थायराइड विकार पुरुषों में स्वास्थ्य समस्याओं का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। पुरुषों में थायराइड का सबसे मुख्य प्रकार एक अति सक्रिय थायरायड ग्रंथि हैं जो हाइपरथायराडिज़्म का कारण बनती हैं, साथ ही एक न्यून (अण्डरएक्टिव) थायराइड ग्रंथि के कारण भी हाइपोथायरायडिज्म होता है। थायराइड ग्रंथि शरीर की चयापचय (मेटाबॉलिज़्म) को नियंत्रित करती हैं। इसलिए थायराइड ग्रंथि के साथ समस्याओं में चयापचय गति धीमी या फिर तेज हो जाती है, जिसके कारण थायराइड के विभिन्न लक्षण दिखने लगते हैं। इम्यून सिस्टम के ठीक प्रकार से काम ना करने के कारण शरीर में थाइराइड हॉर्मोनन्स के तेजी से घटने - बढने से यह समस्या होती है, जो जल्द ही मरीज की नियमित जीवन शैली को असंतुलित कर देती है।
इसके पीछे आनुवंशिक, प्राकृतिक और आहार कारक भी हो सकते हैं। कई बार हॉर्मोनल असंतुलन से ग्रस्त महिलाएं इस रोग के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती हैं। आमतौर पर यह बीमारी बीस से चालीस वर्ष के आयुवर्ग के लोगों में देखने को मिलती है लेकिन यह किसी भी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना सकती है। पुरुषों में थायराइड समस्याओं के लक्षण कुछ इस तरह से हो सकते हैं-
ऊर्जा स्तर में अनियमित बदलाव
हाइपरथायराडिज़्म चयापचय में तेज और अनीयमित बदलाव करता है, जिसके कारण किसी व्यक्ति को सोने में तकलीफ, चिड़चिड़ापन, बेचैनी तथा इस प्रकार की कुछ अन्य परेशानियां होने लगती हैं। साथ ही चिंता मिजाज में नकारात्मक बदलाव तथा ध्यान केन्द्रित करने में समस्या जैसे दुष्पभाव भी सामने आने लगते हैं। हाइपरथायराडिज़्म से ग्रस्त होने पर शरीर गतिशील रहने योग्य आवश्यक ऊर्जा जुटाने में असमर्थ रहता है, जिसके कारण शरीर में लगातार थकान या थकान के लक्षण हैदा हो जाते हैं। हाइपरथायराडिज़्म से ग्रस्त कुछ पुरुषों में स्मृति समस्याओं या अवसाद का विकास जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं।
वजन और आहार में परिवर्तन
हाइपरथायराडिज़्म में चयापचय काफी बढ़ जाता है, थायराइड से ग्रसित पुरुषों की भूख भी बढ़ जाती है और वे सामान्य से अधिक भोजन करने लगते हैं। लेकिन जरूरत से अधिक भोजन करने के बाद भी इन पुरुषों का वजन घटता ही है। ऐसे में बॉविल मूवमेंट्स (मल त्यागना) की आवृत्ति में वृद्धि हो सकती है और बार-बार दस्त हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर हाइपरथायराडिज़्म के कारण चयापचय घटने पर इन पुरुषों की भूख में कमी हो जाती है और कम भोजन करने की स्थिति में भी इनका वजन बढ़ने लगता है। ऐसे में कब्ज भी आंतों की गतिविधि को धीमा कर देती है।
तापमान के प्रति संवेदनशीलता में परिवर्तन
हाइपरथायराडिज्म वाले पुरुषों को कभी-कभी जरूरत से अधिक पसाना आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्मी चयापचय का बायप्रोडक्ट (प्रतिफल) है। जिसके कारण इन पुरुषों को गर्म तपमान काफी विचलित कर देता है। इसके विपरीत कभी कभी इनको पसीना बहुत कम आता है और थोडी ठंड ही इनको परेशान कर देती है।
असामान्य शारीरिक वृद्धि
हाइपरथायराडिज़्म से ग्रस्त पुरुषों में भी कभी कभी स्तनों का असामान्य विकास और बढा़ हुआ चयापचय देखने को मिलता है। हालांकि यह एक कम होने वाला लक्षण है।
मांसपेशियों में दर्द व कमजोरी
हाइपरथायराडिज़्म होने पर माशपेशियों में कमजोरी आती है और शरीर थका तथा टूटा हुआ महसूस होता है। अक्सर कमर, कन्धों व जोडों में दर्द होता है तथा सूजन भी आ जाती है।
इसके अलावा डबल विजन, आंखों में जलन और दिल की धड़कन तेज़ होने जैसे सक्षण भी होते हैं। थायरॉयड में सूजन आंखों के पीछे सूजन, आवाज में भारीपन और भारी तथा चेहरे पर सूजन जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
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