Tips To Lower Cortisol Level In Hindi: अक्सर लोगों को बढ़ते काम के प्रेशर या खराब लाइफस्टाइल के कारण तनाव या एंग्जाइटी होने लगती है। आमतौर पर लोग तनाव, एंग्जाइटी या डिप्रेशन से निपटने के कई उपाय करते हैं , मगर क्या आप जानते हैं कि आखिर किस हार्मोन के कारण आपको तनाव होता है? इसके पीछे कॉर्टिसोल हार्मोन जिम्मेदार होता है। तनाव या एंग्जाइटी से बचने के लिए जरूरी है कि आप कॉर्टिसोल के स्तर को कम करें। ऐसा कैसे कर सकते हैं, सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकोथैरेपिस्ट दीपाली बेदी और सीनियर कंसलटेंट साइकेट्रिस्ट (MD Psychiatry) डॉ. विजय पाठक से जानें।
क्या है कॉर्टिसोल हार्मोन
कॉर्टिसोल को हम तनाव हार्मोन के नाम से भी जानते हैं। यह एड्रिनल ग्लैंड से रिलीज होता है। जब हम बहुत ज्यादा चिंता करते हैं, तो एड्रिनल का स्तर बढ़ जाता है और जब हम टेंशन फ्री रहते हैं, तो इस हॉर्मोन का स्तर सामान्य रहता है। यही नहीं, जब कॉर्टिसोल का स्तर सामान्य रहता है, तो शरीर एनर्जेटिक फील करता है, पाचन क्रिया सही रहता है और इम्यूनिटी भी बेहतर रहती है, जिससे बीमार होने का रिस्क कम हो जाता है। वहीं, अगर आप तनाव में रहेंगे, तो कॉर्टिसोल फिजिकल एक्टिविटी पर फोकस करने के बजाय, तनाव के स्तर को कम करने की कोशिश में जुट जाती है। जाहिर है, इसी वजह आप डल फील करते हैं, मन खराब रहता है और कुछ करने का भी मन नहीं करता है।
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कॉर्टिसोल हार्मोन का लेवल कैसे कम करें
अच्छी डाइट लें
आजकल ज्यादातर लोग रेडी टू ईट फूड लेना पसंद करते हैं। ये खाने में स्वादिष्ट लगते हैं और झटपट मिल जाते हैं। इसलिए, लोगों ने रेडी टू ईट फूड को अपनी डाइट का अभिन्न हिस्सा बना दिया है। लेकिन, आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि रेडी टू ईट फूड स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। इसमें शुगर काफी ज्यादा मात्रा में होता है, जो कि कॉर्टिसोल के स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही, ये ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का रिस्क भी बढ़ाते हैं। इसे कम करने के लिए आवश्यक है कि अपनी डाइट में हेल्दी चीजें, जैसे मौसमी फल-सब्जियां शामिल करें और डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं।
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रेगुलर एक्सरसाइज करें
हॉस्पीटल फॉल स्पेशल सर्जरी के अनुसार, "अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, दोनों इस बात पर सहमत हैं कि वयस्कों को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मॉडरेट-इंटेंसिटी एरोबिक एक्सरसाइज या सप्ताह में कम से कम 75 मिनट के लिए इंटेंसिटी वाले एरोबिक एक्सरसाइज करना चाहिए।" एक्सरसाइज करने से कॉर्टिसोल का स्तर बैलेंस रहता है, जिससे तनाव या एंग्जाइटी से दूर रहने में मदद मिलती है।
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हॉबीज को स्पेस दें
कॉर्टिसोल का स्तर कम करने के लिए जरूरी है कि आप अपने मन का कुछ करें। इसमें अपनी हॉबीज को शामिल कर सकते हैं। हॉबीज, जैसे गाने सुनना, डांसिंग, पेंटिंग या दोस्तों के साथ घूमने जाना। इस तरह की एक्टिविटी करने से मन हमेशा खुशियों से भरा रहता है। इस कारण कॉर्टिसोल का स्तर भी बैलेंस रहता है और तनाव तथा एंग्जाइटी से दूर रहने में मदद मिलती है।
पर्याप्त नींद लें
कॉर्टिसोल का स्तर कम करने के लिए हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में नींद लेना चाहिए। अच्छी नींद अक्सर चिंता और तनाव से दूर रखती है। विशेषज्ञों की मानें तो, जब व्यक्ति अच्छी नींद लेता है, तो उसके जीवन में आई परेशानियों से भी वह बहुत पॉजिटिव तरीके से डील करता है। इस तरह का रवैया व्यक्ति को सकारात्मक बनाए रखने में मदद करता है, जो कि कॉर्टिसोल के स्तर को कम करने में सहायक भूमिका निभा सकता है।
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