
वजन घटाने का आसान उपाय क्या है? वजन घटाने के लिए आपको ऐसा तरीका अपनाना चाहिए जो आप आगे आने वाले पांच सालों तक फॉलो कर पाएं वो भी आसानी से। अगर वजन घटाने का कोई तरीका आप अगले पांच सालों तक फॉलो कर पाए तो आप उसे हमेशा फॉलो कर सकेंगे इसे हम सस्टेनेबल वेट लॉस मेथड कहते हैं। जो लोग जल्दी-जल्दी के चक्कर में वजन कम कर लेते हैं और उनका वजन दोबारा बढ़ जाता है उन्हें ये तरीका अपनाना चाहिए। सस्टेनेबल वेट लॉस मेथड में आपके शरीर से घटी चर्बी दोबारा नहीं चढ़ेगी। फिटनेस को ट्रैक करने के लिए आप कुछ आसान तरीके अपना सकते हैं जैसे इंच टेप रीडिंग, सिट एंड रिच मेथड आदि। हाल ही में सेलिब्रिटी डाइटिशियन रुजुता दिवेकर ने अपने सोशल अकाउंट पर लंबे समय तक वजन कंट्रोल रखने के तरीके बताए जिसके बारे में हम लेख में आगे बात करेंगे।
शरीर का कुल वजन=फैट मांस+लीन बॉडी मांस (Total weight = Fat mass + Lean body mass)
जिन लोगों को वजन कम करना है उन्हें बॉडी वेट को समझना चाहिए। शरीर का वजन (total weight), दो चीजों से बनता है। पहला फैट मांस और दूसरा लीन बॉडी मांस। फैट मांस (fat mass) यानी शरीर में मौजूद चर्बी वहीं लीन बॉडी मांस (lean body mass) में हड्डी, मसल्स, शरीर में मौजूद पानी, बाल, नाखून आदि शामिल है। यानी फैट के अलावा जो कुछ हमारी बॉडी में है वो लीन बॉडी मांस है। उम्र बढ़ने के साथ फैट मांस बढ़ता है और लीन मांस कम होता है पर अगर आप वजन कम करने का सही तरीका फॉलो करें तो फैट वेट घटेगा और लीन वेट बढ़ेगा।
लंबे समय तक वजन कंट्रोल रखता है सस्टेनेबल वेट लॉस मेथड (What is sustainable weight loss method)
वेट लॉस करने के उपाय आपने कई बार अपनाएं होंगे पर लंबे समय तक वजन अगर कंट्रोल रहता है तो ही आपका तरीका कारगर है। सस्टेनेबल वेट लॉस मेथड से आप जो वजन कम करेंगे वो दोबारा आपकी बॉडी पर फैट के रूप में नहीं चढ़ेगा। आप जो भी डाइट या कसरत अपनाएं उसे आप अगले पांच साल आसानी से कर पाएं तो ही वो आपको फायेदा करेगा और इसे ही सस्टेनेबल वेट लॉस मेथड कहते हैं। इस तरह से वजन कम करने के कई फायदे हैं जैसे-
- बेहतर डाइजेशन इंप्रूव होना
- हेल्दी बाल और स्किन
- रेगुलर पीरियड्स
- ब्लड शुगर कंट्रोल रहना
- ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्राल कंट्रोल रहना
- आरामदायक नींद
- खर्राटे की समस्या से छुटकारा
इसे भी पढ़ें- भूख और क्रेविंग के बीच का समझें अंतर, Rujuta Diwekar से जानें मीठे की क्रेविंग को दूर करने वाले 3 टिप्स
वेट स्केल या वजन मापने की मशीन का इस्तेमाल क्यों अवॉइड करना चाहिए? (Why it is advisible to avoid weighting scale)
ज्यादातर लोग वजन कम करने के लिए वजन मापने की मशीन का इस्तेमाल करते हैं। वजन मापने की मशीन से आपको नहीं पता चलेगा कि आपको कितना फैट कम करना है। मशीन से वजन मापने पर आपको वो जो वजन बताएगा उसमें पैट के साथ-साथ, हड्डी, मसल्स, पानी और वो सारी चीजें जिसे मिलाकर आपकी बॉडी बनी है वो शामिल होगा। वेट मापने की मशीन बॉडी में अलग-अलग हिस्सों में फर्क करके आपको फैट की मात्रा नहीं बता सकेगी। वजन कम करते समय आपका लक्ष्य बॉडी फैट को कम करना है न कि लीन बॉडी मांस को घटाना। आप मशीन की जगह इंच टेप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- गर्मी में दही-चावल खाना है सेहत के लिए फायदेमंद, डायटीशियन रुजुता दिवेकर से जानें 7 फायदे
घर पर फिटनेस कैसे माप सकते हैं? (Ways to measure your fitness at home)
