बाल खींचने की आदत हो सकती है इस डिसऑर्डर का संकेत, जानें इसके कारण और बचाव के टिप्स

हेयर पुलिंग डिसऑर्डर की समस्या होने पर व्यक्ति का मन अपने सिर के बाल खींचने का करता है। जानते हैं इसके कारण, लक्षण और उपचार...
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बाल खींचने की आदत हो सकती है इस डिसऑर्डर का संकेत, जानें इसके कारण और बचाव के टिप्स

अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो गुस्से में या तनाव में अपने बालों को खींचना शुरू कर देते हैं। यह कोई आम प्रतिक्रिया नहीं है। अगर कोई व्यक्ति इस प्रकार की प्रतिक्रिया कर रहा है तो हो सकता है कि वह किसी मानसिक समस्या का शिकार हो। जी हां, यह लक्षण हेयर पुलिंग डिसऑर्डर के होते हैं। बता दें कि हेयर पुलिंग डिसऑर्डर को ट्रिकोटिलोमेनिया (बाल खींचने की आदत) के नाम से भी जाना जाता है। आपके जहन में यह सवाल होगा कि ट्रिकोटिलोमेनिया क्या है? तो बता दें कि यह एक प्रकार का मानसिक विकार होता है, जिसमें व्यक्ति बार-बार अपने बालों को खींचना शुरू कर देता है। इससे अलग व्यक्ति अन्य हिस्सों के बाल जैसे- दाढ़ी के, भौहें के आदि के बाल खींचना शुरू कर देता है। यही कारण होता है कि उसके सारे बाल टूटने लगते हैं। यह समस्या गंभीर भी हो सकती है और आम भी। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि हेयर पुलिंग डिसऑर्डर के क्या कारण हैं। साथ ही इसके लक्षण और उपचार भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...

हेयर पुलिंग डिसऑर्डर के लक्षण

हेयर पुलिंग डिसऑर्डर के निम्न लक्षण हैं, जो इस प्रकार दिखाई दे सकते हैं-

1 - तनाव में रहना या एंग्जाइटी की समस्या होना

2 - बार-बार अपने बालों को खींचना।

3 - बालों का झड़ना

4 - बालों को ना खींचने पर तनावग्रस्त महसूस करना।

5 - बाल चबाना या बाल खाना।

6 - बालों को घुमाना।

7 - आईने के आगे खड़े होकर बालों की जड़ों को देखना।

8 - बालों को दांतो के बीच से खींचना।

9 - बाल खींचने के बाद खुद को चिंता मुक्त महसूस करना।

10 - गंजापन दिखाई देना।

11 - जड़ों में खुजली होना।

बता दें कि जो लोग इस समस्या से ग्रस्त होते हैं वे अपनी मौजूदा स्थिति को छुपाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में वे गंजापन को छुपाने के लिए टोपी या स्काफ आदि का प्रयोग करते हैं।

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हेयर पुलिंग डिसऑर्डर के कारण

बता दें कि अभी समस्या का कोई सटीक कारण पता नहीं चल पाया है लेकिन कुछ लोग इसके पीछे का कारण जेनेटिक मानते हैं तो कुछ लोग पर्यावरण संबंधित कारकों को इसका जिम्मेदार समझते हैं। वहीं अगर विशेषज्ञों की मानें तो वह इससे मस्तिष्क में आई किसी प्रकार की गड़बड़ी को बाल खीचने की समस्या कै जिम्मेदार मानते हैं। हालांकि अब भी इसका कारण अज्ञात है।

 

इस समस्या से कैसे बचें

बता दें क्योंकि इसका कोई कारण पता नहीं है ऐसे में इससे बचाव भी मुमकिन नहीं है। लेकिन हां अगर ऊपर बताए गए लक्षण नजर आते हैं तो पीड़ित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। इससे अलावा स्ट्रेस मैनेजमेंट सीखने से भी फायदा मिल सकता है। क्योंकि इसके पीछे का बड़ा कारण तनाव को माना जाता है ऐसे में व्यक्ति को तनाव रहित रहना जरूरी है।

कौन लोग रहें हेयर पुलिंग डिसऑर्डर से बचकर

ध्यान दें कि जिन बच्चों की उम्र 10 से 13 साल के बीच होती है वह समस्या का जल्दी शिकार हो सकते हैं हालांकि उन बच्चों में यह समस्या आम होती है जो बड़े होकर खुद ब खुद ठीक भी हो जाती है। इससे अलग जो लोग डिप्रेशन की समस्या के शिकार हो जाते हैं या एंजायटी के, मोटापे या ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर से ग्रस्त होते हैं उनमें भी इस प्रकार की समस्या देखी जा सकती है। जैसा कि हमने पहले भी बताया इसके पीछे जेनेटिक कारण भी जिम्मेदार हो सकता है। ऐसे में यदि पीड़ित व्यक्ति के परिवार में किसी को हेयर पुलिंग डिसऑर्डर की समस्या है तो दूसरे व्यक्ति में भी यह समस्या हो सकती है। जो लोग अधिक मात्रा में तनाव से ग्रस्त रहते हैं उन्हें इस समस्या की संभावना ज्यादा रहती है।

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हेयर पुलिंग डिसऑर्डर्स का उपचार

बता दें कि हेयर पुलिंग डिसऑर्डर के पीछे का कारण अभी अज्ञात है। ऐसे में इसका इलाज भी सटीक नहीं है। लेकिन बाल खींचने की समस्या को कुछ दवाइयों के माध्यम से खत्म किया जा सकता है। डॉक्टर्स कुछ ऐसी दवाइयों को लेने की सलाह देते हैं जिससे मूड से संबंधित न्यूरोट्रांसमीटर पर प्रभाव पड़े और व्यक्ति खुद को तनाव रहित महसूस करें। इससे अलग कुछ थेरेपी भी इस समस्या को दूर करने में उपयोगी हैं। डॉक्टर हैबिट रिवर्सल ट्रेनिंग के माध्यम से हेयर पुलिंग डिसऑर्डर का उपचार करते हैं। यह एक प्रकार की बिहेवियर थेरेपी होती है, जिसमें व्यक्ति को परिस्थिति के बारे में समझाया जाता है। साथ ही यह भी बताया जाता है कि उसे इस परिस्थिति को कैसे हैंडल करना है और अगर उसका मन बाल खींचने को करता है तो वह अपनी मुट्ठी कसकर बंद कर सकता है और अपनी आदत पर नियंत्रण पा सकता है।

नौट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि व्यक्ति को हेयर पुलिंग डिसऑर्डर की समस्या होने पर कुछ लक्षण नजर आते हैं। ऐसे में लक्षणों को तुरंत ठीक करना जरूरी है। यदि व्यक्ति थेरेपी और दवाइयों के माध्यम से खुद को ठीक महसूस करता है तो वह यह कोर्स पूरा करें। कोर्स को बीच में छोड़ने पर व्यक्ति फिर से इस मानसिक समस्या का शिकार हो सकता है। वहीं अगर बच्चे को यह समस्या है तो थोड़ा सा धैर्य रखें क्योंकि जैसे जैसे बच्चा बड़ा होगा वैसे वैसे ये समस्या भी खुद ब खुद ठीक हो जाएगी।

ये लेख गेटवे ऑफ हीलिंग साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी (Dr. Chandni Tugnait, M.D (A.M.) Psychotherapist, Lifestyle Coach & Healer) से बातचीत पर आधारित है।

इस लेख में इस्तेमाल की जानें वाली फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।

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