शरीर का बाह्य रूप से ही नहीं भीतरी रूप से भी ठोस होना मौजूदा जीवनशैली की जरूरत है। ऐसे में सिर्फ खानपान पर आश्रित रहना सही नहीं है। जरूरत इससे कुछ ज्यादा की है। त्रिकोणासन इसमें हमारी मदद कर सकता है। सामान्यतः त्रिकोणासन चैड़े सीने की चाह रखने वालों के लिए लाभकर है। लेकिन त्रिकोणासन के तिगुने लाभ हैं। यह शारीरिक रूप से फिट रहने की चाह रखने वालों को अवश्य करना चाहिए। पेट, कूल्हे और कमर के बेहतरीन शेप के लिए तो त्रिकोणासन से बेहतर और कुछ है ही नहीं। यह आसन सिर्फ कुछ शारीरिक अंगों पर ही कारगर नहीं है वरन हमारी मांसपेशियों के लिए भी त्रिकोणासन सहायक है। कहने का मतलब यह है त्रिकोणासन हमारे संपूर्ण शरीर को लाभ पहुंचाता है।
इसके लाभ
सबसे पहले यह जान लें कि इसके विशेष लाभ हासिल करने हैं तो इस आसन का नियमित अभ्यास करें। तमाम शारीरिक विशेषज्ञों की राय है कि किसी भी आसन या एक्सरसाइज का सम्पूर्ण लाभ हासिल करना है तो उसे नियमित करना चाहिए। कभी करना, कभी न करने वाली मनःस्थिति से दूर रहें। साथ ही योगासन से कभी भी पूरी तरह से मुंह न मोड़े। इसके दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं।
बहरहाल त्रिकोणासन करने से कमर और कूल्हे की चर्बी कम होती है। पेट और छाती के बगल की मांसपेशियों को सम्पूर्ण व्यायाम मिलता है। पैरों की पीछे वाली मांसपेशियों में खिंचाव आता है और उनकी शक्ति बढ़ती है। यह ध्यान रखें कि त्रिकोणासन का अभ्यास तेज गति से करना चाहिए। तभी जाकर पूरे शरीर को इसका लाभ पहुंचता है। शरीर के सभी अंग खुल जाते हैं जिससे उनमें स्फूर्ति का संचार होता है। यही नहीं त्रिकोणासन के अभ्यास से आंतों की कार्यगति बढ़ती है। नतीजतन कब्ज से छुटकारा मिलता है। विशेषज्ञों की मानें तो त्रिकोणासन से पाचन शक्ति बढ़ती है और यह हमारी भूख बढ़ाता है। अतः जिन मांओं को अपने बच्चों से खाना न खाने की शिकायत रहती है, उन्हें अपने बच्चों को त्रिकोणासन अवश्य करवाना चाहिए।
चैड़े सीने की चाह महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में देखी जाती है। त्रिकोणासन उन्हें सही राह दिखा सकता है। इस आसन को करने से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और फेफड़ों की क्षमता भी बेहतर होती है। यही नहीं जिन्हें कब्ज की शिकायत होती है, उनके लिए त्रिकोणासन संजीवनी की तरह काम करता है। इन सबके अलावा मौजूदा जीवनशैली का सबसे बड़ा और सामान्य रोग, तनाव से भी त्रिकोणासन मुक्त करता है।
कैसे करें त्रिकोणासन
दोनों पैरों के बीच औसतन तीन फुट की दूरी रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथ पैरों के समानांतर फैलाएं। अब दाएं पैर के पंजे को दाएं हाथ से छूने की कोशिश करें और बांया हाथ आसमान की ओर हो ताकि 90 डिग्री का कोण बनें। 15 से 20 सेकंड बाद सीधे हो जाएं। यही विधि बाएं हाथ और बाएं पैर से पुनः करें।
बरतें थोड़ी सावधानी
जिस तरह हर आसन को नियम व सीमा में रहते हुए करना चाहिए, ठीक उसी तरह त्रिकोणासन से भी कुछ लोगों को दूरी बनाए रखनी चाहिए। पेट में अगर आपके सर्जरी हुई हो तो इस आसन को कतई न करें। स्लिप डिक्स के मरीज हैं तो भी इस आसन से आपको दूर रहने की सलाह दी जाती है। इन सबके बावजूद अगर आप में त्रिकोणासन करने की चाह अत्यधिक है तो बेहतर यही होगा कि योग विशेषज्ञ से संपर्क करें। साइटिका पेन के मरीजों को भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।
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