फिटनेस मापने के लिए आपको वेट मशीन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वेट मशीन आपको जो नंबर बता रही है उससे आपको पता नहीं चलेगा कि आप फिट हैं या नहीं, सही तरह से फिटनेस मापने के लिए आपको कमर-हिप्स का रेशियो, रेस्ट हार्ट रेट, और सिट एंड रीच टेस्ट की मदद लेनी चाहिए। चलिए जानते हैं इन तरीकों के बारे में-
1. कमर और हिप्स का माप कैसे लें? (How to measure waist and hip)
वजन मापने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है कमर और हिप्स को इंच टेप की मदद से मापें जिसे हम इंच टेप रीडिंग कहते हैं। चलिए जानते हैं इंच टेप से फिटनेस मापने का तरीका-
- तीन उंगलियों को अपने पेट के उस लेवल पर रखें जो सबसे ज्यादा बाहर को निकला हुआ है।
- उंगली की सीध में ही इंच टेप से कमर का माप लें।
- इसी तरह हिप्स के सबसे ब्रौडर या बाहर की ओर फैले हिस्से से इंच टेप लेकर मापें।
- महिलाओं में कमर और हिप्स का रेशियो या अनुपात 0.7 से 0.85 के बीच होना चाहिए।
- पुरूषों में कमर और हिप्स का रेशियो या अनुपात 0.85 से 0.95 के बीच होना चाहिए।
- यानी कमर, हिप्स से कम होनी चाहिए।
2. कुर्सी की मदद से अपना माप कैसे ले सकते हैं? (Chair sit and reach test)
वर्क फ्रॉम होम के दौरान बहुत से लोग बैठे-बैठे बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, पूरे दिन बैठे रहने के कारण कई लोग लॉकडाउन में मोटापे का शिकार हुए। इस समस्या से बचने के लिए आप कुर्सी की मदद से पता लगा सकते हैं कि आप फिट हैं या नहीं, इस तरीके को हम चेयर सिट एंड रीच टेस्ट कहते हैं। इसे करना बेहद आसान है-
- सबसे पहले आप कुर्सी को दीवार से चिपकाकर रख दें।
- आप कुर्सी के कोने पर बैठ जाएं या आगे खिसकर बैठें।
- एड़ी को ऊपर की ओर करें और पैरों को बिल्कुल सीधा कर लें।
- सामने देखते हुए हाथों को नीचे लेकर जाएं।
- आपको अपने कंधे और सीने को सीधा रखना है।
- हाथों से पैरों को छुएं।
- अगर आप एड़ी छूते हैं तो वो जीरो प्वॉइंट कहलाता है।
- एड़ी से ऊपर प्वॉइंट माइन्स होती है और एड़ी के पार अगर आपका हाथ जा रहा है तो संख्या प्लस यानी पॉजिटिव मानी जाती है।
- आसान शब्दों में समझें तो एड़ी से जितना ऊपर आपका हाथ आएगा, उतनी अनफिट आपकी बॉडी होगी।
View this post on Instagram
3. रेस्ट हार्ट रेट को कैसे मापते हैं? (Measure Rest Heart Rate)
रेस्ट हार्ट रेट क्या होता है? आराम या रेस्ट करते समय हार्ट एक मिनट में कितनी बार धड़क रहा है उस रेट को हम रेस्ट हार्ट रेट कहते हैं। वजन कम करने के लिए आपको अपना रेस्ट हार्ट रेट मापना चाहिए। आरएचआर को मापने से पता चलता है कि आपका हार्ट पूरी बॉडी में ब्लड सप्लाई करने में कितना जोर लगा रहा है। रेस्ट हार्ट रेट को मापने का तरीका बेहद आसान है-
- दिन में दो से तीन बार आप रेस्ट हार्ट रेट माप सकते हैं पर सबसे पहले सुबह उठकर इसे मापें।
- जैसे ही आप सोकर उठें, बेड से निकलने से पहले आप अपनी उंगली पर ऑक्सीमीटर लगा लें।
- इसके आप आप 10 से 1 तक गिनें और रीडिंग चेक करें।
- इस रीडिंग को नोट करके रखें और हमेशा इसी तरीके से आप रेस्ट हार्ट रेट मापें।
- रेस्ट हार्ट रेट की रीडिंग आप उंगली के अलावा गर्दन, कलाई, माथे से भी ले सकते हैं।
इन आसान तरीकों से आप अपनी फिटनेस को ट्रैक कर सकते हैं, खुद को स्ट्रेस में रखकर वजन कम करने के तरीकों को न अपनाएं।
Read more on Weight Management in Hindi