ओमेगा 3 फैटी एिसड और हेल्दी फैट से भरपूर कुछ बीज आपके स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। जिससे कि आप स्वस्थ रहते हैं और आपको कई स्वास्थ्य स्थितियों से निपटने में मदद मिल सकती है। कुछ बीज ऐसे भी हैं, जो आपके हार्मोन्स के संतुलन में मदद कर सकते हैं। हार्मोन में असंतुलन कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण हो सकता है। ऐसी ही स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है पीसीओडी (PCOD) यानि पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम। यह एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जो हार्मोन्स के असंतुलन के कारण हो सकती है। इसमें आमतौर पर रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में हॉर्मोन में असंतुलन होता है, जिसमें कि महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है और ओवरी में एक या एक से ज्यादा सिस्ट हो जाते हैं।
पीसीओडी (PCOD) की समस्या से ग्रस्त महिलाओं में अनियमित पीरियड्स एक आम लक्षण है। इसके अलावा, मुंहासे आना, शरीर पर अनचाहे बाल आदि कई समस्याएं हो सकती है। ऐसे में पीसीओडी में स्वस्थ खानपान और डॉक्टरी सलाह कर सख्त आवश्यकता होती है क्योंकि यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर डाल सकता है। आइए यहां हम पीसीओडी (PCOD) की समस्या से जूझ रही महिलाओं के लिए कुछ बीज बता रहे हैं, जिनका सेवन करने से उन्हे पीसीओडी (PCOD)के लक्षणों को कम और हार्मोन को संतुलित करने में मदद लि सकती है।
1- कद्दू के बीज
कद्दू के बीज बेहद गुणकारी बीजों में से एक हैं। यह पीसीओडी से ग्रस्त महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की गिरावट को रोकने एस्ट्रोजन हार्मोन की वृद्धि में समर्थन करते हैं। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन गर्भावस्था यानि प्रजनन क्षमता के लिए आवश्यक है और एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है। रोजाना 1-2 चम्मच कद्दू के बीजों का सेवन आपको हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद करता है।
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2- अलसी के बीज
अलसी के बीज ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत हैं। अलसी के बीजों का सेवन पीसीओडी वाली महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है। हालांकि अलसी के बीजों के सेवन से एस्ट्रोजन हार्मोन के उत्पान पर अंकुश लगता है। इसलिए इन्हें कद्दू के बीजों के साथ सेवन करने की सलाह दी जाती है। ताकि न तो एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता हो और न ही कमी हो, क्योंकि यह दोनों ही हानिकारक हैं। इसके अलावा, अलसी के बीजों से बनी चाय हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मददगार है। आप 1 या 2 चम्मच अलसी के बीजों का सेवन कर सकते हैं।
3- तिल के बीज
यदि आप पीसीओडी की समस्या के साथ गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे हैं, तो आप रोजाना 1 या 2 चम्मच तिल के बीजों का सेवन करें। तिल के बीजों का सेवन करने से पीसीओडी से ग्रस्त महिलाओं को प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। तिल के बीज प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं, जो कि गर्भावस्था के लिए आवश्यक है। इसके अलावा तिल का तेल आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
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5- सूरजमुखी के बीज
सूरजमुखी फूल के बीज भी पीसीओडी की समस्या में फायदेमंद होमे हैं। सूरजमुखी के बीज शरीर को ऊर्जा देने और हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। सूरजमुखी के बीजो में 100 विभिन्न प्रकार के एंजाइम होते हैं, जो हार्मोन्स को बैलेंस करते हैं। रोजाना 2 चम्मच सूरजमुखी के बीजों का सेवन करने से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को संतुलित करने और प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम, थायराइड के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
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