शरीर को आकर्षक बनाने में बालों का सबसे अहम योगदान होता है। लेकिन आजकल अधिक प्रदूषण और अस्वस्थ खानपान के अलावा अनियमित दिनचर्या के कारण बालों का झड़ना आम बात हो गई है। यह आम बात खास कब हो जाती है, समझ में ही नहीं आता। हालांकि, बाल झड़ने के लिए वातावरण के अलावा दूसरी बीमारी यहां तक कि आनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार होते हैं। तो आइए इस आर्टिकल में बालों के झड़ने से संबंधित सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
बाल झड़ने का मतलब गंजा होना नहीं
अगर आप रोज बालों को झड़ते हुए देख रहे हैं, तो सबसे पहले आपके मन में गंजेपन का ख्याल आता है। जो सही नहीं है। चिकित्सकों की मानें, तो रोज 100 बालों का झड़ना सामान्य है, लेकिन अगर इससे अधिक बाल झड़ रहे हैं तो यह समस्या़ है। इसे नजरअंदाज न करें।
कहीं थायराइड तो नहीं
थायराइड ग्रंथि गले के बीच में होती है, जो थायरॉक्सिन हार्मोन का निर्माण करती है। इसका सीधा संबंध बालों के झड़ने से है, जब यह अधिक सक्रिय (हाइपरथायराइडिज्म) हो या फिर कम सक्रिय (हाइपोथायराइडिज्म) हो जाए, तो भी बाल झड़ने लगते हैं। ऐसे में थायराइड की जांच कराना भी जरूरी है।
आनुवांशिक कारणों से
गंजेपन के लिए पूरी तरह से आनुवांशिक कारक ही जिम्मेदार नहीं होते हैं। हालांकि अगर किसी के घर में पहले से यह समस्या है, तो ध्यान रखें, क्योंकि ऐसे मामलों में स्थिति और बदतर हो सकती है। बेहतर लाइफस्टाइल अपनाएं और खानपान का विशेष ध्यान रखें।
वायरल संक्रमण के कारण
वायरल संक्रमण भी बालों का दुश्मन है। टायफाइड और वायरल संक्रमण होने पर भी तेली से बाल झड़ने लगते हैं। लंबे समय तक बुखार हो या फिर वायरल संक्रमण होने पर बाल झड़ने लगते हैं। इन रोगों पर नियंत्रण पाने के साथ इस कारण से झड़ रहे बालों की समस्या को दूर किया जा सकता है।
खराब उत्पादों के कारण
बालों के लिए बाजार में तरह-तरह के उत्पाद हैं, जिनको देखकर इनका प्रयोग करने का मन करता है। इनके प्रयोग से उस समय आप खुद को आकर्षक बना तो सकते हैं, लेकिन ये बालों को कमजोर करते हैं और बालों के झड़़ने का कारण भी बनते हैं। हेयर ड्रायर हो या फिर बालों को कर्ल करने वाली मशीन, बालों के लिए समस्या ही है।
हार्मोन के कारण
गंजेपन की समस्या के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार हार्मोन भी होता है। टेस्टोस्टेरॉन ऐसा हार्मोन है, जिसकी अधिकता के कारण बाल झड़ने लगते हैं। सीबीएस न्यूज की एक रिपोर्ट की मानें, तो टेस्टोस्टेरॉन की अधिकता से दूसरा हार्मोन, जिसे डीएचटी (डीहाइड्रोटेस्टोस्टेरॉन) का स्राव होता है और इसके कारण महिला और पुरुष दोनों के बराबर मात्रा में बाल झड़ते हैं।
दवाओं के अधिक सेवन से
हल्की-सी समस्या होने पर दवाओं का सेवन करना सही नहीं, क्योंकि अधिक दवाओं के सेवन से बालों के झड़ने की समस्या होने लगती है। इसके अलावा कुछ विशेष प्रकार की दवाएं, जैसे खून पतला करने के उपचार के दौरान ली जाने वाली दवाएं, विटामिन ए सप्लीमेंट, रक्त संचार ठीक करने वाली दवाएं, गर्भनिरोधक गोलियां, नींद की दवाएं आदि के कारण हार्मोन असंतुलित होता है और बाल झड़ने लगते हैं।
तनाव के कारण
तनाव और अवसाद शरीर की कई बीमारियों और समस्याओं के लिए जिम्मेदार है। अधिक तनाव लेने से भी बाल झड़ने लगते हैं। इसलिए तनाव से बचने की कोशिश करें। हमेशा सकारात्मक रहें और दिनचर्या पर ध्यान दें।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Image Source: Shutterstock
Read More Related Articles On Hair Fall In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version