थाईराइड कैंसर से बचाव

थायराइड कैंसर के लक्षण आमतौर पर नजर नहीं आते ऐसे में इससे बच पाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन, जांच के जरिये इस बात की आशंका का पता लगा या जा सकता है कि आखिर किसे यह रोग होने का खतरा अधिक है।
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थाईराइड कैंसर से बचाव


थायराइड ग्रंथि का मुख्‍य काम थायराइड हार्मोन का निर्माण करना होता है, जिसे सही प्रकार से काम करने के लिए आयोडीन की जरूरत होती है। यह ग्रंथि आहार से आयोडीन एकत्रित करती है और फिर थायराइड हॉर्मोन का निर्माण करती है। थायराइड कैंसर का इलाज करते समय डॉक्‍टर अकसर इस जरूरी बात का लाभ उठाते हैं।

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क्‍या होता है थायराइड कैंसर

थायराइड कैंसर, थायराइड ग्रंथि में कोशिकाओं को असामान्‍य रूप से बढ़ना होता है। थायराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है। यह गले के सामने की ओर स्थित होती है। अधिकतर मामलों में थायराइड कैंसर का इलाज संभव होता है।

थायराइड हॉर्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्‍म और ऊर्जा के स्‍तर को नियंत्रित करता है। ओवरएक्टिव थायराइड से हायपरएक्टिविटी, घबराहट और अनियमित हृदयगति का सामना करना पड़ता है। और वहीं अंडरएक्टिव थायराइड से थकान, उनींदापन आदि की शिकायत हो सकती है। कैंसर थायराइड ग्रंथि को प्रभावित करता है। इससे आपको उपरोक्‍त बदलाव नजर आ सकते हैं।

थायराइड ग्रंथि में चार छोटी-छोटी ग्रंथियां छुपी होती हैं, जिन्‍हें पेराथायराइड कहा जाता है। ये शरीर में कैल्‍शियम के उपयोग को नियंत्रित करती हैं। स्‍वर तंत्र को नियंत्रित करने वाली नस भी थायराइड ग्रंथि के काफी करीब होती है। अगर आपको थायराइड ऑपरेशन करवाने की जरूरत पड़ती है, तो डॉक्‍टर इस बात का जरूर ध्‍यान रखता है कि स्‍वर ग्रंथियों को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। अगर वॉयस बॉक्‍स की नसों को किसी प्रकार का नुकसान हो जाए तो आपकी आवाज स्‍थाई रूप से बिगड़ सकती है।

 

बचाव

कुछ लोगों को थायराइड कैंसर का कोई जोखिम कारक नजर नहीं आता, लेकिन फिर भी उन्‍हें यह बीमारी हो जाती है। इसलिए आमतौर पर इस कैंसर से बच पाना काफी मुश्किल होता है।

 

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हालांकि अनुवांशिक रक्‍त जांच से ऐसे लोगों का पता लगाया जा सकता है, जिन्‍हें एमटीसी होने की आशंका अधिक होती है। जब परिवार के किसी एक सदस्‍य का एमटीसी (MEDIUM CHAIN TRIGLYCERIDES)  होता है, तो सभी सदस्‍यों की जांच की जानी चाहिये। जिन लोगों की जांच के परिणाम सकारात्‍मक आयें, लेकिन उनमें थायराइड कैंसर का कोई लक्षण नजर न आये, तो वे बीमारी से बचने के लिए थायराइड निकलवाने का रास्‍ता अपना सकते हैं। सर्जरी के बाद इन मरीजों को अपने पूरे जीवन थायराइड हॉर्मोंस लेने की जरूरत पड़ सकती है।

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार 40 वर्ष की उम्र के बाद आपको प्रतिवर्ष अपने थाईराइड की जांच करनी चाहिए । वो लोग जिनकी उम्र 20 से 39 वर्ष है उन्‍हें हर 3 साल पर थाईराइड की जांच करनी चाहिए ।

 

Image Courtesy- getty images

 

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