
Things To Tell Daughter About Periods in Hindi : बेटी को जब पहली बार पीरियड्स होते हैं, तो वह काफी डर जाती है। उसे लगता है कि अचानक उसके शरीर के साथ क्या होने लगा है? क्या इस तरह रक्तस्राव यानी ब्लीडिंग होना सही है? पीरियड्स होने के साथ-साथ कई तरह की शारीरिक समस्याएं भी उसे परेशान करने लगती है, जैस पेट में दर्द, पेट में ऐंठन, कमर दर्द, बेचैनी, मूड स्विंग। ऐसी स्थिति में एक मां की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपनी बेटी को इस बदलाव के बारे में जानकारी दे और इस बदलाव को सहजता से लेना सिखाएं। यहां हम आपको इसी संबंध में दे रहे हैं कुछ जरूरी सजेशन।
शरीर के बदलाव के बारे में समझाएं
आप अपनी किशोर बेटी को समझाएं कि उसके शरीर में हो रहे बदलाव पूरी तरह सामान्य हैं। इसको लेकर परेशान न हो। उसे यह भी बताएं कि पीरियड्स होना एक साइकिल होता है, जो कि 21-45 दिनों की अवधि के बीच होता है। इस स्थिति से हर लड़की को गुजरना पड़ता है। उसके लिए यह जानना जरूरी है कि पीरियड्स के दौरान उसके शरीर से एग रिलीज होते हैं। इस दौरान अगर वह असुरक्षित सेक्स करती है, तो उसका एग स्पर्म (पुरुष वीर्य) से मिल सकता है, जिससे प्रेग्नेंसी हो सकती है।
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पीरियड्स के डेट्स बदलना सामान्य है
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि मासिक चक्र 21-45 दिनों की अवधि के बीच होता है। ऐसे में पीरियड्स की तारीख में बदलाव हो सकते हैं। इसके साथ ही अपनी बेटी को समझांए कि उसका मानसिक स्वास्थ्य भी उसके पीरियड्स की डेट को आगे-पीछे खिसका सकता है। इसलिए मानसिक रूप से स्वस्थ और खुश रहे।
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कितनी देर में पैड बदलना है
बेटी को पीरियड्स से जुड़ी हर जानकारी देना जरूरी है। उसे पीरियड्स शुरू हो गए हैं, तो उसे पैड लगाने के तरीके समझाएं और कितनी देर में पैड बदलना है, यह भी बताएं। उसे समझाएं कि पीरियड्स सामान्यतया 4-7 दिनों तक होते हैं। पीरियड्स के शुरुआती कुछ सालों में ब्लड का रंग हल्का लाल, गहरा या काला हो सकता है। इसे लेकर ज्यादा चिंतत न हो। बस, समय-समय पर पैड बदलती रहे। पर्सनल हाईजीन को ध्यान में रखते हुए 4-6 घंटे के अंदर पैड बदल दिया करे।
पीरियड्स के दौरान होने वाली तकलीफ के बारे में बताएं
चूंकि पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं, ऐसे में उसके पेट में दर्द, कमर में, कभी कभी सिरदर्द, स्तनों में दर्द, बेचैनी, हो सकती है। वह अपने पीरियड क्रैम्प से राहत पाने के लिए घरेलू उपचार का उपयोग कर सकती हैं, जैसे-
- पेट के निचले हिस्से गर्म पानी से सिंकाई कर सकती हैं।
- दिन भर में छोटे-छोटे पर कई बार-बार भोजन करें।
- घुटनों के बल झुककर बैठे।
- उसके पेट के निचले हिस्से की हल्की मालिश करें।
- अपनी बेटी को गर्म दूध और ढेर सारा पानी पीने के लिए दें।
- अगर बेटी को पेट में दर्द और ऐंठन बहुत ज्यादा है, तो डॉक्टर से संपर्क कर, उसे दवा भी दे सकते हैं।
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