कोरोना के प्रकोप में घर पर कुछ इस तरह रखें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल, WHO की ये सलाह आएगी काम

COVID-19 And Mental Health: अगर आप लॉकडाउन के समय में होम-क्‍वारंटाइन में हैं मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं तो पढ़ें ये लेख।
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कोरोना के प्रकोप में घर पर कुछ इस तरह रखें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल, WHO की ये सलाह आएगी काम

कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए क्‍वारंटाइन और सोशल डिस्‍टेंसिंग (Quarantine And Social distancing) महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकता है; ये बिना दवा के संक्रमण को रोकने का एक तरीका है, जिसमें व्‍यक्ति किसी समूह में न जाकर घर में किसी एकांत जगह पर रहता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी देश के नागरिकों को क्‍वारंटाइन और सोशल डिस्‍टेंसिंग जैसी नॉन फार्मास्यूटिकल तकनीक अपनाने की सलाह दी है, और इसे सही माना जा रहा है। लेकिन, इस दौरान मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के पहलुओं को नजनअंदाज नहीं किया जा सकता है। 

होम-क्‍वारंटाइन और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य किया गया है अध्‍ययन

मेडिकल जर्नल, द लांसेट के एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि क्‍वारंटाइन का मनोवैज्ञानिक प्रभाव बहुत ही अच्‍छा हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप चिंता और क्रोध से लेकर नींद की गड़बड़ी, अवसाद और पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) जैसी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी आ सकती हैं। दरअसल, 2003 में पिछले कोरोनोवायरस प्रकोप वाले SARS (सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) के अलग-अलग रोगियों के अलग-अलग अध्ययनों में 10% से 29% के बीच PTSD (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिस्‍ऑर्डर) पाया गया था।

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लैंसेट की रिपोर्ट में पाया गया कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्‍याओं जैसे संक्रमण का भय, हताशा, ऊब, अपर्याप्त नींद, सूचनाओं की कमी और धन की हानि को क्‍वारंटाइन से जुड़े लोगों में बढ़ सकता है। हालांकि, यह न केवल पहले से मानसिक समस्‍याओं से प्रभावित लोगों में बल्कि एक स्‍वस्‍थ मानसिक स्थिति वालों के मामलों में भी ऐसा देखा गया है। 

सिडनी विश्वविद्यालय के ब्रेन एंड माइंड सेंटर के प्रोफेसर इयान हिक्की ने सीएनबीसी से कहा, "मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं। लंबे समय तक क्‍वारंटाइन और सोशल डिस्‍टेंसिंग चिंता, अवसाद और असहायता की भावना को बढ़ाएगा।"

इस समस्या को स्वीकार करते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी किया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा कैसे कर सकते हैं: 

आम जनता के लिए WHO का संदेश: 

फिलहाल यह सिद्ध हो चुका है कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपने कब्‍जे में ले लिया है। इसने कई देशों और भोगोलिक क्षेत्रों को प्रभावित किया है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन कहना है कि ऐसी स्थिति में हमें अपने अंदर सहानुभूति लाने की जरूरत है, जो लोग इससे प्रभावित हैं, वे दया और करूणा के पात्र हैं। इसलिए यह आवश्‍यक है कि हम उन्‍हें "कोविड-19 के मामले", "पीड़ितों", "कोविड-19 फैमिली" के तौर पर न देखें। 

समाचार देखने, पढ़ने और सुनने को सीमित करें यह आपको अधिक चिंतित और व्यथित महसूस करा सकते हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि हमें केवल विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लेनी चाहिए। हमें केवल अपनी ही नहीं, दूसरों की भी रक्षा करनी चाहिए। हम फोन पर अपने दोस्तों और पड़ोसियों से बात कर सकते हैं और ज़रूरत के समय में उनकी सहायता कर सकते हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि हम ऐसे सकारात्‍मक पहलुओं को बढ़ावा दें जिनमें कोई व्‍यक्ति कोविड-19 से संक्रमित रहा हो और उससे ठीक हुआ हो। 

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स्वास्थ्य कर्मियों के लिए WHO ने कहा:

परिस्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य उद्योग में काम करने वाले लोग एक तरह का दबाव महसूस कर सकते हैं। यही कारण है कि, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि तनाव और उससे संबंधित भावनाएं यह प्रतिबिंबित नहीं करती हैं कि आप अपना काम नहीं कर सकते हैं या कमजोर हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप अपना ख्याल रखें। आपका मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आपका शारीरिक स्वास्थ्य। काम के साथ पर्याप्त आराम और राहत सुनिश्चित करें, स्वस्थ भोजन करें, शारीरिक गतिविधि से जुड़ें, और परिवार और दोस्तों के संपर्क में रहें। अनहेल्‍दी चीजों से बचें। डिजिटल रूप से प्रियजनों से जुड़े रहना मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा हो सकता है।

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वयस्कों के लिए WHO की सलाह:

बच्चों के साथ, वयस्कों को भी, सरल तरीके से, जो कुछ चल रहा है, उसके बारे में बताया जाना चाहिए। जब भी आवश्यक हो, उन्हें दी गई जानकारी को दोहराया जा सकता है। जिसे स्पष्ट, संक्षिप्त, सम्मानजनक और धैर्यपूर्वक याद रखें। यदि उनके पास किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्‍या है, तो उनकी दवा सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि आप एक नियमित दिनचर्या बनाए रखें।

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आइसोलेशन में रहने वालों के लिए WHO की टिप्‍स:

यह जरूरी है कि आप सबसे ज्यादा खुद का ख्याल रखें, अगर आप आइसोलेशन में हैं। सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से अन्य लोगों के साथ जुड़े रहें, और यथासंभव अपनी दैनिक दिनचर्या के करीब रहें। नियमित व्यायाम करें, नींद नियमित रखें और स्वस्थ भोजन खाएं। चीजों को बेहतर बनाए रखने की कोशिश करें।

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