
शरीर के लिए योग बेहद जरूरी है। अगर दिनचर्या में योग, प्राणायाम आदि को जोड़ा जाए तो यह सेहत को ऊर्जावान और तंदुरुस्त बना सकता है। आज हम बात कर रहे हैं टिट्टिभासन की। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इस आसन में व्यक्ति टिट्टिभा जो कि एक चिड़िया होती है, उसके समान हो जाता है। इस आसन में व्यक्ति अपने पैरों को हवा में रखता है और अपने हाथों पर पूरा जोर डालता है इस आसन को करने से हाथों की मांसपेशियां सख्त होती हैं और व्यक्ति की शारीरिक शक्ति भी बढ़ती है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि टिट्टिभासन को करने से सेहत को क्या-क्या लाभ होते हैं। साथ ही हम इसे करने की विधि और फायदे के बारे में भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
टिट्टिभासन को करने की विधि
सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाएं और उस पर खड़े हो जाए। अब थोड़े से झुकें और अपने दोनों हाथों को पैरों के बीच से पीछे लेकर जाएं। अब अपना हल्का सा घुटना मोड़ें और अपने हाथों को दाएं और बाएं साइड से निकालकर जमीन पर रखें। अब कंधों को घुटनों के नीचे लेकर आए और हिप्स को थोड़ा सा नीचे करें। अब इस स्थिति में अपने पैरों को आगे की तरफ उठाने की कोशिश करें। इस दौरान अगर पैर फैले तो उन्हें फैलने दें। अब इस स्थिति में तकरीबन 5 से 10 सेकेंड तक रहें। आप अपनी क्षमता के अनुसार समय निर्धारित कर सकते हैं। यह आसन शुरुआत में थोड़ा कठिन लग सकता है। अब पुरानी स्थिति में आने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को नीचे रखें और अपने दोनों हाथों को फिर से दोनों पैरों के बीच में लेकर आएं। अब खड़े हो जाएं। और गहरी लंबी सांस लेते रहें। इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं।
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टिट्टिभासन को करने के फायदे
बता दें कि इस आसन को नियमित रूप से करने से सेहत को अनेक फायदे होते हैं। जो इस प्रकार हैं-
1 - इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है।
2 - पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
3 - त्वचा में चमक आती है।
4 - इस आसन को करने से छाती खुलती है और शरीर में ऊर्जा आती है।
5 - इस आसन को करने से बाजुओं को मजबूती मिलती है और कलाईयां भी मजबूत होती हैं।
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बता दें कि इस आसन को करने से पहले व्यक्ति को मालासन, गरुड़ासन, वकासन, बद्ध कोणासन आज ही करनी चाहिए, जिससे व्यक्ति को टिट्टिभासन करने समय कोई परेशानी ना हो। इस आसन को करने के बाद व्यक्ति को उत्तानासन, उद्धव मुख श्वानासन और अधोमुख श्वानासन करने चाहिए।
इस आसन को करते वक्त बरतने वाली सावधानी
1 - अगर किसी व्यक्ति के हाथ में, पीठ में, कलाई में, कंधे में किसी प्रकार की चोट लगी है तो वह इस आसन को ना करे।
2 - अगर शुरुआत में हाथों की हथेली पूरी तरह से जमीन पर ना रखी जाएं तो आप घबराए नहीं। शुरुआत में ऐसा होना स्वभाविक है।
3 - हाथों का संतुलन बनाए रखना और पैरों को हवा में खोलना बेहद कठिन है। ऐसे में केवल उतना ही समय इस अवस्था में रहें, जितने समय आप संतुलन बनाए रख पा रहे हैं। शुरुआत में आप धीरे-धीरे पैर खोलने की कोशिश करें।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि टिट्टिभासन को करने से अनेक प्रकार के फायदे मिल सकते हैं। लेकिन यह आसन थोड़ा कठिन है आप शुरुआत में इस आसन को करते वक्त अगर परेशानी का सामना करते हैं तो आप एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकते हैं।
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