कई बार गर्भवती महिलाएं बहुत अधिक चिंता करने लगती हैं। चिंता किसी भी कारण हों, लेकिन कोशिश करें कि तनावमुक्त रहें। क्योंकि हाल ही में हुई शोध से इस बात की पुष्टि हुई है कि गर्भावस्था के दौरान तनाव में रहने वाली महिलाओं के तनाव का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी होता है। इससे बच्चे कमजोर और कम वजन वाले पैदा होते हैं।
अपनी तरह का पहला अध्ययन
अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं ने गर्भवती महिलाओं पर अध्ययन किया है और अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि यदि गर्भवस्था में महिलाएं तनाव में रहती हैं तो प्रसव के दौरान शिशु का वजन सामान्य से कम होता है। गर्भावस्था में तनाव और शिशु के बीच के संबंध पर किया गया ये अपने तरह का पहला अध्ययन है।
दरअसल सुबह उठने पर अगर आप तनावग्रस्त रहते हैं तो आपके शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन का शरीर में अधिक मात्रा में स्राव होता है जिसका बुरा असर बच्चे पर पड़ता है। यह नया अध्ययन 142 महिलाओं पर किया गया है जोजो कम्युनिटी चाइल्ड हेल्थ नेटवर्क द्वारा किए जा रहे विस्तृत अध्ययन का हिस्सा थीं। अध्ययन में यह देखा जा रहा था कि नए अभिभावकों और उनके बच्चों पर तनाव का क्या असर होता है। विश्वविद्यालय के क्रिस्टिन गुआर्डिनो ने बताया, ‘हमने पाया कि जो कोर्टिसोल पैटर्न जो कॉर्निक तनाव के साथ जुड़ा है, वही जन्म के वक्त कम वजन वाले बच्चों के साथ भी है।’
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