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क्या आपको भी लोगों से मिलने में लगता है डर, जानें सोशल एंग्जाइटी का इलाज

कुछ लोगों को दूसरे लोगों से मिलने जुलने में झिझक महसूस होती है। इस समस्या को सोशल एंग्जाइटी कहा जाता है। आगे जानते हैं कि सोशल एंग्जाइटी का इलाज कैसे किया जाता है।
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क्या आपको भी लोगों से मिलने में लगता है डर, जानें सोशल एंग्जाइटी का इलाज


Social Anxiety Disorder: कुछ लोगों को ज्यादा भीड़-भाड़ में घबराहट महसूस होती है। ऐसी समस्या कुछ में लोगों से बात करने या उनके साथ घुलने मिलने में कतराते हैं या झिझक महसूस करते हैं। इस तरह के लोग अन्य लोगों के साथ मिलने से पहले ही अपनी एक अलग राय मन में बना लेते हैं। उन्हें लगता है कि लोगों के साथ मिलने के बाद दूसरे व्यक्ति उन्हें गलत समझेंगे। इसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस लक्षण को नजरअंदाज करने से कुछ समय के बाद ऐसे लोग केवल घर में ही रहना पसंद करते हैं। साथ ही, ऐसे व्यक्तियों के एकाकी जीवन बिताना अच्छा लगता है। इस स्थिति को ही सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर (Social Anxiety Disorder) के रूप में जाना जाता है। ऐसे लोगों में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। इस लेख में Dr. Sumanto Chatterjee. Senior Neurologist (Yashoda Super Speciality Hospital Kaushambi) से जानते हैं कि सोशल एंग्जाइटी का इलाज (Social anxiety disorder treatment) किस तरह किया जाता है।

सोशल एंग्जाइटी होन पर व्यक्ति को क्या लक्षण महसूस होते हैं? - Sign Of Social Anxiety Disorder

सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर में व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। इस स्थिति में व्यक्ति समाजिक कार्यक्रमों में जाने से बचता है। आगे जानते हैं इसके कुछ लक्षण।

  • नए लोगों से मिलने में झिझकना
  • लोगों के सामने किसी तरह प्रदर्शन न कर पाना
  • फोन कॉल न उठना या बात न करना।
  • सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करने में डरना।
  • किसी रेस्तरां, स्टोर या अन्य सार्वजनिक स्थान पर मदद मांगने में हिचकिचाना।
  • लोगों के सामने किसी प्रश्न का उत्तर देने में घबराना।
  • लोगों के सामने खाने में अजीब महसूस करना, आदि।

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सोशल एंगाइटी डिसऑर्डर किसे प्रभावित करती है?

सोशल एंगाइटी डिसऑर्डर एक सामान्य मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है। सोशल एंगाइटी डिसऑर्डर वाले ज्यादातर लोग 20 वर्ष की आयु से पहले ही लक्षणों का अनुभव करते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस तरह का डिसऑर्डर ज्यादा देखने को मिलता है।

सोशल एंगाइटी डिसऑर्डर का इलाज कैसे किया जाता है? - Social Anxiety Disorder Treatment In Hindi

सोशल एंगाइटी डिसऑर्डर के इलाज में थेरेपी, दवाएं व अन्य लाइफस्टाइल बदलावों को शामिल किया जाता है। आगे जानते हैं इस बारे में।

मनोचिकित्सा (Therapy)

मनोचिकित्सा सोशल एंगाइटी डिसऑर्डर में बहुत प्रभावी होती है। इसमें कॉग्नेटिव बिहेवरियल थेरेपी और एक्सपोजर थेरेपी को शामिल किया जाता है।

कॉग्नेटिव बिहेवरियल थेरेपी (Cognitive Behavioral Therapy)

यह थेरेपी व्यक्ति को उनके नकारात्मक विचारों और व्यवहारों की पहचान करने और उन्हें बदलने में मदद करती है। इसमें सिखाया जाता है कि सामाजिक स्थितियों में आत्म-आश्वासन और सकारात्मक दृष्टिकोण कैसे अपनाएं।

एक्सपोजर थेरेपी (Exposure Therapy)

यह थेरेपी व्यक्ति को धीरे-धीरे उन सामाजिक स्थितियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है जिनसे वे डरते हैं। यह डर को कम करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करती है।

दवाएं (Medicine)

सोशल एंगाइटी डिसऑर्डर में डॉक्टर मरीज की स्थिति के आधार पर सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर्स (SSRIs), बेंजोडायजेपाइन्स (चिंता को तुरंत कम करना), और बीटा ब्लॉकर्स (शारीरिक लक्षणों को दूर करने वाली दवाएं) दवाएं दे सकते हैं।

जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes)

  • नियमित व्यायाम जैसे योग, ध्यान और एक्सरसाइज करने के लिए कहा जाता है।
  • कैफीन और शुगर का सेवन कम करें, क्योंकि यह चिंता को बढ़ा सकते हैं।
  • प्रोटीन, सब्जियों और फलों से भरपूर आहार लें।
  • पर्याप्त और गहरी नींद लेने की आदत डालें।
  • सोने से पहले स्क्रीन का उपयोग कम करें।
  • धीरे-धीरे सामाजिक बातचीत का अभ्यास करें।

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सोशल एंगाइटी डिसऑर्डर एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है, लेकिन सही उपचार और समर्थन के साथ इसे आसानी से मैनेज किया जा सकता है। चिकित्सा, दवाएं और जीवनशैली में बदलाव मिलकर व्यक्ति को आत्मविश्वास से भरा जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।

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