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पियर प्रेशर के कारण तनाव में रहता है बच्चा? उसे सिखाएं इससे डील करने के आसान तरीके

Tips To Deal With Peer Pressure For Children In Hindi: पियर प्रेशर का बच्चे की पर्सनालिटी पर बुरा असर पड़ता है। बच्चों को सिखाएं कि इससे कैसे डील करे।
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पियर प्रेशर के कारण तनाव में रहता है बच्चा? उसे सिखाएं इससे डील करने के आसान तरीके

Tips To Deal With Peer Pressure For Children In Hindi: बच्चों के बीच पियर प्रेशर कोई नहीं चीज नहीं है। खासकर, टीनेज की उम्र में लगभग हर बच्चा पियर प्रेशर में रहता है। कुछ बच्चे इससे खुद डील कर लेते हैं। वहीं, कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिनके लिए इनसे डील करना मुश्किल हो जाता है। इस तरह के बच्चे पियर प्रेशर में आकर गलत फैसले करने लगते हैं, अपने पैरेंट्स से चीजें छिपाते हैं और गलत काम करने लगते हैं। इस सबका नतीजा यह होता है कि बच्चा अकेला रहने लगता है और तनाव से घिर जाता है। ऐसे में, पेरेंट्स के जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चे को सिखाएं कि पियर प्रेशर को कैसे हैंडल किया जा सकता है। इस बारे में हमने सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकोथैरेपिस्ट दीपाली बेदी से बात की।

पियर प्रेशर क्या है- What Is Peer Pressure

What Is Peer Pressure

पियर मतलब होता है कि बच्चे के हमउम्र के दोस्त, जो उनके साथ खेलते हैं, उनकी जैसी रुचियां रखते हैं और लगभग ज्यादातर चीजें एकसाथ मिलकर करते हैं। आप कह सकते हैं कि बच्चों के लिए पियर शब्द का मतलब दोस्तों का समूह होता है। दोस्तों का सबके जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब किसी एक बच्चे पर उसके दोस्तों का प्रभाव पोजिटिव पड़ता है, तो इससे वह अपने स्कूल में अच्छा परफॉर्म करने लगता है, उसके फैसले लेने की क्षमता बेहतर होने लगती है। वहीं, अगर दोस्तों का दबाव नेगेटिव होता है, तो इससे बच्चा अकेलेपन से घिर सकता है, जो उसके तनाव की वजह बन जाता है। इस तरह के प्रेशर को ही पियर प्रेशर के तौर पर जाना जाता है।

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पियर प्रेशर के संकेत- Signs Of Peer Pressure

Signs Of Peer Pressure

पेरेंट्स के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि बच्चा पियर प्रेशर में या नहीं। इसके लिए, आपको कुछ संकेतों पर नजर रखनी होगी-

  • बच्चे का व्यवहार नेगेटिव हो गया है।
  • वह अक्सर अकेले रहना पसंद करता है।
  • बात-बात पर चिढ़ जाता है और गुस्सा हो जाता है।
  • दोस्तों के साथ खेलने से बचता है।
  • अपने पहनावे पर बहुत ज्यादा ध्यान देता है।
  • कुछ दोस्तों से दूर होने लगता है।
  • ऐसे काम करता है या ऐसे लोगों से मिलता है, जो वह पहले कभी नहीं करता था।
  • अचानक अपशब्दों का इस्तेमाल करना।
  • स्कूल की परफॉर्मेंस में गिरावट आना।

बच्चों को सिखाएं पियर प्रेशर से कैसे डील करें- Tips To Deal With Peer Pressure For Children

  • बच्चों के साथ आप हमेशा खुलकर बात करें। बच्चों के साथ ज्यादा स्ट्रिक्ट होने से बचें। ध्यान रखें कि अगर आप ज्यादा स्ट्रिक्ट हो जाएंगे, तो वह अपने साथ घट रही घटनाओं को छिपाने की कोशिश करेगा।
  • बच्चा अगर अपने मन की बात कहे, तो उसे इग्नोर न करें और न ही उसकी बातों को हल्के में लें। अगर वह अपनी समस्या शेयर कर रहा है, तो आप उससे पहले कहें कि वह खुद इससे निपटने की कोशिश करे। इसके अलावा, आप उसे जरूरी दिशा-निर्देश भी दें।
  • अपने बच्चे को सिखाएं कि वह अपने दोस्तों के साथ एक बाउंड्री जरूर सेट करें। दोस्तों के बीच एक सीमा रेखा होनी चाहिए, ताकि दूसरा कोई उसके पर्सनल स्पेस में घुसने की कोशिश न करे।
  • अपने बच्चे के दोस्तों से आप भी मेल-जोल बढ़ाएं। संभव हो, तो उनके पेरेंट्स के साथ भी दोस्ती करें। इससे आपको यह पता होगा कि आपके बच्चे के सर्कल में किस तरह के लोग हैं।
  • बच्चे को हमेशा पोजिटिव दोस्तों के इर्द-गिर्द रहने की सलाह दें। इससे उसके अंदर नेगेटिविटी नहीं आएगी।
  • बच्चे को सिखाएं कि वह स्वतंत्र होकर फैसले करना सीखे। अगर उससे कहीं चूक हो जाए, तो आप उसकी मदद करने के लिए तैयार रहें।

image credit: freepik

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