
कोरोना की दूसरी लहर में अस्थमा रोगियों को ज्यादा खतरा है। क्योंकि ये मरीज पहले से ही ठीक से सांस नहीं ले पाते हैं। इन मरीजों के ब्रोंकाइज और विंड पाइप में रुकावट की वजह से अस्थमा की परेशानी (Asthma patients are more at risk in Corona) की होती है। अस्थमा रोगियों में सांस फूलना, छाती में भारीपन, छाती में खिंचाव और आलस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कोरोना (Coronavirus in india) में ऐसे रोगियों को इसलिए ज्यादा खतरा है। इन रोगियों की परेशानी इस योग मुद्राएं (Yoga postures for asthma patients) कर सकती हैं। योग मुद्राएं करने से सांस लेने का स्पेस साफ होता है जिससे मरीज को परेशानी कम होती है। अस्थमा रोगी कोरोना काल में कौन सी योग मुद्राएं कर सकते हैं, इसके बारे में हमें इनोसेंस योगा की योग एक्सपर्ट भोली परिहार ने बताया।
भोली परिहार का कहना है कि अस्थमा रोगी ज्यादातर डिप्रेशन या तनाव के शिकार हो जाते हैं क्योंकि वो अपनी पसंद की चीजें नहीं कर पाते। अगर वो कोई भी काम करते हैं या तो उनकी सांस फूल जाती है या उनका शरीर साथ नहीं देता। वे कोई भी गतिविधि करने में असमर्थ रहते हैं जिसके कारण धीरे-धीरे डिप्रेशन में जाने लगते हैं। लेकिन योग मुद्राओं के द्वारा अस्थमा की दिक्कत को कम किया जा सकता है।
क्या हैं योग मुद्राएं?
योग एक्सपर्ट भोली परिहार का कहना है कि जिस प्रकार आसन और प्राणायाम योग का हिस्सा हैं। उसी प्रकार योग मुद्राएं भी योग की स्वतंत्र शाखा हैं। योग मुद्रा का अर्थ है अपने शरीर या हाथों द्वारा किसी प्रकार की आकृति व भाव। इसमें हाथों की मुद्राएं होती हैं। कुछ सिर से मुद्राएं बनाई जाती हैं। कुछ बंद मुद्राएं होती हैं।
शरीर में क्या काम करती हैं योग मुद्राएं?
हमारा शरीर अग्नि, वायु, पानी, आकाश व पृथ्वी से बना है। इन तत्वों के हमारे शरीर में असंतुलित हो जाने से परेशानियां पैदा होती हैं, जिन्हें योग मुद्राओं से नियंत्रित किया जा सकता है। इन पांचों तत्त्वों को संतुलित किया जा सकता है।
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अस्थमा रोगियों के लिए योग मुद्राएं
अस्थमा मुद्रा
जिन लोगों को अस्थमा अटैक आते हैं उनके लिए यह मुद्रा बहुत कारगर है। इस मुद्रा को करने से अस्थमा अटैक कम हो जाते हैं। या फिर यूं कहें कि अस्थमा अटैक आने की आशंका कम हो जाती है।
इस मुद्रा को करने की विधि
- अपने दोनों हाथों की उंगलियों को फैला लें।
- दोनों हाथों को आमने-सामने ले आएं।
- अपने दोनों हाथों की बीच वाली उंगली को मोड़ लें व दोनों हाथों को पास लाते हुए दोनों मुड़ी हुई उंगलियों को जोड़ लें।
- इस मुद्रा में 5 से 6 मिनट रुकें।
- सांसें सामान्य रखें।
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लिंग मुद्रा
अस्थमा रोगियों को कोरोना से ज्यादा खतरा है क्योंकि उनका विंड पाइप (wined pipe) छोटा होता है। जिसमें किसी वजह से रुकावट हो जाती है जिससे सांस आने का स्पेस कम हो जाता है। जिसके कारण जब अस्थमा रोगी सांस लेता है उसकी सांस में सीटी जैसी आवाज आती है। जैसाकि हम सभी जानते हैं कि कोरोना हमारे फेफड़ों पर असर अटैक कर रहा है पर अस्थमा रोगियों का विंड पाइप पहले से ही बंद होता है। यदि उन्हें कोरोना हुआ तो वह उनके लिए जानलेवा हो सकता है। क्योंकि उनके विंड पाइप में स्पेस कम है जिससे फेफड़ों में भी संक्रमण हो जाएगा जिससे न वो सांस ले पाएंगे और उनकी स्थिति गंभीर हो जाएगी। यदि हम मुद्राओं का अभ्यास करते हैं तो वह हमारे ब्रेन को संदेश भेजती है जिससे ब्रेन रिएक्ट करता है और हमारा ब्रेन नर्व के द्वारा हमें मेसेज भेजता है फिर उससे बंद पाइप खुलना शुरू होता है। लिंग मुद्रा इसमे अत्यंत लाभकारी है। यह मुद्रा विंड पाइप को साफ कर देती है।
लिंग मुद्रा करने की विधि
- अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में इंटरलॉक कर लें व उल्टे हाथ की तर्जनी उंगली और अंगूठे के ऊपर भाग को आपस में जोड़ लें व अपने सीधे हाथ के अंगूठे को आसमान की ओर सीधा कर दें।
- इस मुद्रा में 5 मिनट रुकें।
सूर्य मुद्रा
सूर्य मुद्रा नाक की नसों को खोलती है और जिन लोगों को जुकाम की दिक्कत हो जाती है, उसे भी ठीक करती है।
सूर्य मुद्रा करने की विधि
अपने हाथ की उंगलियों को सीधा खोल लें व अपनी रिंग फिंगर को मोड़ें और अपने अंगूठे के रूट में लगा दें और अंगूठे से अपनी रिंग फिंगर को दबाएं।
योग मुद्राएं करने से अस्थमा रोगी को बहुत लाभ मिलता है। अगर कोरोना काल में आप घर पर हैं और अस्थमा के मरीज हैं तो इन आसान मुद्राओं को घर पर कर सकते हैं।
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