकर धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलता है। इसकी कोशिकाएं सबसे पहले हड्डियों को प्रभावित करती है। बोन कैंसर की अलग-अलग अवस्थाओं में बोन कैंसर बढ़ता है। यदि सही समय पर बोन कैंसर का इलाज नहीं करवाया जाता तो यह पूरे शरीर को प्रभावित करने लगता है और एक समय के बाद मौत का जोखिम भी बढ़ जाता है। यह कैंसर हर साल लगभग 20 लाख लोगों को प्रभावित  करता है।

सेकेंडरी बोन कैंसर

सेकेंडरी बोन कैंसर यानी माध्यमिक बोन कैंसर। में पीडि़त कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करती हुई धीरे-धीरे शरीर में फैलना शुरू हो जाती है। हालांकि यह कैंसर शरीर के किसी एक हिस्से में फैलना शुरू होता है। यह कैंसर आमतौर पर उन्हीं लोगों को होता है जो कि फेफड़ों संबंधित, बेस्ट कैंसर या फिर प्रोटेस्ट कैंसर से पीडि़त होते हैं। इस कैंसर के परिणाम स्वरूप हड्डियां बहुत कमजोर हो जाती है और बार-बार मरीज को फ्रैक्चर होने लगता है। ऐसे में मरीज को भरपूर मात्रा में कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। इस अवस्था में मरीज को बहुत अधिक दर्द होता है और विशेष तौर पर कमर में दर्द की शिकायत रहती हैं। बोन कैंसर का यह प्रकार शरीर में कैल्शियम की कमी होने के कारण भी हो सकता है।
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ऑस्टियो सार्कोमा

बोन कैंसर में ऑस्टियो सार्कोमा सबसे आम कैंसर है। यह कैंसर आमतौर पर कूल्हे और कंधे व साथ ही घुटने के आसपास के हिस्से में पाया जाता है। बोन कैंसर का यह प्रकार हर साल लगभग प्रति मिलियन लोगों में से 3-4 नए मरीज इस कैंसर के शिकार होते हैं। बोन कैंसर का यह रूप आमतौर पर युवाओं में देखने को मिलता हैं। हालांकि यह बच्चों में भी हो सकता है। इतना ही नहीं यह कैंसर महिलाओं के मुकाबले पुरूषों में अधिक होता है।

कॉन्ड्रो सार्कोंमा 

बोन कैंसर के प्रकारों में कॉन्ड्रो सार्कोंमा सबसे अधिक 40 से 70 वर्ष की उम्र के लोगों में पाया जाता है। यह कैंसर भी कूल्हें और कंधे के आसपास अधिक होता है। बोन कैंसर का यह सामान्य प्रकार है। यह कैंसर हड्डियों से शुरूआत कर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता है। इस कैंसर में सबसे अधिक दर्द जोड़ों में होता है।
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इविंग सारकॉमा 

यह कैंसर कम उम्र के लोगों को होता है। यानी यह 5 साल से 20 साल तक की उम्र के लोगों को अधिक होता है। यह कैंसर आमतौर पर हाथों, पैर, बाजू, पसलियों इत्यादि जगहों से आरंभ होता है।

मरीज की स्थिति के आधार पर ही बोन कैंसर का उपचार भी संभव है। कहने का अर्थ है बोन कैंसर के निदान पर बोन कैंसर के प्रकार निर्भर करते हैं।

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