
COVID-19: कोरोना वायरस तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। लेकिन ये जानना मुश्किल है कि ये वायरस आपको है या नहीं।
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया दहशत में है। दुनियाभर में COVID-19 से अब तक 10 हजार से अधिक जानें जा चुकी है। लाखों लोग संक्रमित हैं। भारत में कोरोना से 4 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। संक्रमित व्यक्तियों का आंकड़ा 200 का अंक पार चुका है। करीब 20 लोगों की जान बचा ली गई है। भारत सरकार कोरोना के संक्रमण को रोकने का लगातार प्रयास कर रही है।
इस सब के बीच, हर कोई इस डर और चिंता में है कही उन्हें कोरोना का संक्रमण तो नहीं। लोग हर काम काफी सोच समझकर कर रहे हैं, जिस किसी को सामान्य सर्दी जुकाम भी है वह भी कोरोना के भय से हर कोई डरा हुआ है। अगर आपको कोई संदेह है तो यहां हम आपको इसका पता लगाने का तरीका बता रहे हैं।
कोरोनावायरस से जुड़े ऐसे कई सवाल और उनके जवाब जानने के लिए हमने मैडटॉक्स के प्रमुख संपादक और हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल से बातचीत की, जिसमें उन्होंने विस्तार से कई जानकारी दी है।
कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए कौन-सा परीक्षण मौजूद है?
डॉ. केके अग्रवाल ने बताया, कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए अभी कोई टेस्ट किट उपलब्ध नहीं है लेकिन फिर भी अस्पताल में लगातार जांच प्रक्रियाओं श्रृंखला द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है।
कौन सी लैब कोरोनो वायरस की जांच कर सकती हैं?
डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक, COVID-19 के लिए जांच केवल उन विशेष प्रयोगशालाओं में किया जा सकता है जो ऐसे टेस्ट करने के लिए सर्टिफाइड हों।
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कोरोनोवायरस परीक्षण के दौरान वास्तव में क्या होता है?
लैब में आपसे निम्नलिखित नमूनों में से एक का नमूना लिया जा सकता है:
- स्वाब टेस्ट (swab test): प्रयोगशाला में एक विशेष रुई की पट्टी से गले या नाक के अंदर का नमूना लिया जाता है।
- नाक की एस्पिरेट (Aspirate of a nose): लैब में आपकी नाक में एक सैलिन यानी खारा सोल्युशन इंजेक्ट किया जाएगा, फिर कोमलता के साथ उस नमूने को बाहर निकाल लिया जाएगा।
- ट्रेकहील एस्पिरेट: इस जांच में ब्रोंको स्कोप नामक एक पतली, हल्की ट्यूब आपके फेफड़ों में डाली जाती है, जिससे एक नमूना एकत्र किया जाएगा।
- थूक का परीक्षण: इस परिक्षण में थूक आपके फेफड़े और बलगम का एक प्रकार है, जिसे नाक से बाहर निकाला जाता है या एक पट्टी के माध्यम से नाक से बाहर निकालते हैं।
- खून की जांच (Blood Test) : इस प्रक्रिया में एकत्र किए गए रक्त के नमूने का एनालिसिस किया जाता है, या कोरोना वायरस के एक विशेष जीन अनुक्रमण परीक्षण के द्वारा पता लगाया जाएगा। यह शरीर में कोरोनो वायरस की स्थिति का पता लगाता है।
कोरोनो वायरस का टेस्ट कब कराना चाहिए?
कोरोना वायरस की स्थिति में आपको केवल जांच की आवश्यकता होती है यदि आपमें कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा यदि आप कोरोना वायरस से संक्रमित देशों की यात्रा कर के आए हैं तो आपको निश्चित रूप से कोरोना वायरस की जांच करानी चाहिए। यदि आपके आसपास इंफेक्शन रेट ज्यादा है, तो आपको परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है। कोरोना वायरस के लक्षणों में शामिल हैं: तेज बुखार, गले में खराश आदि।
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क्या COVID-19 का इलाज है?
डॉ. केके अग्रवाल कहते हैं कि, अभी तक कोरोना वायरस का कोई उपचार सामने नहीं आया है। COVID-19 के संक्रमण का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, सावधानी बरतकर आप इसके प्रसार को रोक सकते हैं।
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