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बिना केमिकल्स के पाएं बेदाग और चमकती त्वचा, जानें आयुर्वेदिक स्किन डिटॉक्स टिप्स

How To Do A Full Skin Detox: हमारी त्वचा पर गंदगी और टॉक्सिंस जमा हो जाते हैं, जिससे कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यहां जानिए, आयुर्वेदिक स्किन डिटॉक्स टिप्स क्या हैं?
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बिना केमिकल्स के पाएं बेदाग और चमकती त्वचा, जानें आयुर्वेदिक स्किन डिटॉक्स टिप्स


आजकल की बिजी लाइफस्टाइल और प्रदूषण का असर हमारी स्किन पर भी हो रहा है, जिससे कई तरह की त्वचा से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, त्वचा का रखरखाव और शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन जरूरी है, ताकि हम न केवल अपनी त्वचा को बल्कि अपने शरीर को भी शुद्ध कर सकें। रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि त्वचा के लिए डिटॉक्स करने के कई प्रभावी तरीके हैं, जिनसे न केवल त्वचा की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि शरीर को भी अंदर से शुद्ध किया जा सकता है। यहां हम तीन प्रमुख आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जानेंगे, जो त्वचा के डिटॉक्स को बढ़ावा देते हैं और इसे हेल्दी बनाए रखते हैं।

पूरे शरीर को डिटॉक्स करने के लिए क्या करें? - How To Do A Full Skin Detox

1. नियमित पसीना बहाना (सॉना)

आयुर्वेद में शरीर से विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिंस को निकालने के लिए पसीना बहाना एक प्रभावी तरीका माना जाता है। सॉना या स्टीम बाथ के जरिए पसीना निकालने से त्वचा के अंदर जमा गंदगी और टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं। जब हम पसीना बहाते हैं, तो हमारे शरीर के छिद्र पोर्स खुलते हैं और यह त्वचा को साफ करने में मदद करता है। पसीना बहाने से ब्लड सर्कुलेशन में बढ़ोतरी होती है, जिससे त्वचा को ज्यादा ऑक्सीजन और पोषण मिलता है।

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर के दोषों को संतुलित करने के लिए पसीना बहाना बहुत लाभकारी होता है। स्टीम बाथ का नियमित उपयोग करने से शरीर की नेचुरल सफाई प्रक्रिया तेज (Does sauna make your skin clear) होती है, जिससे न केवल त्वचा हेल्दी और चमकदार रहती है, बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। यदि आप सॉना का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे सप्ताह में 2-3 बार करना सही है, ताकि आपके शरीर के भीतर जमा टॉक्सिंस बाहर निकल सकें।

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2. ड्राई ब्रशिंग

आयुर्वेद में त्वचा को हेल्दी रखने के लिए ड्राई ब्रशिंग की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक प्राचीन उपाय है, जिसे त्वचा पर से मृत कोशिकाओं यानी डेड स्किन सेल्स को हटाने और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। ड्राई ब्रशिंग से त्वचा की सतह पर जमा मृत कोशिकाएं और गंदगी बाहर निकलती हैं, जिससे त्वचा न केवल साफ होती है, बल्कि उसमें निखार भी आता है। सावधानी के तौर पर, इस प्रक्रिया को हल्के हाथों से किया जाना चाहिए और सूती या हल्के नेचुरल ब्रश का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ब्रशिंग के दौरान त्वचा को घर्षण से बचाने के लिए, इसे हल्के हाथों से और सिर से पैरों तक करने की सलाह दी जाती है।

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3. आयुर्वेदिक तेल मालिश (अभ्यंग)

How To Do A Full Skin Detox

आयुर्वेद में अभ्यंग (तेल मालिश) को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी माना जाता है। यह एक ऐसा उपाय है, जो न केवल त्वचा को पोषण प्रदान करता है, बल्कि शरीर के विभिन्न दोषों को भी संतुलित करता है। अभ्यंग से त्वचा को नमी मिलती है और यह उसमें निखार लाने के साथ-साथ त्वचा को सॉफ्ट और ग्लोइंग बनाता है।

वात दोष के लिए तिल का तेल: तिल का तेल गर्म होता है, जो वात दोष को संतुलित करने में मदद करता है। यह शरीर को गर्म रखता है और त्वचा में नमी बनाए रखता है।
पित्त दोष के लिए नारियल का तेल: नारियल का तेल शीतल और ठंडा होता है, जो पित्त को शांत करता है और त्वचा को ठंडक प्रदान करता है। यह जलन और सूजन को कम करने में मदद करता है।
कफ दोष के लिए सरसों का तेल: सरसों का तेल गर्म और तीव्र होता है, जो कफ दोष को कम करता है और शरीर के रक्त संचार को बढ़ाता है।

निष्कर्ष

आयुर्वेद के इन सरल और प्रभावी उपायों को अपनाकर हम अपनी त्वचा को डिटॉक्स कर सकते हैं। नियमित पसीना बहाना, ड्राई ब्रशिंग और आयुर्वेदिक तेल मालिश त्वचा को अंदर से साफ करने और उसे पोषित करने के बेहतरीन तरीके हैं। इन उपायों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर आप न केवल अपनी त्वचा को हेल्दी रख सकते हैं, बल्कि स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं।

All Images Credit- Freepik

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